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'मुस्लिमों को भड़का रहे हैं कट्टरपंथी' | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने कहा है कि उन इस्लामी कट्टरपंथियों के ज़हरीले दुष्प्रचार को तुरंत रोकने की आवश्यकता है जो देश के युवा मुस्लिमों को कट्टरपंथी बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में आतंकवाद का ख़तरा और बढ़ा है. ब्रितानी प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि ये ख़तरा एक पीढ़ी तक बना रह सकता है. गुरुवार को ब्रितानी ख़ुफ़िया एजेंसी एमआई-5 की प्रमुख डेम एलाइज़ा मैनिंघम बुलेर ने कहा था कि एजेंसी को 30 आतंकवादी हमलों की साज़िश का पता है और इस मामले में 1600 लोगों पर नज़र रखी जा रही है. प्रधानमंत्री ब्लेयर ने एमआई-5 की प्रमुख की चेतावनी को सही ठहराया. उन्होंने कहा, "एलाइज़ा ने बिल्कुल ठीक कहा है कि यह ख़तरा एक पीढ़ी तक बना रह सकता है. इस ख़तरे को सिर्फ़ सुरक्षा क़दमों से नहीं ख़त्म किया जा सकता." ब्लेयर ने कहा कि वे यह भी देख रहे हैं कि देश के आतंकवाद निरोधक क़ानून को कैसे और मज़बूत बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि हमें इस दुष्प्रचार का मुक़ाबला करने की आवश्यकता है जिसके ज़रिए लोगों को, ख़ासतौर पर युवाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है. चेतावनी गुरुवार को ब्रिटेन की ख़ुफ़िया एजेंसी एमआई-5 ने कहा था कि उसे 30 आतंकवादी हमलों की साज़िश का पता है जिससे देश को ख़तरा है.
एमआई-5 की प्रमुख डेम एलाइज़ा मैनिंघम बुलेर ने कहा है कि ख़ुफ़िया एजेंसी इन साज़िशों के सिलसिले में 1600 लोगों पर नज़र रखे हुए है. उन्होंने चेतावनी दी कि ख़तरा काफ़ी गंभीर है और लगातार बढ़ रहा है. बुलेर ने कहा कि भविष्य में आतंकवादी हमलों में रसायनिक और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है. एमआई-5 की प्रमुख का कहना है कि जिन साज़िशों के बारे में ख़ुफ़िया एजेंसी को जानकारी हैं, उनमें से कई का संबंध अल क़ायदा से है. उनका कहना है कि साज़िश में शामिल कई लोग सीधे पाकिस्तान में अल क़ायदा नेताओं से आदेश ले रहे हैं. दूसरी ओर मुस्लिम काउंसिल ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन ने ख़ुफ़िया एजेंसी की इस चेतावनी को गंभीर बताया है. संगठन के महासचिव इनायत बंग्लावाले का कहना है कि यह समझने की आवश्यकता है कि कैसे युवा कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहे हैं. एमआई-5 की इस चेतावनी पर इस्लामिक मानवाधिकार आयोग के मसूद शादजारेह ने कहा है कि वे इस बात को स्वीकार करते हैं कि आतंकवादी हमले का ख़तरा है लेकिन इसे परिप्रेक्ष्य में रखने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, "9/11 के बाद एक हज़ार से ज़्यादा लोग आतंकवाद निरोधक क़ानून के तहत गिरफ़्तार किए जा चुके हैं. लेकिन उनमें से सिर्फ़ 27 लोगों को दोषी पाया गया. और उन 27 लोगों में से सिर्फ़ नौ मुसलमान थे." बयान एमआई-5 की प्रमुख डेम एलाइज़ा सार्वजनिक रूप से कम ही बयान देती हैं. लेकिन गुरुवार को एक भाषण में उन्होंने ब्रिटेन और ख़ुफ़िया एजेंसी के सामने चुनौतियों का ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा कि लंदन में सात जुलाई के हमलों के बाद से पाँच अन्य बड़े हमलों की साज़िश को नाकाम किया गया है. एलाइज़ा ने कहा, "इस समय ख़ुफ़िया अधिकारी और पुलिसकर्मी 1600 से ज़्यादा लोगों वाले 200 ग्रुप या नेटवर्क से निपटने में लगे हैं. और हमें नहीं पता कि कितने और लोग हैं जो यहाँ या अन्य देशों में साज़िश करने और आतंकवादी हमलों में सहायता करने में सक्रिय रूप में शामिल हैं." उन्होंने कहा कि आज तो हमें घर में बने आधुनिक विस्फोटकों का इस्तेमाल देखने को मिल रहा है लेकिन कल ऐसा भी हो सकता है कि इनमें रसायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल हो. एमआई-5 की प्रमुख ने बताया कि ख़ुफ़िया एजेंसी जिन 200 ग्रुपों या नेटवर्क पर नज़र रखे हुए हैं, उनमें से कुछ पर ज़्यादा नज़र है. क्योंकि आशंका है कि वे वास्तविक हमलों की साज़िश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम कई साज़िशों के बारे में जानते हैं, जिनमें लोगों की हत्या करने और अर्थव्यवस्था को नुक़सान पहुँचाने की कोशिश की जा रही है. कई साज़िशों का मतलब पाँच या दस नहीं...हम क़रीब 30 साज़िशों के बारे में जानते हैं." 'पाकिस्तान' एलाइज़ा मैनिंघम बुलेर ने कहा कि अक्सर ऐसी साज़िशों का संबंध पाकिस्तान स्थित अल क़ायदा से होता है और इन संबंधों के माध्यम से अल क़ायदा इन्हें निर्देश और प्रशिक्षण देता है.
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इन 30 साज़िशों में से कुछ कम विश्वसनीय हो सकती हैं. लेकिन जब तक उनकी पूरी जाँच नहीं हो जाती कुछ भी कहना मुश्किल है. अमरीका में 11 सितंबर के हमले के बाद से ब्रितानी ख़ुफ़िया एजेंसी एमआई-5 ने अपने कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ा दी है और अब यह संख्या क़रीब 2800 है. लेकिन एमआई-5 की प्रमुख का कहना है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि इतनी संख्या के बावजूद एजेंसी उन सभी गतिविधियों की जाँच नहीं कर सकती. एमआई-5 की ओर से ये चेतावनी ऐसे समय आई है जब दो दिन पहले ही एक ब्रितानी युवक को हमलों की साज़िश रचने के मामले में कम से कम 40 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. चौतीस वर्षीय धीरेन बारोट रेडियोधर्मी तत्त्वों का इस्तेमाल कर बनने वाले 'डर्टी बम' से हमले की योजना बना रहा था. |
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