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'आतंकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध' का नया नाम | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमरीका 'आंतकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध' को अब नया नाम देने पर विचार कर रहा है. अमरीका पर जब 2001 में हमला हुआ था तो राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अल क़ायदा के विरुद्ध शुरू किए गए अभियान को ‘आंतकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध’ का नाम दिया था. लेकिन अब बुश प्रशासन इस अभियान का नाम बदल रहा है. प्रशासन ने अब इस 'लड़ाई' को 'अल क़ायदा के ख़िलाफ़ वैचारिक संघर्ष' का नाम दिया है. ये बदलाव ऐसे समय में आया है जब अमरीका में आम लोग इराक़ को लेकर नाउम्मीद होते जा रहे हैं. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि इस क़दम का मक़सद संघर्ष का दायरा और व्यापक करना है. अमरीका के रक्षा मंत्री डोनाल्ड रम्सफ़ेल्ड ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में इस नई परिभाषा का प्रयोग किया. रक्षा मंत्री ने एक नौसैनिक अधिकारी की तारीफ़ में कहा कि 'आज़ादी और सभ्यता के दुश्मनों के ख़िलाफ़ चल रही लड़ाई' में उन्होंने देश की सेवा की. अमरीका के उच्चतम सेना अधिकारी जनरल मायर्स भी कुछ इसी अंदाज़ में बोलते नज़र आए. जनरल मायर्स ने एक कार्यक्रम में कहा कि ‘ये सैन्य से ज़्यादा कूटनीतिक, आर्थिक और राजनैतिक समस्या है’. भाषा में बदलाव इससे पहले इस महीने पूर्व ब्रितानी विदेश मंत्री रॉबिन कुक ने अमरीका के राष्ट्रपति की भाषा पर ऐतराज़ जताया था. अगर जॉर्ज बुश के हाल के भाषणों पर नज़र डालें तो उन्होंने अपने भाषणों में आज़ादी, लोकतंत्र और वैचारिक मतभेद जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है. एक वरिष्ठ अमरीकी सैनिक कमांडर ने बताया है कि चुनिंदा शब्दों के इस्तेमाल को लेकर अमरीका अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है. 'आंतकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई' का उपयोग सबसे पहले 40 के दशक में पश्चिमी देशों की प्रेस में किया गया था. उस समय ब्रिटेन के उपनिवेश फ़लस्तीनी क्षेत्र पर हमले हो रहे थे और ब्रिटेन इन्हें रोक़ने की कोशिश में लगा हुआ था. उसके बाद 1990 के दशक में अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति रॉनल्ड रेगन ने भी इसका उपयोग किया था. लेकिन 9/11 के हमले के बाद तो ये जैसे एक नारा ही बना गया - उस लड़ाई का जो अमरीका चरमपंथियों और उन्हें समर्थन देने वालों के ख़िलाफ़ लड़ रहा है. |
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