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'ग्लैमरस होना तो तारीफ़ की बात है'
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अगर आपने येस बॉस, प्यार तो होना ही था और जंगल जैसी हिट हिंदी फ़िल्में देखी हैं तो आप अभिनेत्री कश्मीरा शाह के नाम से ज़रूर
वाकिफ़ होंगे.
वास्तव, दिल पे मत ले यार और मर्डर जैसी कई फ़िल्मों के आईटम गानों में कश्मीरा शाह लोगों का दिल लुभा चुकी हैं. हाल में कश्मीरा लंदन आईं तो बीबीसी संवाददाता वंदना ने उनसे ख़ास बातचीत की. पेश हैं इस बातीचीत के कुछ प्रमुख अंश- आपको हमेशा ग्लैमर से जोड़ कर देखा जाता है. फ़िल्मों में भी आपकी छवि हमेशा एक ग्लैमरस अभिनेत्री की रही है. इस छवि में कितना सहज महसूस करती हैं आप. इस छवि में मैं अच्छा महसूस करती हूँ. काम तो मिल रहा है- ग्लैमरस रोल हों या साधारण रोल. वैसे मैने रेवती नाम की एक फ़िल्म की थी जो कचरा बीनने वाली लड़की की कहानी थी और ये रोल ग्लैमरस नहीं था. जंगल में भी मैने बिल्कुल मेकअप नहीं किया था और लोगों ने इसमें मुझे पसंद भी किया था. सो ये तो लोगों के देखने का नज़रिया है. मैं गंभीर रोल कर सकती हूँ. लेकिन अगर लोग मुझे ग्लैमरस कहते हैं तो ठीक है, मैं इसे तारीफ़ के तौर पर लेती हूँ. बात ग्लैमर की हो रही है, तो ग्लैमर और अश्लीलता में फ़र्क होता है. लेकिन कई लोगों का मानना है कि आज की तारीख़ में दोनों के बीच का फ़र्क मिटता जा रहा है. क्यों 70 के दशक में जो फ़िल्में बनती थीं जैसे बॉबी, उनमें हीरोइनें कितने छोटे कपड़े पहनती थीं, बिंदुजी वगैरह. उसे तो लोग अच्छा मानते थे. ये तो लोगों के देखने का नज़रिया है. एक अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म उत्सव में आपको 'बेस्ट क्लोस अप' का अवार्ड मिला है अंग्रेज़ी फ़िल्म 'माई बॉलीवुड ब्राइड' के लिए. इस तरह का अवार्ड पाने वाली मैं पहली अभिनेत्री हूँ और पहली भारतीय भी. झुर्रियों रहित ख़ूबसूरत त्वचा और ख़ूबसूरत चेहरे के लिए ये पुरस्कार शुरू किया गया है. दुनिया भर की करीब 358 अभिनेत्रियों में से मुझे चुना गया. तो इस ख़ूबसूरती का राज़ क्या है. कुछ ख़ास राज़ नहीं है. मुझे लगता है कि अगर बाहरी रूप से आप ख़ूबसूरत दिखना चाहते हैं तो आपका अंदर से खुश होना बेहद ज़रूरी है. मॉडलिंग और फ़िल्मों के अलावा आपने नाटकों में भी काम किया है. इसके बारे में कुछ बताइए. हाल ही में मैने वंदना सजनानी के निर्देशन में ब्यूटी, ब्रेन्स और पर्सनेलीटी नाम के अंग्रेज़ी नाटक में काम किया था जिसमें तेजस्वनी कोल्हापुरी भी थीं. इसके अलावा मैने मकरंद देशपांडे के साथ तीन हिंदी नाटकों में भी काम किया है. इन सब में मैने गंभीर भूमिका की है. आपकी आने वाली फ़िल्मों के बारे में बताइए. क्या आप क्षेत्रीय फ़िल्मों में भी काम कर रही हैं? फ़िल्मकार राम गोपाल वर्मा के साथ मैं एक क्षेत्रीय फ़िल्म कर रही हूँ. हिंदी फ़िल्म 'और पप्पू पास हो गया' में मुख्य भूमिका निभा
रही हूँ. इसके अलावा एक अंग्रेज़ी फ़िल्म में भी काम कर रही हूँ. |
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