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वाजपेयी ने की मध्यावधि चुनावों की बात | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने पार्टी के सांसदों से कहा है कि वे मध्यावधि चुनावों के लिए तैयार रहें और अपने संसदीय क्षेत्रों के संपर्क में रहें. वाजपेयी ने मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि काँग्रेस के नेतृत्ववाली यूपीए सरकार की अस्थिरता बढ़ती जा रही है. भाजपा के लोक सभा में उपनेता विजय कुमार मल्होत्रा ने पत्रकारों को बताया कि वाजपेयी ने बैठक में कहा, ''जब भी यूपीए सरकार अस्थिर होती है, वो जल्द चुनाव की बातें करने लगती है. फिर वह इस मामले पर चुप्पी साध लेते हैं.'' वाजपेयी ने कहा,'' मध्यावधि चुनाव होते हैं या नहीं, लेकिन हमें तैयार रहना चाहिए और लगातार लोगों के संपर्क में रहना चाहिए.'' उन्होंने लोक सभा और राज्यसभा में भाजपा के प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि सांसद लोगों तक यह अपनी बात पहुँचाएँ. प्रसन्नता व्यक्त सांसदों को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी का यह आरोप ग़लत है कि विपक्ष ने महिला आरक्षण विधेयक पर अपना रुख़ बदल लिया है. आडवाणी का कहना था कि यूपीए महिला आरक्षण विधेयक पर सहमति जुटा पाने में अपनी 'असफलता' के लिए भाजपा को दोषी ठहरा रहा है. जबकि उसके कुछ सहयोगियों ने इसे पेश होने से रोकने तक की घोषणा कर दी थी. आडवाणी ने मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष की 'सकारात्मक भूमिका' पर संतोष व्यक्त किया. उनका कहना था कि इसकी वजह से सरकार एक दिन में कई विधेयक पारित कर सकी. |
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