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मंगलवार, 21 जून, 2005 को 08:37 GMT तक के समाचार
 
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प्रधानमंत्री ने दिया वाजपेयी को जवाब
 
सियाचिन में मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की स्थिति से कोई समझौता नहीं किया गया
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा है कि सरकार ने हुर्रियत नेताओं की पाकिस्तान यात्रा से निपटने में कोई कोताही नहीं बरती.

मनमोहन सिंह ने कहा है कि हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से बाहर निकलकर दूसरे हिस्सों में जाने की अनुमति देना पाकिस्तान का निर्णय था.

मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री के पत्र के जवाब में लिखा है कि पाकिस्तान ने ऐसा करके श्रीनगर-मुज़फ़्फ़राबाद बस सेवा के लिए बनी सहमति का उल्लंघन किया है.

प्रधानमंत्री का कहना है कि सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को आगे ले जाने के प्रति वचनबद्ध है. और भारत के जम्मू कश्मीर को लेकर रुख़ को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं है.

मनमोहन सिंह ने कहा,'' मैंने हर संभव अवसर पर कहा कि सीमाएँ दोबारा निर्धारित नहीं की जा सकती हैं. साथ ही हमने स्पष्ट कर दिया है कि तीसरे पक्ष की बातचीत में कोई भूमिका नहीं होगी.''

हुर्रियत नेताओं की पाकिस्तान यात्रा के सवाल पर मनमोहन सिंह ने कहा है कि यह कहना उचित नहीं होगा कि भारतीय अधिकारी हुर्रियत नेताओं की यात्रा से सही तरीके से नहीं निपट सके.

 मैंने हर संभव अवसर पर कहा कि सीमाएँ दोबारा निर्धारित नहीं की जा सकती हैं. साथ ही हमने स्पष्ट कर दिया है कि तीसरे पक्ष की बातचीत में कोई भूमिका नहीं होगी
 
मनमोहन सिंह

जहाँ तक हुर्रियत नेताओं की यात्रा को अनुमति देने का प्रश्न है तो वह तय नियमों के अनुसार ही दी गई.

साथ ही, जिन हुर्रियत नेताओं के पास पासपोर्ट नहीं थे उनके अनुरोध पर पासपोर्ट जारी किए गए.

मनमोहन सिंह ने स्पष्ट किया कि पिछले 12 महीनों में हमारे किसी भी क़दम से भारत की किसी भी स्थिति के साथ समझौता नहीं हुआ है.

वाजपेयी की आपत्ति

इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही शांति प्रक्रिया को लेकर मनमोहन सरकार की नीतियों पर गंभीर आपत्ति जताई थी और कहा था कि हुर्रियत नेताओं की यात्रा से ठीक ढंग से नहीं निपटा गया.

  भारतीय अधिकारियों ने हुर्रियत की पाकिस्तान यात्रा को सही तरीके से नहीं निपटाया. हुर्रियत नेताओं को भारतीय पासपोर्ट दिया जाना चाहिए था और उनसे अंतरराष्ट्रीय सीमा से पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए कहना था
 
अटल बिहारी वाजपेयी

इस संबंध में वाजपेयी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया है कि हुर्रियत को जम्मू कश्मीर की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार के मुक़ाबले अधिक प्रमुखता दी जा रही है.

वाजपेयी का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह शांति प्रक्रिया अब कश्मीर केंद्रित होकर रह गई है. पाकिस्तान भी ऐसा ही चाहता था.

वाजपेयी का कहना है, '' भारतीय अधिकारियों ने हुर्रियत की पाकिस्तान यात्रा को सही तरीके से नहीं निपटाया. हुर्रियत नेताओं को भारतीय पासपोर्ट दिया जाना चाहिए था और उनसे अंतरराष्ट्रीय सीमा से पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए कहना था.''

वाजपेयी का कहना है कि इन कारणों से पाकिस्तान को कश्मीर को विवादास्पद क्षेत्र कहने का मौक़ा मिला.

 
 
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