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शुक्रवार, 16 मार्च, 2007 को 15:36 GMT तक के समाचार
 
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फ़िल्मों पर भी छाया विश्व कप का जुनून
 

 
 
हैट्रिक
फ़िल्म हैट्रिक में कुणाल कपूर की अहम भूमिका है
विश्व कप क्रिकेट शुरू हो चुका है और हर जगह क्रिकेट का बुख़ार छाया हुआ है. अब भला क्रिकेट के इस बुख़ार में हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री कैसे पीछे रह सकती हैं.

निर्माता-निर्देशक तो मानो अपनी फ़िल्मों के लिए इस विश्व कप का ही इंतज़ार ही कर रहे थे.

क्रिकेट विषय से तीन फ़िल्में विश्व कप के दौरान ही रिलीज़ को तैयार हैं जिनमें मिलन लूथरिया की हैट्रिक, चंद्रकांत कुलकर्णी की मीराबाई नॉट आउट और सुभाष कपूर की सलाम इंडिया शामिल हैं. लेकिन हर फ़िल्म की अपनी कहानी है और अपने किरदार हैं.

चंद्रकांत कुलकर्णी निर्देशित फ़िल्म मीराबाई - नॉट आउट जिसका दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार था, रिलीज़ के लिए तैयार है.

कुंबले भी पर्दे पर

इस फ़िल्म में क्रिकेट की दुनिया से लोकप्रियता पाने वाली मंदिरा बेदी के अलावा पहली बार बड़े परदे पर आ रहे हैं एज़ाज़ खान. फ़िल्म में लेग स्पिनर अनिल कुंबले भी दिखेंगे.

निर्देशक के मुताबिक़ इस फ़िल्म की ख़ास बात यह है कि अनिल कुंबले किसी किरदार को नहीं निभाएंगे बल्कि वो जो हैं वही इस फ़िल्म में भी रहेंगे.

 यह फ़िल्म एक ऐसी कहानी पर आधारित है जिसमें हर किसी की ज़िंदगी की किसी न किसी तरह क्रिकेट से जुड़ी हुई है. डैनी खुद एक खिलाड़ी रह चुके हैं. क्रिकेट का खेल और हमारी ज़िंदगी में भी कई समानताएँ होती है, कोई हिट होता है तो कोई प्लॉप. मेरे किरदारों की भी ज़िंदगी किसी न किसी तरह क्रिकेट से जुड़ी हुई है
 
मिलन लूथरिया

चंद्रकांत कहते हैं, “यह फ़िल्म क्रिकेट के विषय पर नहीं बल्कि क्रिकेट के उत्साह को भी जोड़ने की कोशिश की गई है. मंदिरा बेदी क्रिकेट को लेकर काफ़ी उत्साहित रहती हैं और क्रिकेट की वजह से ही लोग इन्हें ज़्यादा जानते हैं इसीलिए मंदिरा को लेने से इस फ़िल्म में चार चाँद लग गए. चूँकि आजकल क्रिकेट का माहौल है और हमने पहले से ही यह तय किया था कि विश्व कप के दौरान ही इस फ़िल्म को रिलीज़ किया जाएगा”.

मंदिरा बेदी का कहना है कि वे अपनी फ़िल्म की सफलता के लिए दुआ कर रही हैं, वहीं वह सभी भारतीयों से मेन इन ब्लू यानी भारतीय टीम का उत्साह बढ़ाने की भी गुज़ारिश करती हैं.

सुभाष कपूर की फ़िल्म से सलाम इंडिया में संजय सूरी, मिलिंद सोमण और संध्या मृदुल की अहम भूमिका है. फ़िल्म में संजय सूरी और मिलिंद सोमण दोनों एक कोच की भूमिका में नज़र आएँगे.

संजय सूरी कहते हैं, "यह फ़िल्म क्रिकेट पर आधारित है और मैं इसमें एक कोच की भूमिका कर रहा हूँ. जिसे क्रिकेट का बहुत जुनून है. इस फ़िल्म में अपने विद्यार्थियों से मैं यही कहता हूँ कि वे क्रिकेट किसी ग़लत वजह से और नाम व पैसा कमाने के लिए न खेंले बल्कि अगर सचमुच उन्हें खेलना पसंद है तो खेलें."

मिलन लूथरिया की फ़िल्म हैट्रिक भी इसी सप्ताह अपना कमाल दिखाने बॉक्स ऑफिस पर उतर रही है. इस फ़िल्म में कुणाल कपूर, रिमी सेन के अलावा डैनी डैंजोगप्पा की भी अहम भूमिका है जो लंबे समय के बाद फ़िल्मों में नज़र आएँगे.

'क्रिकेट पर आधारित'

निर्देशक मिलन लूथरिया कहते हैं, "यह फ़िल्म एक ऐसी कहानी पर आधारित है जिसमें हर किसी की ज़िंदगी की किसी न किसी तरह क्रिकेट से जुड़ी हुई है. डैनी खुद एक खिलाड़ी रह चुके हैं. क्रिकेट का खेल और हमारी ज़िंदगी में भी कई समानताएँ होती है, कोई हिट होता है तो कोई प्लॉप. मेरे किरदारों की भी ज़िंदगी किसी न किसी तरह क्रिकेट से जुड़ी हुई है.”

अनिल कुंबले भी पर्दे पर दिखेंगे

कुणाल कपूर अपनी इस फ़िल्म के विश्व कप के दौरान ही रिलीज़ किए जाने को लेकर काफ़ी उत्साहित दिखे. उन्होंने कहा, "मुझे ख़ुद क्रिकेट का बहुत शौक है और मैं इसे बचपन से खेलता आ रहा हूँ. इस फ़िल्म में मैं ज़िम्मेदारियाँ लेने से डरता हूँ. मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी है कि मेरी फ़िल्म क्रिकेट के दौरान ही रिलीज़ हो रही है और मुझे पूरी उम्मीद है कि दर्शकों को यह फ़िल्म ज़रूर पसंद आएगी."

लेकिन हर कोई इसी इस विचार से सहमत नहीं है कि विश्व कप के दौरान ही फ़िल्म रिलीज़ करने से उनकी फ़िल्म को फ़ायदा होगा.

जैसा कि क्रिकेट पर ही आधारित एक और फ़िल्म शून्य के निर्देशक अरिंदम मित्रा कहते हैं, "मेरी यह फ़िल्म क्रिकेट पर बनी है लेकिन यह विश्व कप के दौरान रिलीज़ नहीं हो रही है. मुझे नहीं लगता कि अगर विश्व कप के दौरान ही यह फ़िल्म प्रदर्शित होती तो ज़्यादा चलती. मैं अपना पूरा समय लेकर और सही समय आने पर यह फ़िल्म रिलीज़ करूँगा."

अब मौसम और प्लेयर भले ही क्रिकेट का हो लेकिन इस बात का फ़ैसला तो हमारे दर्शक ही करेंगे कि कौन से फ़िल्मकार ने उनकी पसंद और उनके स्वाद की फ़िल्म उन्हें पड़ोसी है.

 
 
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