BBCHindi.com
अँग्रेज़ी- दक्षिण एशिया
उर्दू
बंगाली
नेपाली
तमिल
 
शनिवार, 09 सितंबर, 2006 को 19:20 GMT तक के समाचार
 
मित्र को भेजें कहानी छापें
अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार शबाना को
 

 
 
शबाना आज़मी
शबाना आज़मी कई सामाजिक अभियानों से भी जुड़ी रही हैं
लंदन स्थित गांधी फ़ाउंडेशन ने इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार भारत की जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आज़मी को दिए जाने की घोषणा की है.

शबाना आज़मी यह पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय नागरिक होंगी.

लंदन स्थित गांधी फ़ाउंडेशन की स्थापना 'गांधी' फ़िल्म के निर्देशक रिचर्ड एटेनबरो ने की थी.

कई तरह के सामाजिक प्रश्नों पर सक्रियता से काम करती आईं शबाना आज़मी से इस पुरस्कार की घोषणा के कुछ ही देर बाद बीबीसी ने बातचीत की.

उन्होंने बताया कि 26 अक्तूबर को ब्रितानी संसद के 'हाउस ऑफ़ लार्ड्स'
में उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इससे पहले 'हाउस ऑफ़ कॉमन्स' में आयोजित एक समारोह में उन्हें भाषण देने का मौका भी मिलेगा.

जब उनसे पूछा कि वो इस पुरस्कार के लिए उनका नाम तय किए जाने को किस तरह से देखती हैं तो उनका कहना था, "यक़ीनन बहुत ख़ुशी हो रही है पर इस ख़ुशी के साथ एक ज़िम्मेदारी का एहसास भी होता है. मुझे ख़ुशी है कि मैं वो पहली भारतीय हूँ जिसे यह पुरस्कार दिया जा रहा है."

औचित्य

 मुझे लगता है कि आज के दौर में गांधी के मूल्यों की आवश्यकता और भी ज़्यादा बढ़ गई है. महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला जैसे लोगों का संदेश और काम आने वाली कई सदियों तक लोगों के ऊपर ज़्यादा प्रभाव डालेगा
 
शबाना

ये पूछे जाने पर कि देश और दुनिया में जिस तरह की स्थितियाँ पैदा हुई हैं, क्या उनमें महात्मा गांधी की बातों और उनके नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कारों का कोई औचित्य है, उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि आज के दौर में गांधी के मूल्यों की आवश्यकता और भी ज़्यादा बढ़ गई है."

उनका कहना था, "महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला जैसे लोगों का संदेश और काम आने वाली कई सदियों तक लोगों के ऊपर ज़्यादा प्रभाव डालेगा."

शबाना मानती हैं कि महात्मा गांधी के कई सिद्धांतों को आज दुनियाभर में अपनाए जाने की ज़रूरत है.

बीबीसी ने शबाना से पूछा कि क्या ब्रिटेन की संसद में अपने भाषण में वो आतंकवाद के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय अभियान में ब्रितानी सरकार की नीतियों पर उठ रहे सवालों पर भी टिप्पणी करेंगी?

उनका कहना था, "ऐसा तो नहीं है कि मैं जो बात करूँ वह इन अहम मुद्दों से हटकर होगी पर उसे कहने का तरीका क्या होगा, वो किस तरह से कही जाएगी इसका मुझे एहसास है. यह ध्यान रखना होगा कि मैं कहाँ बोल रही हूँ और बात किस तरह से कही जानी चाहिए."

पुरस्कार की घोषणा के बाद लंदन में गांधी शांति पुरस्कार समिति के संयोजक उमर हयात ने बीबीसी के साथ बातचीत में बताया कि फ़ाउंडेशन का मक़सद दुनियाभर में चर्चित लोगों को पुरस्कृत करना नहीं है, बल्कि उन लोगों को सम्मानित करना है जो काफ़ी अच्छा काम कर रहे हैं पर ज़्यादा चर्चा में नहीं रहे हैं.

 
 
इससे जुड़ी ख़बरें
सुर्ख़ियो में
 
 
मित्र को भेजें कहानी छापें
 
  मौसम |हम कौन हैं | हमारा पता | गोपनीयता | मदद चाहिए
 
BBC Copyright Logo ^^ वापस ऊपर चलें
 
  पहला पन्ना | भारत और पड़ोस | खेल की दुनिया | मनोरंजन एक्सप्रेस | आपकी राय | कुछ और जानिए
 
  BBC News >> | BBC Sport >> | BBC Weather >> | BBC World Service >> | BBC Languages >>