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गुरुवार, 23 सितंबर, 2004 को 23:17 GMT तक के समाचार
 
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'पद्मश्री लालू प्रसाद यादव'
 

 
 
पद्मश्री लालू प्रसाद यादव के अभिनेता-अभिनेत्रियाँ
फ़िल्म में कई प्रमुख अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने काम किया है
पद्मश्री लालू प्रसाद यादव. ये पढ़ने के बाद आप इससे पहले कि सामान्य ज्ञान की कोई किताब खोजने लगें कि भारत के बहुचर्चित रेल मंत्री को ये सम्मान कब दिया गया, रुकिए.

आप सोचने लगे होंगे कि उन्हें अख़बारों की सुर्खियों में सबसे ज़्यादा आने के लिए ये सम्मान दिया गया या सबसे ज़्यादा विवादों में घिरे रहने के लिए.

मगर ऐसा कुछ भी नहीं है. असल बात ये है कि उनके नाम और व्यक्तित्व का फ़ायदा उठाने के लिए जल्द ही आने वाली एक नई फ़िल्म का नाम ये रखा गया है.

'पद्मश्री लालू प्रसाद यादव' एक हास्य फ़िल्म है जिनमें पद्मश्री, लालू, प्रसाद और यादव चार अलग-अलग किरदारों के नाम है.

फ़िल्म में प्रसाद की भूमिका निभाई है फ़िल्म के निर्देशक महेश मांजरेकर ने.

वह इससे पहले अस्तित्व और काँटे जैसी फ़िल्में बना चुके हैं.

महेश कहते हैं कि फ़िल्म में राजनीति का रा भी नहीं है और कहानी का रेल मंत्री से कोई सरोकार नहीं है.

उनके अनुसार, "मैं कोई भी चार नाम रख सकता था जैसे सुनीता, अमर, अकबर और एंथनी. लेकिन मुझे ऐसा नाम चाहिए था जो लोग कभी भूले नहीं. एक ही व्यक्तित्व है हमारे देश में जिसे कोई पहचान देने की ज़रूरत नहीं है. वो है लालू जी."

लालू की मौजूदगी

तो ज़ाहिर है महेश मांजरेकर को जाना पड़ा पटना, लालूजी से इजाज़त लेने.

जॉनी लीवर, सुनील शेट्टी, महेश मांजरेकर
जॉनी लीवर ने यादव, सुनील शेट्टी ने लालू का और महेश मांजरेकर ने प्रसाद की भूमिका निभाई है

उसके बारे में वह बताते हैं, "मुझे पता था कि लालूजी का अंदाज़ काफ़ी मज़ाकिया है और मुझे पता था कि वह मुझे इजाज़त दे देंगे. उन्होंने यही किया भी और कहा कि रख दो, कोई प्रॉब्लम नहीं है."

महेश के अनुसार इसके बाद उन्हें भी लालच आ गया कि अगर लालू प्रसाद यादव फ़िल्म के किसी सीन में भी आ जाएँ तो क्या बात है.

बस उन्होंने इसके बाद तुरंत ही लालू यादव के सामने ये प्रस्ताव भी रख दिया और वह मान भी गए. महेश ने कहा, "हम माँगने गए थे एक आँख, मिल गई तीन."

फ़िल्म में लालू का किरदार निभा रहे हैं बॉलीवुड के ऐक्शन हीरो सुनील शेट्टी और यादव की रूप में हँसाएँगे जॉनी लीवर.

लेकिन फ़िल्म की कहानी घूमती है पद्मश्री के इर्द-गिर्द, जिसका किरदार निभा रही हैं मासूमी.

'मक़बूल' और 'चुपके से' में अभिनय कर चुकीं मासूमी के लिए कॉमेडी फ़िल्म में काम करने का ये पहला मौक़ा है.

 मैं कोई भी चार नाम रख सकता था जैसे सुनीता, अमर, अकबर और एंथनी. लेकिन मुझे ऐसा नाम चाहिए था जो लोग कभी भूले नहीं. एक ही व्यक्तित्व है हमारे देश में जिसे कोई पहचान देने की ज़रूरत नहीं है. वो है लालू जी
 
महेश मांजरेकर, फ़िल्म निर्देशक

उनका कहना था, "कॉमेडी मेरे लिए आसान हो जाता है क्योंकि असल ज़िंदग़ी में भी मैं काफ़ी ख़ुशमिज़ाज हूँ और सेट पर भी हमेशा हँसी मज़ाक होता रहता है."

मगर सिर्फ़ फ़िल्म ही उनके इर्द-गिर्द नहीं घूमती बल्कि वह फ़िल्म में भी सबको घुमाती ही रहती हैं.

मासूमी कहती हैं, "पद्मश्री की ज़िंदग़ी में जो भी आता है वो सबको घुमाकर अपने ऊपर लट्टू कर देती है."

पद्मश्री एक हीरों के व्यापारी की लड़की है जिसका साथी हीरे चुराकर भाग जाता है और पद्मश्री निकलती है हीरों की खोज में.

फ़िल्म की काफ़ी शूटिंग दक्षिण अफ़्रीका के केपटाउन में की गई है.

मासूमी मानती हैं कि फ़िल्म साइन करने की एक वजह इसका नाम भी थी.

वह भी लालू प्रसाद के जादू को मानते हुए कहती हैं, "मेरे ख़्याल से लालू जी भारत में ही नहीं पूरे विश्व में लोकप्रिय हैं."

उनके अनुसार इस फ़िल्म को आगे बढ़ाने में इसका नाम ही प्रमुख भूमिका निभाएगा.

यानी फ़िल्म पर्दे पर जैसी भी दिखे मगर पोस्टरों और प्रचार के दौरान इसका नाम ही लोगों को काफ़ी आकर्षित करेगा.

 
 
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