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आईएमएफ़ में सुधारों की बात उठी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की नीति निर्धारण समिति ने संस्था के निदेशक से कहा है कि आईएमएफ़ में जिस तरह सदस्य देश मतदान करतें हैं उसमें बदलाव करने के लिए नए प्रस्ताव रखे जाएँ. ये बयान समिति की वाशिंगटन में हुई बैठक के बाद दिया गया. समिति ने कहा है कि ये प्रस्ताव आईएमएफ़ की सिंगुपर में सितंबर में होने वाली बैठक तक तैयार हो जाने चाहिए. आईएमएफ़ की समिति ने स्वीकार किया कि संस्था में सभी सदस्य देशों को समान प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. आईएमएफ़ में किसी भी देश का मतदान अधिकार, संस्था को दिए जाने वाले आर्थिक योगदान के हिसाब से तय होता है. और आर्थिक योगदान देश की अर्थव्यवस्था के हिसाब से. विकासशील देशों की शिकायत रही है कि इस प्रणाली के चलते आईएमएफ़ में अमीर देशों का दबदबा रहता है. माना जा रहा है कि आईएमएफ़ के निदेशक अपने प्रस्तावों में कुछ सुझाव देंगे जिसमें फिलहाल कुछ देशों का मताधिकार बढ़ाने की बात शामिल हो सकती है. इसके बाद बड़े स्तर पर सुधारों की घोषणा की जा सकती है. जिन देशों के मताधिकार बढ़ाए जा सकते हैं उनमें चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल हो सकते हैं जिनकी अर्थव्यवस्था में तेज़ी से विकास हुआ है. लेकिन कुछ विकासशील देश एक ही बार में बड़े सुधारों की बात रख सकते हैं. आईएमएफ़ की नीति निर्धारण समिति में 24 देशों के वित्त मंत्री या केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल होते हैं. | इससे जुड़ी ख़बरें ग़रीब देशों की क़र्ज़माफ़ी का फ़ैसला22 दिसंबर, 2005 | कारोबार क़र्ज़ माफ़ी योजना को मिली मंज़ूरी25 सितंबर, 2005 | पहला पन्ना कैसे काम करता है विश्व बैंक?16 मार्च, 2005 | कारोबार धनी देशों की क़र्ज़ माफ़ी योजना मंज़ूर25 सितंबर, 2005 | पहला पन्ना ग़रीबी कम करने का लक्ष्य पहुँच से दूर13 अप्रैल, 2005 | पहला पन्ना वृद्धि दर पर मुद्रा कोष चिंतित10 अप्रैल, 2003 | पहला पन्ना | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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