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ग़रीब देशों की क़र्ज़माफ़ी का फ़ैसला | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कार्यकारी बोर्ड 19 बेहद ग़रीब देशों का क़र्ज़ माफ़ करने पर सहमत हो गया है. मुद्रा कोष का यह फ़ैसला आठ विकसित देशों की जुलाई में स्कॉटलैंड में हुई बैठक में लिए गए फ़ैसले को लागू करने की दिशा में अगला क़दम है. उस सम्मेलन में विकसित देशों न ग़रीब देशों का क़र्ज़ माफ़ करने की योजना की घोषणा की थी. लेकिन मुद्रा कोष ने पश्चिम अफ्रीकी देश मौरितानिया को क़र्ज़ राहत देने से तब तक इनकार कर दिया है जब तक कि वह अपनी नीतियों में कुछ बदलाव नहीं करता. बीबीसी के आर्थिक मामलों के संवाददाता मार्क ग्रेगरी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ऐसे बेहद ग़रीब देशों का क़र्ज़ माफ़ करने का फ़ैसला किया है जिनकी सालाना प्रतिव्यक्ति आय 380 डॉलर से कम है. इस फ़ैसले से पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि 20 देशों की सूची में से छह देशों को इस राहत से वंचित रखा जा सकता है, जब तक कि वे अपने यहाँ आर्थिक सुधारों के लिए तैयार नहीं होते हैं. पश्चिम अफ्रीकी देश मौरितानिया को क़र्ज़ राहत देने से इनकार के लिए यह तर्क दिया गया है कि वहाँ कुछ नीतियों में संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक प्रवक्ता ने कहा कि हो सकता है कि इस प्रक्रिया में ज़्यादा लंबा समय ना लगे, और हो सकता है कि सिर्फ़ कुछ सप्ताहों का ही समय लगे. मोटे तौर पर देखें तो मुद्रा कोष आठ विकसित देशों की योजना को ही लागू कर रहा है जिस पर जुलाई 2005 में स्कॉटलैंड में सहमति हुई थी. इस योजना में कुछ बेहद ग़रीब देशों को तीन अरब तीस करोड़ डॉलर तक की क़र्ज़ राहत मिलेगी जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को अदा करना था. दो अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाएं - विश्व बैंक और अफ्रीकी विकास बैंक को अभी इस बारे में फ़ैसला करना है कि क्या उन्हें भी ग़रीब देशों पर क़र्ज़ माफ़ कर देना चाहिए या नहीं. संभावना तो यही जताई जा रही है कि विश्व बैंक और अफ्रीकी विकास बैंक भी आठ विकसित देशों की योजना को ही आगे बढ़ाएंगे. | इससे जुड़ी ख़बरें जी8 में अफ़्रीकी सहायता का स्वागत09 जुलाई, 2005 | पहला पन्ना अफ़्रीका को 50 अरब डॉलर की सहायता08 जुलाई, 2005 | पहला पन्ना 'अफ़्रीकी देशों का पूरा कर्ज़ माफ़ हो'05 जुलाई, 2005 | पहला पन्ना जी आठ में क्या हैं बड़े मुद्दे04 जुलाई, 2005 | पहला पन्ना जी-8 से पहले अफ़्रीकी देशों का सम्मेलन04 जुलाई, 2005 | पहला पन्ना इंटरनेट लिंक्स बीबीसी बाहरी वेबसाइट की विषय सामग्री के लिए ज़िम्मेदार नहीं है. | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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