मायावती के भतीजे आकाश आनंद क्या बन पाएँगे उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी?

अनंत झणाणें

बीबीसी संवाददाता, लखनऊ

आकाश आनंद

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इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी ज़िम्मेदारी दी है.

आकाश आनंद पहली बार चर्चा में तब आए, जब 2019 के लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन किया था.

उस साल 15 जनवरी को अखिलेश यादव ख़ुद मायावती को जन्मदिन की बधाई देने के लिए उनके घर पहुँचे थे.

चुनावी माहौल में आकाश आनंद की एक झलक मिलते ही मीडिया में आकाश के मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी होने की अटकलें सुर्ख़ियाँ बटोरने लगीं.

मीडिया की नज़रों में पहली बार आने के चार साल बाद आख़िरकार आकाश आनंद अब बसपा की राजनीति का कितना बड़ा चेहरा हैं?

और क्या सिर्फ़ राजनीति उनका एकमात्र पेशा है या वो कारोबारी भी हैं?

आइए जानते हैं आकाश आनंद के बारे में, जिन्हें कुछ बसपाई मायावती के बाद पार्टी का सबसे बड़ा नेता मानते हैं.

नीले कोट में मायावती के पीछे मौजूद हैं आकाश

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इमेज कैप्शन, नीले कोट में मायावती के पीछे मौजूद आकाश आनंद, जब मायावती के साथ पहली बार दिखे.

'सीईओ और एमडी' आकाश आनंद

बीबीसी को यूट्यूब पर 16 जनवरी 2020 को छपी एक क्लिप मिली, जिसमें एक मीडिया चैनल आकाश आनंद का उनके नए हाइपरमार्केट डेरिका के लांच पर बात कर रहा है.

इंटरव्यू अंग्रेज़ी में है और क्लिप के नाम में आकाश आनंद का पद सीईओ और एमडी, डीजेटी ग्रुप बताया गया है.

दो मिनट 29 सेकेंड के इस छोटे इंटरव्यू में आकाश डेरिका के बारे में बताते हैं कि अपने हाइपरमार्केट को चलने के लिए उन्होंने 400 लोगों को नौकरी दी है और उनकी कोशिश रहेगी कि वो स्थानीय लोगों को ही नौकरी देंगे.

इंडियन रिटेलर डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट में आकाश आनंद के हाइपरमार्केट के बारे में तीन आर्टिकल छपे हैं.

इन आर्टिकल्स के मुताबिक़ डेरिका हाइपरमार्केट का एक ऐप भी है. उसके देश भर में पाँच स्टोर्स हैं और साल के अंत तक 25 और स्टोर खोलने जा रहे हैं.

आकाश आनंद

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इमेज कैप्शन, तस्वीर आकाश आनंद के लिंक्डइन प्रोफ़ाइल से.

क्या कहता है लिंक्डइन प्रोफ़ाइल

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बीबीसी को आकाश आनंद के नाम से एक लिंक्डइन प्रोफाइल भी मिली जिसमें उनकी तस्वीर लगी हुई है.

उसमें उनका पद फ़ाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, डीजेटी कॉरपोरेशन एंड इंवेस्टमेंट्स लिखा हुआ है.

लिंक्डइन प्रोफाइल से और जानकारी मिलती है कि आकाश डीजेटी कॉरपोरेशन एंड इंवेस्टमेंट्स के संस्थापक हैं और उन्होंने यह कंपनी सात साल पहले अप्रैल 2016 में बनाई.

इसमें ये भी जानकारी है कि आकाश ने 2013 से 2016 के बीच यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ़ प्लीमथ से बीबीए की पढ़ाई की है.

इस प्रोफ़ाइल के मुताबिक़ वो गुडगाँव के पाथवेज़ वर्ल्ड स्कूल से पढ़ चुके हैं.

लिंक्डइन की प्रोफाइल में वो अपने बारे में लिखते हैं, "आकाश पहली पीढ़ी के बिज़नेस परिवार में पैदा हुए है, जो एक साधारण परिवार है. आकाश हमेशा से कुछ बड़ा करने के सपने देखते रहे हैं. अपने निजी अनुभवों की वजह से वो एक उद्यमी बने और अपने आप अपना बिज़नेस शून्य से स्थापित करने निकल पड़े. फ़िलहाल आकाश अपने ग्रुप की चार कंपनियों का ज़िम्मा संभाले हुए हैं और रिटेल ट्रेड, फ़ाइनेंस और इंश्योरेंस से जुड़े उनके बिजनेस ऑपरेशन संभाल रहे हैं."

आकाश आनंद

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2.5 करोड़ की गाड़ी गिरवी रख खड़ी की कंपनी?

बीबीसी को मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफ़ेयर्स की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक़ डीजेटी कॉरपोरेशंस एंड इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड 24 जनवरी 2017 में बनाई गई थी.

आकाश आनंद इसके डायरेक्टर हैं.

कंपनी का पता ज़ोरबाग (नई दिल्ली) है और उसका एक और ऑफिस नोएडा के सेक्टर 125 में भी है.

कंपनी की ऑथराइज़्ड कैपिटल 15 करोड़ है.

इसमें एक दिलचस्प जानकारी ये भी है कि आकाश आनंद की कंपनी ने 10 मई 2019 में ढाई करोड़ की एक गाड़ी को गिरवी रख कर को-लैटरल लोन लिया था.

प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लिए जाने वाले लोन को कोलैटरल लोन कहते हैं.

आकाश आनंद के अलावा मनीष प्रसाद और सचिन कुमार दो अन्य लोग भी कंपनी के डायरेक्टर बताए जाते हैं.

मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफ़ेयर्स की वेबसाइट पर आकाश आनंद पाँच अन्य कंपनियों के भी डायरेक्टर हैं.

ये कंपनियाँ हैं-

  • 10 अक्तूबर 2019 को बनी डीजेटी रिटेलर्स प्राइवेट लिमिटेड
  • 01 नवंबर 2018 को बनी डीजेटी फ़ाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
  • 01 नवंबर 2018 को बनी डीजेटी कॉरपोरेशंस एंड इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
  • 07 अप्रैल 2017 को बनी डीजेटी ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड
  • 11 अक्तूबर 2021 को बनी डीजेटी माइक्रो फ़ाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड
आकाश आनंद

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इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हैं आकाश

अगर आप बहुजन समाज पार्टी की वेबसाइट पर आकाश आनद के बारे में और उनकी ज़िम्मेदारियों के बारे में जानकारी खोजने की कोशिश करेंगे, तो शायद ही आपको वहाँ कुछ मिलेगा.

आकाश ने अपनी ट्विटर प्रोफ़ाइल जुलाई 2021 में बनाई और तकरीबन 2 साल में उनके 1 लाख 63 हज़ार से अधिक उनके फ़ॉलोअर्स हैं.

उनकी वेरिफ़ाइड प्रोफ़ाइल में वो अपने आप को बसपा का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बताते हैं और उन्हें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र भी फॉलो करते हैं.

लेकिन उनकी बुआ मायावती जो ख़ुद भी ट्विटर पर काफ़ी सक्रिय हैं, उन्हें ट्विटर पर फ़ॉलो नहीं करती हैं.

आकाश अपने पिता और बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार को भी ट्विटर पर फ़ॉलो करते हैं.

आकाश आनंद

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इमेज कैप्शन, अंबाला में बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर आकाश आनंद ने सभा को संबोधित किया.

कैसा भाषण देते हैं आकाश आनंद

9 अक्तूबर 2021 को हरियाणा के अंबाला में बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौक़े पर कहा था, "कांशीराम आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार हमें आज भी प्रेरणा देते हैं."

आकाश अपने भाषण में अंग्रेज़ी के अल्फ़ाज़ का काफ़ी इस्तेमाल करते हैं. जैसे कांशीराम के बारे में बात करते हुए वो उन्हें अंग्रेज़ी में, "सोर्स ऑफ़ इंस्पिरेशन बताते हैं."

आकाश आनंद के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर उनका दक्षिण भारत में दिया गया भाषण भी मिला, जिसमें उन्होंने अंग्रज़ी में 24 मिनट लंबा भाषण दिया है.

उसमें आकाश के पीछे बड़ी सी वीडियो स्क्रीन में दिख रहे प्रोजेक्शन में एक टेली-प्रॉम्प्टर भी नज़र आ रहा है, जिसकी मदद से वो भाषण दे रहे हैं.

अपने शुरुआती भाषणों में आकाश युवा होने की वजह से शायद कुछ ग़लतियाँ भी करते थे. जैसे उन्होंने एक भाषण में मायावती को बसपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बता दिया लेकिन असल में वो पार्टी की सुप्रीमो हैं और लंबे समय से अध्यक्षा रही हैं.

अपने भाषणों में वो बसपा की समितियों में नौजवानों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक करने की बात करते हैं. वे मायावती की तरह "साम दाम दंड भेद" जैसे राजनीतिक जुमलों का इस्तेमाल करते हैं.

लेकिन अपने भाषणों में वो बसपा की निर्धारित लाइन के तहत बयान देते हैं और अपनी राजनीतिक पहचान बनाने के नज़रिए से वो कोई ऐसी बात नहीं कहते हैं, जिसमे उनके उभरते हुए राजनीतिक चरित्र और महत्वकाँक्षाओं की झलक दिख सके.

भगवान सिंह

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इमेज कैप्शन, आकाश आनंद के साथ भगवान सिंह (पगड़ी में)

बसपा नेताओं की राय

इसी साल अप्रैल में आकाश आनंद की गुरुग्राम की डॉक्टर डॉ प्रज्ञा से धूमधाम से शादी हुई, जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए.

भगवान सिंह बाबा राजस्थान बसपा के अध्यक्ष हैं.

आकाश आनंद के बारे में पूछे जाने पर वो कहते हैं कि अप्रैल में ही उन्होंने उनकी शादी में शिरकत की थी.

वो बताते हैं कि 2018 में राजस्थान में बसपा के 6 विधायक चुनकर आए थे, लेकिन बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

भगवान सिंह बताते हैं कि बहनजी ने आकाश आनंद को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की ख़ास ज़िम्मेदारी दी है और वो लगातार राजस्थान में दिखेंगे.

वो आकाश आनंद को, "यंग ब्लड" बताते हुए कहते हैं, "युवाओं में उनको लेकर क्रेज़ है. बहनजी के परिवार के सदस्य हैं, उनके भतीजे हैं. लोगों की सोच है कि ये बहुजन मूवमेंट को आगे बढ़ाएँगे."

वो बताते हैं कि आकाश आनंद ने अलवर में दो बार. करौली में एक बार और जयपुर में पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है.

भगवान सिंह बाबा आकाश को मायावती का राजनीतिक उत्तराधिकारी मानते हैं.

वो कहते हैं, "लोग इनकी ओर देखते हैं कि वो मूवमेंट को आगे बढ़ाएँगे."

उत्तर प्रदेश में आकाश आनंद की राजनीतिक भूमिका के बारे में भगवान सिंह बाबा कहते हैं कि राजस्थान में आकाश को, "यूथ आइकॉन" की तरह देखा जाता है.

वे कहते हैं, "लोग समझते हैं कि अगर वो टाइम देंगे तो उससे बसपा को फ़ायदा होगा."

फरवरी में वो जेएनयू भी गए थे, जहाँ एक छात्र ने उनके बारे में कांशीराम से तुलना करते हुए ट्वीट किया, "जेएनयू में मान्यवर साहब की उपस्थिति के बाद आज बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर @AnandAkash_BSP की युवाओं के साथ वार्ता इतिहास को दोहराती है. #युवाशक्तिऔरआकाश"

मध्य प्रदेश में बसपा के सचिव राम कुमार गौतम बताते हैं कि 2018 में पार्टी के दो विधायक चुनकर आए थे.

पार्टी का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर होने के नाते आकाश आनंद का पार्टी में क़द और ज़िम्मेदारी काफ़ी बढ़ गई है.

गौतम कहते हैं, "वो बहुत बड़े नेता हैं हमारे. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जिस हिसाब से किसी को ज़िम्मेदारियाँ देती हैं, उसका उस हिसाब से क़द हो जाता है. अब बहनजी ने उन्हें राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया है तो लिहाज़ा बहनजी के बाद उनका ही क़द बड़ा है."

आकाश आनंद को राम कुमार गौतम युवा चेहरा बताते हैं और उम्मीद जताते हैं कि उन्हें देख कर लोग पार्टी से जुड़ेंगे और पार्टी संगठन में युवाओं को जगह मिल रही है.

राम कुमार गौतम को आकाश आनंद में सादगी नज़र आती है. उन्हें वो काफी इंटेलिजेंट लगते हैं और यह उनकी एक ख़ासियत है.

वे बताते हैं, "उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी है तो सब जगह जाते हैं, घूमते हैं तो और ज्ञान बढ़ जाता है."

उन्होंने बताया कि जुलाई में आकाश आनंद का बड़ा कार्यक्रम होना है.

आकाश आनंद

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क्या बन सकते हैं आकाश मायावती के उत्तराधिकारी?

उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ पत्रकार सुमन गुप्ता कहती हैं कि जब-जब उत्तराधिकार का प्रश्न उठा, तो मायावती ने मंच से कहा, "हमारा उत्तराधिकारी हमारे ही समाज से होगा और वो आपको बता दिया जाएगा."

लेकिन उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस बारे में मायावती ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है.

पहले मायावती ने यह भी कहा है कि उनका उत्तराधिकारी उनके परिवार का नहीं होगा.

सुमन गुप्ता कहती हैं कि बसपा और मायावती के सोशल मीडिया का काम बढ़ाने का काम आकाश आनंद के पार्टी के कामकाज में शामिल होने के बाद देखने को मिला.

आकाश आनंद के राजनीतिक कौशल के बारे में सुमन गुप्ता कहती हैं, "आकाश कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं. ना ही इनका कोई राजनीतिक ऐसा कार्य दिखाई पड़ा है. मायावती की कोई मदद करते होंगे तो उसके बारे में हम कुछ कह नहीं सकते हैं. तो क्या यह बहनजी का राजनीतिक उत्तराधिकारी हो सकता है, मुझे ऐसा नहीं लगता है.

सुमन गप्ता कहती हैं, "बहनजी की आप कितनी भी आलोचना करिए लेकिन वो कम से कम एक संघर्षशील महिला रही हैं. उनके अपने जीवन में बहुत सारे संघर्ष किए हैं और अपनी ज़िंदगी में बहुत सारे उतार चढ़ाव देखे हैं. लेकिन अभी तक आकाश के साथ ऐसा कुछ है नहीं."

उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति के दो युवा चेहरे नज़र आते हैं. एक भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद और दूसरे आकाश आनंद.

इस तुलना के बारे में सुमन गुप्ता कहती है, "जहाँ तक चंद्रशेखर का सवाल है, वो एक संघर्षशील व्यक्ति हैं. उसका अपना राजनीतिक मोर्चा है और उसके अलावा दलित युवा उनमें एक आकर्षण महसूस करता है और इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन मुझे नहीं लगता है कि आकाश के राजनीति में आने से दलित युवा बसपा के साथ हो जाएगा. वो बहनजी के साथ है वो आकाश के साथ भी होगा, इसमें मुझे संदेह है."

अंत में सुमन गुप्ता कहती हैं, "दलित युवा को एक विकल्प चाहिए, और आकाश में वो विकल्प नहीं दिखता है. जो विकल्प मुलायम के समय में अखिलेश में दिखता था वो विकल्प मायावती के समय में आकाश में नहीं दिखता है."

बीबीसी ने आकाश आनंद की बसपा में राजनीतिक ज़िम्मेदारियाँ और उनके व्यवसाय को और बेहतर जानने और समझने के लिए बसपा के राज्य सभा सांसद और आकाश आनंद के साथ दूसरे राज्यों में क़रीब से काम काम करने वाले रामजी गौतम से संपर्क करने की कोशिश की.

लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

बीबीसी ने पार्टी के पूर्व और मौजूदा मीडिया प्रभारियों के ज़रिए भी आकाश आनंद से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन आकाश आनंद से बात नहीं हो पाई.

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