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ज़िम्बाब्वे-ऑस्ट्रेलिया सिरीज़ रद्द हुई | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ज़िम्बाब्वे और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली श्रृंखला रद्द कर दी गई है. टेस्ट श्रृंखला में दो मैच खेले जाने थे जिनमें से पहला टेस्ट शनिवार को शुरू होना था. ज़िम्बाब्वे की टीम में खिलाड़ियों के चयन की प्रक्रिया को लेकर उठा विवाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी की अदालत में जा पहुँचा था. आईसीसी ने शुक्रवार को टेस्ट श्रृंखला रद्द करने का फ़ैसला किया. अलबत्ता तीन एकदिवसीय मैच पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक़ ही 25, 27 और 29 मई को खेले जाएंगे. ज़िम्बाब्वे के 15 श्वेत खिलाड़ियों ने हड़ताल कर दी थी जिसकी वजह से उसका खेल बुरी तरह प्रभावित हो रहा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि अधिकारी राजनीतिक कारणों से काले अनुभवहीन खिलाड़ियों को आगे बढ़ा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड ने कहा था कि उनके देश की टीम दुनिया में बेहतरीन टीमों के साथ क्रिकेट खेलना चाहती है और उन टीमों का चयन नस्ल और रंग के आधार पर नहीं होना चाहिए. फ़ैसला इससे पहले आईसीसी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले दुनिया के दस देशों के क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों के साथ टेली कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बातचीत की. जिसके बाद आईसीसी के दस सदस्य देशों ने इस मुद्दे पर वोट के ज़रिए मौजूदा सिरीज़ को रद्द करने का फ़ैसला किया. ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि अगर श्रृंखला को टेस्ट क्रिकेट का दर्जा नहीं दिया गया तो वे मैच नहीं खेलेंगे.
इस श्रृंखला की टेस्ट क्रिकेट की मान्यता रद्द करने के लिए कम से कम सात सदस्य देशों की मंज़ूरी ज़रूरी थी. आईसीसी के अध्यक्ष एहसान मानी ने कहा कि वे क्रिकेट की छवि को पहुँच रहे नुक़सान को लेकर चिंतित हैं. मानी ने कहा, "परंपरा यह रही है कि आईसीसी तब तक खिलाड़ियों और किसी देश के बोर्ड के बीच विवाद में हस्तक्षेप नहीं करती जब तक उससे अनुरोध न किया जाए." उन्होंने कहा,"आईसीसी की ज़िम्मेदारी है कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल की गरिमा की रक्षा करें इसलिए हमने सदस्य देशों की बैठक बुलाई है." विवाद टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान हीथ स्ट्रीक ने ज़िम्बाब्वे क्रिकेट यूनियन के सामने कुछ माँगे रखीं थीं और कई गड़बड़ियों की ओर ध्यान दिलाया था. इसके बाद ज़िम्बाब्वे क्रिकेट यूनियन ने उन्हें टीम से निकाल दिया था, विवाद में बाक़ी के चौदह खिलाड़ी भी कूद पड़े और मामला तूल पकड़ता गया. ज़िम्बाब्वे क्रिकेट यूनियन ने कप्तान हीथ स्ट्रीक की जगह तेतेंदा तैबू की कप्तानी में नए खिलाड़ियों की टीम को श्रीलंका के ख़िलाफ़ उतारा. इस टीम की श्रीलंका ने इतनी बुरी हालत कर दी कि इस बात पर चर्चा होने लगी कि क्या मैचों का स्तर ऐसा था कि उन्हें टेस्ट मैच माना जाए. श्रीलंका ने यह श्रृंखला 5-0 से जीत लिया और हर मैच में ज़िम्बाब्वे को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. अब ऑस्ट्रेलिया की टीम के दौरे को लेकर एक बार फिर वही बात उठ रही है कि अगर ज़िम्बाब्वे की टीम इतनी कमज़ोर है तो उसके ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को टेस्ट रिकॉर्ड में जगह देना कितना उचित होगा. |
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