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ज़िम्बाब्वे के बाग़ी क्रिकेटर हटाए गए | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने 15 बाग़ी क्रिकेटरों का क़रार रद्द कर दिया है. इन खिलाड़ियों ने बोर्ड के रवैए के ख़िलाफ़ विद्रोह का बिगुल बजाते हुए खेलने से इनकार कर दिया था. क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान जारी करके कहा है, "ये 15 खिलाड़ी 21 दिनों तक चयन के लिए उपलब्ध नहीं थे और इस तरह उन्होंने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया है." हालाँकि क्रिकेट बोर्ड ने अभी भी खिलाड़ियों के लिए दरवाज़ा पूरी तरह बंद नहीं किया है. बोर्ड का कहना है कि इनमें से कोई खिलाड़ी अगर चयन के लिए उपलब्ध रहता है तो उसके नाम पर ज़रूर विचार किया जाएगा. बखेड़ा सारा बखेड़ा उस समय शुरू हुआ जब ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने हीथ स्ट्रीक की कप्तानी छीनकर कम अनुभवी खिलाड़ी तटेंडा तैबू को कप्तानी सौंप दी.
दरअसल हीथ स्ट्रीक ने क्रिकेट बोर्ड के पास अपनी माँगों की एक सूची भेजी थी जिसमें चयन आयोग में बदलाव की माँग ज़ोर-शोर से उठाई गई थी. लेकिन क्रिकेट बोर्ड अपने रुख़ पर क़ायम रहा. ज़िम्बाब्वे की कम अनुभवी टीम श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक दिवसीय सिरीज़ में 5-0 से पिट गई और टेस्ट मैचों में भी उसका यही हाल है. इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि शायद क्रिकेट बोर्ड अपने रुख़ में थोड़ा बदलाव करें. खिलाड़ी भी मध्यस्थ के माध्यम से क्रिकेट बोर्ड से बातचीत करने को तैयार थे लेकिन उन्हें इस बात का भी डर था कि मध्यस्थ के माध्यम से हुआ कोई भी समझौता क़ानूनी नहीं होगा. सोमवार को ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने अपनी बैठक में इन 15 खिलाड़ियों का अनुबंध समाप्त करने की घोषणा कर दी. |
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