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मुरली की कलाई ने रचा इतिहास | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
श्रीलंका के ऑफ़ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा विकेट लेनेवाले गेंदबाज़ बन गए हैं. शनिवार को उन्होंने अपना 520 वाँ विकेट लेकर वेस्टइंडीज़ के गेंदबाज़ कर्टनी वॉल्श के कीर्तिमान को तोड़ डाला. ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाज़ एन्काला को आउट कर मुरलीधरन टेस्ट मैच के इतिहास में गेंदबाज़ी के शिखर स्थल पर जा पहुँचे. मुरली ने एक सीधी गेंद पर एन्काला को जयवर्धने के हाथों लपकवाकर इतिहास रचा. मुरलीधरन ने दो दिन पहले वॉल्श के 519 विकेट लेने के रिकॉर्ड की बराबरी की थी. प्रभावशाली करियर मुरली ने 520 विकेट लेने में सिर्फ़ 89 टेस्ट मैच लगाए जबकि वॉल्श को इतने विकेट हासिल करने के लिए 132 मैच खेलने पड़े थे.
शेन वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में 517 विकेट लिए हैं और वे 110 टेस्ट मैच खेल चुके हैं. वॉर्न के अलावा मुरली ही अकेले स्पिनर हैं जिन्होंने 500 विकेट की सीमारेखा को पार किया है. श्रीलंका की जीत हरारे टेस्ट में श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे को एक पारी और 240 रन से हरा दिया है. पहली पारी में श्रीलंका से 342 रन से पिछड़ने के बाद ज़िम्बाब्वे की दूसरी पारी 102 रन पर सिमट गई. खेल के पहले दिन ही मुरलीधरन ने ज़िम्बाब्वे के के छह विकेट चटखा दिए थे. उनकी घातक गेंदबाज़ी का परिणाम ये हुआ कि ज़िब्बाब्वे की टीम रगी सिर्फ़ 199 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गई. जवाब में श्रीलंका ने अपनी पहली पारी में 541 रन बनाए और 342 रन की बढ़त हासिल कर ली. मुरलीधरन ने दूसरी पारी में ज़िम्बाब्वे को दो बल्लेबाज़ों को आउट किया. जीत के साथ ही श्रीलंका ने दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में बढ़त बना ली है. |
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