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मुरलीधरन की नई गेंद 'अमान्य' घोषित | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी ने श्रीलंका के स्टार स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के "दूसरा" गेंद को ग़लत बताने वाली रिपोर्ट का समर्थन किया है. हाल ही में मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने हैं. मुरलीधरन ने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ जारी सिरीज़ के पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज़ के कर्टनी वॉल्श के रिकॉर्ड को पार किया. मुरलीधरन की यह ख़ास गेंद बल्लेबाज़ों को काफ़ी परेशान कर रही थी क्योंकि यह एक ऑफ़ स्पिन की तुलना में उलटी दिशा में घूमती थी और बल्लेबाज़ चकमा खा जाता था. मुरलीधरन का कहना था की सालों तक कोशिश करने के बाद उन्होंने ऐसी गेंद फेंकने में कामयाबी पाई थी. उल्लंघन लेकिन अब आईसीसी का कहना है कि मुरलीधरन इस ख़ास गेंद को फेंकते समय आईसीसी की निर्धारित सीमा का उल्लंघन करते हैं. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैल्कम स्पीड ने कहा, "रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि मुरलीधरन हद से बाहर जाकर गेंद फेंक रहे थे." मुरलीधरन की इस नई गेंद के एक्शन की जाँच ऑस्ट्रेलिया में हुई थी. वैसे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने मुरलीधरन को इस तरह की गेंद फेंकने से मना कर दिया है. दरअसल अपनी गेंदबाज़ी एक्शन को लेकर पहले से ही विवाद के घेरे में रहे मुरलीधरन को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड किसी नए विवाद में नहीं देखना चाहता है. वैसे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी को सलाह दी है कि वह अपनी नियमावली में बदलाव करने पर विचार करे. |
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