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मुरली 2007 के बाद अलविदा कहेंगे | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
श्रीलंका के स्टार स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने कहा है कि वह 2007 के विश्वकप में खेलने के बाद क्रिकेट को अलविदा कह देंगे. मुरलीधरन ने बुधवार को मीडिया से कहा, "मैं अगले विश्वकप तक खेलते रहना चाहता हूँ और एक अच्छे समय पर क्रिकेट को अलविदा कहूँगा. मैं रिटायर होने से पहले अपनी टीम के लिए विश्व कप जीतना चाहूँगा." विवादास्पद स्पिनर मुथैयार मुरलीधरन ने सबसे ज़्यादा विकेट लेने का कर्टनी वॉल्श का रिकॉर्ड पिछले हफ़्ते ही तोड़ा था. मुरलीधरन ने हरारे में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ खेलते हुए 521 विकेट लेने का रिकॉर्ड बना दिया है. ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेन वार्न मुरली के रिकॉर्ड से ज़रा ही पीछे हैं और उन्होंने 517 विकेट अपने नाम दर्ज कर रखे हैं. श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने मुरलीधरन से कहा था कि वह 'दूसरा गेंद' न फेंके क्योंकि यह नियम के विरुद्ध है. मुरलीधरन की यह ख़ास गेंद बल्लेबाज़ों को काफ़ी परेशान कर रही थी क्योंकि यह एक ऑफ़ स्पिन की तुलना में उलटी दिशा में घूमती थी और बल्लेबाज़ चकमा खा जाता था. मुरलीधरन का कहना था की सालों तक कोशिश करने के बाद उन्होंने ऐसी गेंद फेंकने में कामयाबी पाई थी.
पिछले महीने इस ख़ास गेंदबाज़ी का पता लगाया गया था और क़रीब एक पखवाड़ा पहले इसे नियम के ख़िलाफ़ घोषित कर दिया गया था. 32 वर्षीय मुरलीधरन श्रीलंका की उस टीम का भी सदस्य थे जिसने 1996 में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप जीता था. उस जीत के बारे में मुरली कहते हैं, "विश्व कप जीतने का मज़ा तो कुछ और ही था. उसे भला कैसे भुलाया जा सकता है." "विश्व कप तो मेरी उस कामयाबी से भी कहीं बड़ा था जो मैंने पिछले सप्ताह हरारे में हासिल की." मुरलीधरन इस समय छह विकेट प्रति मैच की रफ़्तार से विकेट ले रहे हैं और कहा जा रहा है कि अगर यही रफ़्तार जारी रही तो वह अपने क्रिकेट जीवन में एक हज़ार का आँकड़ा पार कर लेंगे. लेकिन मुरलीधरन ने कहा है कि इसमें उनका ख़ुद का योगदान कम और उनकी टीम की उपलब्धियाँ ज़्यादा हैं. |
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