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सोमवार, 07 अगस्त, 2006 को 06:32 GMT तक के समाचार
 
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पाठक रिपोर्ट पर संसद में हंगामा
 
संसद
पाठक समिति की रिपोर्ट लीक हो जाने पर पहले ही हंगामा हो चुका है
वोल्कर मामले की जाँच के लिए गठित पाठक समिति की रिपोर्ट लीक हो जाने को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ जिसके कारण संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

लोक सभा में भाजपा सांसदों ने काफ़ी देर तक नारेबाजी की. वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफ़े की माँग कर रहे थे.

भाजपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आ गए और वे नारे लगा रहे थे ‘सोनिया को बचाया, नटवर को फंसाया.’

काफ़ी देर नारेबाजी के बाद आख़िरकार लोक सभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी.

सोमनाथ चटर्जी सांसदों के रवैए से नाराज़ थे. लेकिन नारेबाजी रुकते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

राज्यसभा में भी इसको लेकर हंगामा हुआ और कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई.

संसद में रिपोर्ट

पाठक समिति की रिपोर्ट लीक हो जाने के बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए केंद्र की यूपीए सरकार ने इस रिपोर्ट को संसद में रखने का फ़ैसला किया है.

इसके साथ सरकार की कार्रवाई रिपोर्ट यानी एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) भी पेश की जाएगी.

इससे पहले सोमवार की सुबह मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें इस बारे में चर्चा हुई.

नटवर सिंह
नटवर सिंह का कहना है कि उन्हें और कांग्रेस को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पाठक समिति की रिपोर्ट में कथित रुप से पद के दुरुपयोग के दोषी ठहराए गए नटवर सिंह ने अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित कई पार्टियों ने नटवर सिंह के नोटिस को समर्थन देने का फ़ैसला किया है.

इस घटनाक्रम से नाराज़ कांग्रेस ने नटवर सिंह के कदम को अनुशासनहीनता कहा है और संकेत दे दिए हैं कि इसकी वजह से नटवर सिंह कांग्रेस से निकाले जा सकते हैं.

रिपोर्ट

इराक़ के तेल के बदले अनाज कार्यक्रम में हुए घोटाले की जाँच कर रही वोल्कर समिति ने लाभ उठाए जाने वालों में कांग्रेस पार्टी और नटवर सिंह का नाम लिया था.

इस पर जब संसद में हंगामा हुआ तो सरकार ने इसकी जाँच के लिए एक सदस्यीय समिति बना दी और सेवानिवृत न्यायधीश आरएस पाठक को जाँच की ज़िम्मेदारी सौंप दी.

पाठक समिति ने पिछले गुरुवार को अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी और उसी दिन शाम से ही मीडिया में रिपोर्ट के विवरण दिए जाने लगे.

ज़ाहिर तौर पर ये रिपोर्ट लीक हो गई थी. कथित रुप से इस रिपोर्ट में पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह और उनके बेटे जगत सिंह को पद के दुरुपयोग का दोषी पाया गया है और कांग्रेस को क्लीन चिट दे दी गई है.

एक ओर तो नटवर सिंह यह सफ़ाई देते रहे कि न वह किसी पद पर थे न सांसद थे तो पद का दुरुपयोग कैसा तो दूसरी ओर यह सवाल उठ रहे थे कि रिपोर्ट आख़िर लीक कैसे हुई.

प्रधानमंत्री कार्यालय और न्यायमूर्ति पाठक ने सफ़ाई दे दी कि उन्होंने रिपोर्ट लीक नहीं की है.

फिर संसदीय कार्यमंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने रिपोर्ट लीक होने की घटना की जाँच का ऐलान भी कर दिया. लेकिन बात बनी नहीं.

सरकार की रुचि इस रिपोर्ट को तत्काल संसद में रखने की तो नहीं दिख रही थी लेकिन पिछले तीन दिनों में जो माहौल बना है उसने सरकार का रुख़ बदल गया है.

लोकसभा अध्यक्ष ने भी रिपोर्ट लीक होने पर जिस तरह से नाराज़गी जताई है उससे भी सरकार के हौसले पस्त हुए हैं.

 
 
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