|
प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत में प्रवर्तन निदेशालय ने अंदलीब सहगल और क्रोएशिया में भारत के पूर्व राजदूत अनिल मथरानी से इराक़ यात्राओं और संयुक्त राष्ट्र के 'तेल के बदले अनाज' कार्यक्रम से लाभ उठाने के मामले में मंगलवार को पूछताछ की. अंदलीब सहगल से प्रवर्तन निदेशालय पहले भी इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुका है. प्रवर्तन निदेशालय ने मथरानी से सोमवार को भी लगभग छह घंटे पूछताछ की थी. दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख सुधीर नाथ नटवर सिंह के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों की जाँच के सिलसिले में मंगलवार को इराक़ रवाना हो गए. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुधीर नाथ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल इराक़ रवाना हुआ है. इसके पहले क्रोएशिया में भारत के राजदूत रहे अनिल मथरानी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने 2001 के इराक़ दौरे के समय अपने बेटे जगत सिंह और उनके मित्र अंदलीब सहगल को तेल का कूपन दिलाने में मदद की थी. मथरानी 2001 में इराक़ गई कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. संयुक्त राष्ट्र के इराक़ के लिए विशेष कार्यक्रम 'तेल के बदले अनाज' में भ्रष्टाचार की जाँच के लिए गठित वोल्कर समिति ने नटवर सिंह का नाम लिया था. इसके बाद नटवर सिंह से विदेश मंत्रालय तो ले लिया गया था लेकिन अब भी वे बिना मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री हैं. | इससे जुड़ी ख़बरें नटवर के इस्तीफ़े पर संसद में हंगामा06 दिसंबर, 2005 | भारत और पड़ोस वोल्कर रिपोर्ट संसद में रखने से इनकार28 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस दयाल ने दस्तावेज़ हासिल किए24 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस दोषी व्यक्ति बख़्शे नहीं जाएँगे-सोनिया15 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस भ्रष्टाचार मामलों की जाँच कितनी गंभीर होती है?10 नवंबर, 2005 | आपकी राय 'ज़रूरत हुई तो उनसे भी पूछताछ करूँगा'07 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||