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डेनमार्क का शांति का प्रयास, हिंसक प्रदर्शन जारी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
डेनमार्क के प्रधानमंत्री आंदर्स फ़ो रासमुसेन ने कार्टूनों को लेकर जारी विवाद को ये कहते हुए शांत करने की कोशिश की है कि वे मुस्लिम जगत से बातचीत और सहयोग चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें कई देशों की तरफ़ से सहयोग के संदेश मिले हैं जिनमें कई मुस्लिम देश भी हैं. डेनिश प्रधानमंत्री ने कहा,"इस संकट को हमलोगों को बातचीत से सुलझाना चाहिए ना कि हिंसा से. डेनमार्क के लोग इस्लाम के दुश्मन नहीं हैं". लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि कट्टरपंथी और अतिवादी ताक़तें इस संकट की घड़ी का फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा,"हमें ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे कि हम असहिष्णु लोग हैं और इस्लाम को सहन नहीं कर सकते. ये ग़लत छवि है. कट्टरपंथी लोग जो संस्कृतियों और धर्मों का संघर्ष चाहते हैं वे इस छवि को और फैला रहे हैं". डेनमार्क और यूरोप के कुछ अख़बारों में हज़रत मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए जाने से नाराज़ मुसलमानों ने मंगलवार को भी कई देशों में प्रदर्शन किए. अफ़ग़ानिस्तान के प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई. वहाँ सोमवार को भी पाँच व्यक्तियों की जान चली गई थी. सोमालिया में भी एक व्यक्ति मारा गया था. अफ़ग़ानिस्तान में प्रदर्शनकारियों ने सैनिक संगठन नैटो के शांतिरक्षकों के एक वायुसेना अड्डे पर हमले का प्रयास किया जिसके बाद अब ब्रिटेन के और सैनिकों को वहाँ भेजा जा रहा है. इस बीच नॉर्वे ने शनिवार को सीरिया की राजधानी में अपने दूतावास को जलाए जाने के लिए सीरिया सरकार से हर्जाने की माँग की है. उधर जोर्डन में उन दो समाचारपत्रों के संपादकों के ख़िलाफ़ धर्म के अपमान का आरोप लगाया गया है. अगर ये आरोप साबित होते हैं तो उन्हें कम-से-कम एक वर्ष की जेल की सज़ा हो सकती है. प्रदर्शन मंगलवार को अफ़ग़ानिस्तान में राजधानी काबुल समेत कई शहरों, ईरान की राजधानी तेहरान, इंडोनेशिया में जकार्ता और सुराबाया और फ़िलीपींस में विरोध प्रदर्शन हुए. ईरान की राजधानी तेहरान में लगातार दूसरे दिन प्रदर्शनकारी डेनमार्क के दूतावास में चले गए और उन्होंने वहाँ पथराव किया. पाकिस्तान के पेशावर शहर में भी प्रदर्शन हुए. भारत प्रशासित कश्मीर में कार्टूनों के विरोध में आम हड़ताल बुलाई गई जिसका जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा. पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में मुज़फ़्फ़राबाद में भी बड़े प्रदर्शन हुए. काबुल में भी कई यूरोपीय देशों के दूतावासों पर पत्थरबाज़ी की गई जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को पीटा.
अफ़ग़ानिस्तान के जलालाबाद और हेरात शहर में भी प्रदर्शन हुए हैं. दक्षिणी फ़िलीपींस के कोटाबाटो शहर में सैकड़ों मुसलमानों ने प्रदर्शन कर डेनमार्क सरकार से उस समाचारपत्र को दंडित किए जाने की माँग की है जिसमें सबसे पहले विवादास्पद कार्टून प्रकाशित किए गए थे. इंडोनेशिया में देश के दूसरे सबसे बड़े शहर सुराबाया में डेनमार्क और अमरीका के वाणिज्यिक दूतावासों पर प्रदर्शन किए हैं. राजधानी जकार्ता में भी प्रदर्शन हुए हैं. भारत प्रशासित कश्मीर में भी कार्टूनों के प्रकाशन के विरोध में मंगलवार को आम हड़ताल बुलाए जाने के कारण दूकानें आदि बंद रहीं. अफ़ग़ानिस्तान अफ़ग़ानिस्तान में लगातार तीसरे दिन कार्टून विरोधी प्रदर्शन हुए और इस दौरान हिंसा भी हुई. मेमनेह शहर में तीन प्रदर्शनकारी मारे गए लेकिन वे कैसे मरे इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
अफ़ग़ानिस्तान के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोहम्मद नईम ने बीबीसी को बताया कि एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई है और दो व्यक्ति घायल हैं. अधिकारी ने बताया कि देश के उत्तर पश्चिम में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने एक ऐसे अड्डे पर हमला किया जहाँ नॉर्वे के शांतिरक्षक सैनिक रह रहे थे. अधिकारी का कहना है कि मारे गए प्रदर्शनकारी पर पुलिस ने गोली नहीं चलाई. वहीं नैटो की एक प्रवक्ता ने कहा है कि नैटो सैनिकों ने भी हवा में गोलियाँ चलाईं और भीड़ को निशाना नहीं बनाया. फ़रयाब प्रांत के निदेशक ने बीबीसी को बताया है कि मेमनेह में तीन लोग मारे गए हैं जबकि 30 लोग घायल हैं. अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभालनेवाले संगठन नैटो की एक प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने एक ऐसे वायुसैनिक ठिकाने पर हमला करने की कोशिश की जिसका नेतृत्व नॉर्वे के सैनिकों के हाथ में था. प्रवक्ता ने बताया कि नैटो सैनिकों ने इसके बाद हवा में गोलियाँ दागीं और आँसू गैस का इस्तेमाल किया लेकिन उन्होंने भीड़ पर गोली नहीं चलाई. प्रांत के डिप्टी गवर्नर सैयद अहमद सैयद ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा है कि अफ़ग़ान पुलिस ने तब गोली चलाई जब भीड़ की ओर से किसी ने गोली दागी. लेकिन एक वरिष्ठ अफ़ग़ान पुलिस अधिकारी मोहम्मद नईम ने बीबीसी को बताया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाई. झड़प में नॉर्वे के पाँच सैनिक भी घायल हो गए लेकिन प्रवक्ता ने बताया कि शाम तक स्थिति नियंत्रित कर ली गई थी. हालात को देखते हुए ब्रिटेन के सैनिकों को मेमनाह शहर भेजा जा रहा है. |
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