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कार्टून विवाद से नुक़सान की भरपाई | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों के विरोध के देखते हुए पश्चिमी देशों की सरकारों ने बहुत सतर्कतापूर्ण प्रतिक्रिया की है. पश्चिमी देशों की सरकारें नहीं चाहतीं कि इस विरोध को एक और ऐसे मौक़े के रूप में देखा जाए जो इस्लाम और पश्चिमी देशों के बीच टकराव की तरह नज़र आए. इसलिए रणनीति ये है कि इस आक्रोष को 'सभ्यता का टकराव' नहीं बनने दिया जाए. अधिकारियों को डर है कि इस्लामी कट्टरपंथी लोग इस मुद्दे को अपने फ़ायदे के लिए भुना सकते हैं और बढ़चढ़कर कह सकते हैं कि पश्चिमी देश इस्लाम के प्रति अदावत रखते हैं. कुछ इस्लामी वेबसाइट पहले से ही बदले की कार्रवाई करने की बात कर रही हैं. लेकिन यह मुद्दा सांस्कृतिक संघर्ष का रूप ले चुका है. यह तर्क भी उठा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा किसी धार्मिक अन्य समुदाय की संवेदनशीलताओं की क़ीमत पर किस हद तक जाना चाहिए. नुक़सान की भरपाई पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापे जाने से जो नुक़सान हुआ है उसकी भरपाई के उद्देश्य से कई सरकारों ने यह ठोस कोशिश शुरू की है कि जिन अख़बारों ने कार्टून छापे उन्हें ऐसा करने का अधिकार तो है लेकिन नहीं छापने की ज़िम्मेदारी भी है.
दूसरी तरफ़ विरोध प्रदर्शन करने वालों पर सरकार की निगाहें टिकी हैं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने इमारतें जलाई हैं और हिंसा की धमकियाँ भी दी हैं और उनमें से कुछ प्रदर्शनों में तो चरमपंथी तत्वों ने भी हिस्सा लिया है. पश्चिमी देशों की सरकारों ने उन प्रदर्शनकारी मुसलमानों के बीच भेद करना शुरू कर दिया है जो यह समझते हैं कि कार्टून छपने से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची है और दूसरे वे हैं जो यह समझते हैं कि उन्हें धमकियाँ देने और आगज़नी करने का अधिकार मिल गया है. इस भेद से सरकारों पर दबाव कुछ कम हुआ है और अब वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सही ठहराने की मुहिम में शामिल हैं लेकिन इस आलोचना के बीच कि मीडिया को इस अधिकार का इस्तेमाल ज़िम्मेदारी के साथ करना चाहिए. पश्चिमी वक्तव्य अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता सीयन मैक्कोरमैक का बयान: "मुस्लिम विरोधी छवि उसी तरह से अस्वीकार्य हैं जिस तरह से यहूदी विरोधी या ईसाई विरोधी छवि या फिर किसी अन्य धार्मिक आस्था वाले समुदाय विरोधी छवि. लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हमें स्वतंत्र विचारों को अभिव्यक्त करने के व्यक्तियों के अधिकार का भी समर्थन करना चाहिए."
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ का बयान: "सभी समाजों और संस्कृतियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का इस्तेमाल ज़िम्मेदारी के साथ होना चाहिए और यह अधिकार किसी समुदाय का असम्मान करने की हद तक नहीं जाता." फ्रांस के विदेश मंत्री फ़िलिप डूस्ट ब्लेज़ी का बयान: "यह सही है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ अधिकार जुड़ा है लेकिन इसके साथ ही उनपर कुछ ज़िम्मेदारी भी बनती है जो इस अधिकार का इस्तेमाल करते हैं." लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार और ज़िम्मेदारी या उत्तदायित्व के इस विवाद की पश्चिमी देशों में दक्षिणपंथी और उदारवादी गुटों ने आलोचना भी की है. लेकिन पश्चिमी देशों की सरकारें कोई बहुत सख़्त रुख़ अपनाने के लिए तैयार नहीं दिखती हैं. कार्टून छापने से जो लोग भावनात्मक रूप से आहत महसूस कर रहे हैं उनके प्रति सहानुभूति दिखाते हुए सरकारें उदारवादी मुसलमानों को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं ताकि वे मुद्दे को अतिवादी तत्वों से अपने हाथों में लेकर बहस को आगे बढ़ाएं. |
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