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'वो दिखने वाले टेलीविज़न पर' | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राजश्री प्रोडक्शंस इन दिनों बड़े परदे से छोटे पर उतर आया है. फिल्म निर्माण का अर्धशतक पूरा करने के बाद इस कंपनी ने इन दिनों पूरा ध्यान टेलीविजन कार्यक्रम बनाने पर केंद्रित कर रखा है. सिने जगत 2003 में रिलीज़ हुई ‘उफ़, क्या जादू मोहब्बत है’ के बाद से राजश्री की नई फ़िल्म का इंतज़ार कर रहा था. लेकिन अचानक 'सहारा वन' चैनेल ने सबको चौंका दिया- ‘वो रहने वाली महलों की’ सीरियल के विज्ञापनों के साथ. इसी महीने शुरू हुआ ये सीरियल दो दशक बाद राजश्री की टेलीविजन पर वापसी है. इससे पहले 1985 में इस कंपनी ने दूरदर्शन के लिए ‘पेइंग गेस्ट’ नाम का सीरियल बनाया था. लेकिन उन दिनों राजश्री की फिल्म निर्माण गतिविधियाँ भी खासी तेज़ थीं. इस बार खास बात यही है कि बड़े परदे पर राजश्री की दो साल से चली आ रही चुप्पी अब भी बरकरार है. हिंदी फिल्म जगत की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में गिनी जाने वाली राजश्री ने ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘मैने प्यार किया’ जैसी पारिवारिक और सुपर हिट फिल्में बनाई हैं. लेकिन उसके बाद ‘हम साथ साथ हैं’ की आधी अधूरी सफलता और ‘उफ, क्या जादू मोहब्बत है’ के पिटने के बाद राजश्री ने पिछले दो साल में किसी नई फिल्म की घोषणा नहीं की. फिल्म ट्रेड पंडित आलोक माथुर मानते हैं कि राजश्री प्रोडक्शंस फूंक-फूंक कर क़दम रख रहा है. वे कहते हैं, "राजश्री ने बड़ी लागत वाली फिल्में बनाना शुरु किया था. इनमें से कुछ फिल्में तो बड़ी सफल रहीं. लेकिन ताज़ा फिल्मों की नाकामी के बाद अब अगली फिल्म की तैयारी बहुत ठोक बजाकर कर रहा है." लेकिन कंपनी इस बात से इनकार करती है कि लगातार फिल्मों की असफलता की वजह से नई फिल्म की जगह राजश्री की वापसी टेलीविजन सीरियल के साथ हुई है. कंपनी के महाप्रबंधक पीके गुप्ता कहते हैं कि "ऐसा नहीं है कि कंपनी फिल्मों पर काम नहीं कर रही. लेकिन अब कंपनी टेलीविजन के लिए भी लगातार काम करेगी." पूरी तैयारी इसके लिए बाकायदा एक अलग डिवीजन बनाया गया है. ‘हम आपके हैं कौन’, ‘मैने प्यार किया’ और ‘हम साथ साथ हैं’ के निर्देशक सूरज बड़जात्या की बहन कविता बड़जात्या इस डिवीजन की सर्वेसर्वा हैं. वो मानते हैं कि राजश्री की पिछली फिल्म ‘उफ, क्या जादू मोहब्बत है’ के बाद अब तक कोई नई फिल्म नहीं शुरु हुई है और राजश्री का इतिहास देखते हुए इस अवधि को लंबा ब्रेक कहा जा सकता है. लेकिन इसके साथ ही वो ये बताने से भी नहीं चूकते कि सूरज बड़जात्या नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. विषय तय होते ही फिल्म का ऐलान भी होगा और उसके लिए ज़्यादा इंतज़ार भी नहीं करना पड़ेगा. पीके गुप्ता के मुताबिक कंपनी "टीवी सीरियल की लोकप्रियता आंक रही है. इसके बाद ही आगे के टेलीविजन कार्यक्रमों की दिशा तय की जाएगी." राजश्री का दावा है कि ये सीरियल इन दिनों विभिन्न चैनेलों पर चल रहे ज्यादातर सीरियलों से काफी अलग है. "इसमें न तो सुपरग्लैमरस वैम्प्स हैं, ना साज़िशे रचती रहने वाली दूसरी-तीसरी बीवियां या गर्लफ्रैंड, न ही फुफकारते या पुचकारते विलेन. ये सीरियल राजश्री की परंपरा का ही है." इस सीरियल की नायिका एक अमीर घर के लाड़ दुलार में पली छुईमुई लड़की है. बाद में उसकी जिंदगी एकदम बदल जाती है. और वो एक मध्यवर्ग की घरेलू महिला के सारे फर्ज़ भी बखूबी निभाने लगती है. राजश्री की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत यानी संगीत इस सीरियल की भी खासियत है. फिल्मों की तरह ही ये सीरियल भी गानों से सजा है. लेकिन टेलीविज़न दर्शक इस सीरियल को राजश्री की पुरानी फिल्मों जैसा प्यार देते हैं या नहीं, राजश्री के इस नए डिवीज़न का भविष्य तो इसी पर टिका ही है. |
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