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हिंदी सीखेंगी डायना हेडेन | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कई बार हिंदी फ़िल्मों के अभिनेता-अभिनेत्रियों को आप इंटरव्यू देते देख लें तो चकित रह जाएँ. परदे पर हिंदी के डायलॉग सहजता से बोलने वाले ये सितारे असली ज़िंदगी में हिंदी बोलते न सिर्फ़ हिचकिचाते हैं बल्कि एक-दो वाक्य के बाद अंगरेज़ी का सहारा लेने लगते हैं. लेकिन डायना हेडेन उनमें से नहीं हैं. वह इस बात को स्वीकार करती हैं कि उन्हें हिंदी फ़िल्मों में काम करना है तो भाषा पर अच्छी पकड़ ज़रूरी है. और इसीलिए डायना आजकल हिंदी में ट्यूशन ले रही हैं. वह इस पर भी ज़ोर दे रही हैं कि फ़िल्म के सेट पर सब उनसे हिंदी में बात करें. यही नहीं वह अपने अमरीकी उच्चारण से भी छुटकारा पाने की कोशिश में जुटी हैं. भाषा से इतना लगाव सचमुच क़ाबिले तारीफ़ है. * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * प्रीति बनीं पत्रकार 'कोई मिल गया' में एक अलग तरह का रोल करने के बाद ऋतिक रोशन अपनी आने वाली फ़िल्म 'लक्ष्य' में कुछ अलग हट के कर दिखाने जा रहे हैं.
इस फ़िल्म में आप ऋतिक को तीन अलग तरह के रूपों मे देखेंगे और उनके लिए ऋतिक ने तीन अलग तरह के हेयर स्टाइल अपनाए हैं. फ़िल्म में प्रीति ज़िंटा एक टीवी पत्रकार के रोल में हैं. अमिताभ बच्चन को भी इस फ़िल्म में कुछ अलग तरह की भूमिका निभाने का मौक़ा मिला है. फ़िल्म की काफ़ी कुछ शूटिंग लेह और लद्दाख़ की ऊँचाइयों में हुई है और इसमें कई मनोरम प्राकृतिक नज़ारे दिखाई देंगे. करगिल की पृष्ठभूमि में बनी इस फ़िल्म की एक ख़ास बात और है-और वह यह कि इसमें 15 साल बाद जावेद अख़्तर की एक पटकथा लेखक के तौर पर वापसी हुई है. 'दिल चाहता है' के बाद फ़रहान अख़्तर को अपनी इस दूसरी फ़िल्म से भी बहुत उम्मीदें हैं. * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * यह दोस्ती... भारत-पाकिस्तान दोस्ती के संकेत मिलते ही फ़िल्मकारों का रुख़ अब ऐसी फ़िल्मों की तरफ़ हो गया है जिन्हें सकारात्मक कहा जा सकता है.
हाल ही में रिलीज़ हुई 'मैं हूँ न' के बाद अब सतीश कौशिक के निर्देशन में ऐसी ही एक फ़िल्म बन रही है जिसे अभी नाम नहीं दिया गया है. लेकिन उसकी कास्ट तय हो गई है. अजय देवगन और पाकिस्तान के सुपरस्टार शान इसमें दो जिगरी दोस्तों की भूमिकाएँ निभाने जा रहे हैं. यह एक भारतीय पत्रकार मोईन बेग की ज़िंदगी पर आधारित सच्ची कहानी है और फ़िल्म के डायलॉग और पटकथा मोईन बेग ने ही लिखी है. अजय इस फ़िल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं. वह कहते हैं, "जब मैं ने यह स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे यह बहुत ही पसंद आई". "ये दो देशों की नहीं बल्कि दो दोस्तों की कहानी है. और मुझे पूरा यक़ीन है दर्शक इसे सराहेंगे". |
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