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गुरुवार, 14 अप्रैल, 2005 को 20:21 GMT तक के समाचार
 
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द्रविड़ की कमान में उतरेगी टीम
 

 
 
सौरभ गांगुली
गांगुली के बिना ही उतर रही है टीम कानपुर में
कानपुर की ग्रीन पार्क की पिच पर भारत ने पिछले चार मैचों में लगातार जीत हासिल की है, लेकिन वर्तमान श्रृंखला के पिछले दो मैचों में, जीत, लगातार पाकिस्तान के हाथ लगी है.

ऐसे में रोमांचकारी और मनोरंजक क्रिकेट की आस लगाए कानपुर के दर्शकों के पैसे, अच्छी तरह वसूल हो जाने की पूरी उम्मीद बंधा रही है ग्रीन पार्क की सपाट लेकिन रनों की बरसात के लिए तैयार दिखती पिच.

भारतीय टीम के लिए इस मैच से पहले की यादें बहुत मधुर नहीं हैं. एक तो श्रृंखला में दो शून्य की बढ़त हाथ से निकल चुकी है और दूसरे, टीम की नौका का खेवैया बीच मझधार में बदल दिया गया है.

भारत के शायद सफलतम कप्तान, कोलकाता के महराज, कानपुर का मैच कोलकाता में अपने घर पर बैठकर टेलीविज़न के पर्दे पर देखेंगे.

सौरभ गांगुली पर अगले 6 मैचों में खेलने पर आईसीसी के प्रतिबंध की घोषणा के बाद जब यह ख़बर आई कि एक हफ़्ते के लिए सौरभ को आईसीसी ने इस प्रतिबंध से राहत दे दी है.

तब ऐसा लगा कि शायद सौरभ को दोबारा कप्तानी की बागडोर सौंप दी जाएगी, लेकिन इस बार तो आईसीसी ने नहीं बल्कि बीसीसीआई ने ही सौरभ का दामन छोड़ दिया.

जब आईसीसी से मिली राहत की बात हुई तब नवनियुक्त कप्तान राहुल द्रविड़ ने यह कहकर बात टाल दी कि ‘मुझे इसकी कोई सूचना नहीं है. हमलोग तो मैच की तैयारी में लगे हैं. इन बातों पर हम ध्यान नहीं दे रहे हैं.’

बड़ी चुनौती

बहरहाल, सौरभ गाँगुली की अनुपस्थिति में राहुल द्रविड़ ‘एक बड़ी चुनौती’ का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं.

टीम में किसी फेरबदल की बात उन्होंने खुलकर तो नहीं की, बस इतना कहा कि कानपुर और दिल्ली की विकेट को देखते हुए टीम में तीन स्पिनर रखे गए हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर इनमें से दो को खिलाया जा सके.

राहुल द्रविड़
कप्तान का निशाना देखने की बात होगी

कुंबले, हरभजन और कार्तिक में से दो को शायद चुना जाए और ऐसी संभावना है कि दिनेश मोंगिया को भी शायद कानपुर में आज़माया जाए.

और रही पिच की बात, तो लगभग 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में, सूखी, बिना घास वाली, दरारों से भरी इस सपाट पिच के क्यूरेटर, भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता आनंद शुक्ल का मानना है कि इस पर पहले खेलने वाली टीम का पलड़ा थोड़ा भारी रहेगा, क्योंकि 50 ओवरों के बाद स्लो टर्न लेने वाली यह पिच स्पिनरों को मदद कर सकती है.

आनंद शुक्ल का कहना था कि इस पिच पर 260-270 रनों का जीत का लक्ष्य मुश्किल साबित हो सकता है. पाकिस्तान के उपकप्तान यूनुस ख़ान का भी मानना है कि कानपुर की पिच वैसी ही है जैसी आम तौर पर भारत और पाकिस्तान में होती है यानी पहले बल्लेबाज़ों और फिर स्पिन गेंदबाज़ों को मदद करने वाली पिच.

और इस पिच को देखते हुए राहुल द्रविड़ को यह कहने में ज़रा भी हिचकिचाहट नहीं हुई कि टॉस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.

वैसे पिच और ग्राउंड से निकलकर कानपुर शहर में निकलें तो वही समा बंधा नज़र आता है जो अहमदाबाद और जमशेदपुर में था. लाल बत्ती वाली पुलिस की गाड़ियों और ट्रकों का अम्बार और सड़क से लेकर टीमों के होटल तक पुलिसकर्मियों की भरमार.

टिकट ख़रीदने के लिए मारा-मारी को तैयार दर्शकों का ग़ुस्सा और निराशा और आयोजकों की शिकायत कि मैच के आयोजन को स्थानीय प्रशासन ने ‘हाइजैक’ कर लिया है.

बहरहाल, इन सब मुश्किलों और परेशानियों के बावजूद कानपुर के दर्शक मनोरंजक क्रिकेट के अदभूत दृश्यों की अपेक्षा में सबकुछ भूलकर बेसब्री से मैच शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.

 
 
66कप्तान बोले
अहमदाबाद में अंतिम गेंद फेंके जाने से पहले वह सिर्फ़ अल्लाह से दुआ कर रहे थे.
 
 
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