|
राजस्थान में दामन थामने की कोशिश
|
||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सत्ता में वापसी के लिए महिलाओं से बड़ी उम्मीद है.
राजे अपनी सभाओं में महिलाओं के प्रति अपने काम और अनुराग को बार बार दोहरा रही हैं. लेकिन विपक्ष का कहना है कि राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के राज में महिलाओं को बहुत मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा है. मुख्यमंत्री कभी मंदिर देवालयों में फेरी लगाती हैं तो कभी महिला समूहों के बीच ठुमके लगाती हैं और कभी उनसे घुलती मिलती हैं. वो अपनी सभाओं में महिला उत्थान के कामों की दुहाई देती हैं. पिछले पाँच साल में गंभीर जातिगत तनाव देख चुके राजस्थान में अब वसुंधरा राजे कह रही हैं कि यहाँ दो ही जातियाँ है-औरत और मर्द की.
वो अपनी सभाओं में मौजूद महिलाओं को खासतौर पर संबोधित करती हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर कहते है,'' मुख्यमंत्री ने महिलाओं पर खास ध्यान दिया है. इसका महिलाओं पर असर भी हुआ है. हमें इसका चुनाव में लाभ मिलेगा.'' भाजपा और वसुंधरा राजे के समर्थकों को लगता है कि सरकार ने महिलाओं के लिए बहुत कुछ किया है. भाजपा के मुताबिक,'' वसुंधरा राजे महिलाओं के लिए भामाशाह योजना भी ला रहीं थीं. मगर चुनाव आयोग ने रोक दिया. इस योजना के तहत 50 लाख महिलाओं को सहायता मिलनी थी.'' असहमति के स्वर मगर महिला आंदोलन से जुड़ी कविता श्रीवास्तव इससे सहमत नहीं हैं. वो कहती हैं,'' उनके राज में बालिकाएँ कोख में मर जाती रहीं और हमने सरकार के सामने भी ये रखना चाहा.पर राजे ने महिलाओं को समय तक नहीं दिया.''
उनका कहना था,'' वसुंधरा राजे एक विशिष्ट राजसी परिवार की महिला हैं, वे भारत के कृषक, मेहनतकश, मजदूर और आम महिला का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.'' श्रीवास्तव कहती है,'' उनके दिल में दर्द होता तो उनकी नजर कुपोषित बच्चों पर जाती.'' राजे ने आंगनवाडी में लगी महिलाओं की पुकार नहीं सुनी और उसमे भी भ्रष्टाचार होता रहा. उनके राज में जगह जगह शराब की दुकानें खुलीं और हम मिले तो राजे ने कहा कि इसका पैसा मिड डे मील के काम आ रहा है. सरकार ने एक हाथ से निवाला दिया और दूसरे हाथ से छीन लिया क्योंकि शराब की बिक्री महिला के ख़िलाफ़ हिंसा का काम करती है. इन पाँच वर्षों में राजे ने अपनी खास शैली से कहीं विरोधी खड़े किए तो कही समर्थक. मंगलसूत्र की राजनीति भाजपा महिला मोर्चा की सुषमा कँवर तो राजे पर अभिभूत हैं. वे भाजपा चुनाव चिन्ह वाले मंगल सूत्र बाँट रही है.
उनका कहना है कि बुराई करनेवालों का क्या, राजे ने बहुत काम किया है. वे महिलाओं में बहुत लोकप्रिय है. महिलाएं उन्हें अपना समझती हैं. उधर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभा ठाकुर कहती है कि एक महिला मुख्यमंत्री से अधिक संवेदनशील होने की उम्मीद थी. उनका कहना है कि वसुंधरा राजे के शासनकाल में महिलाओं पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. राज्य में 21 गोलीकांड हुए और इन सबका ख़ामियाजा महिलाओं को ही भुगतना पड़ा. राजे इन आलोचनाओं से विचलित नहीं हैं और अपनी सभाओं में जवाब देती घूम रही हैं. वसुंधरा राजे कहना है,'' उन्होंने शराब के दुकानों की संख्या कम की है. मैं औरत हूँ इसलिए आरोप लगा रहे हैं.'' पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते है कि हम राजे को एक महिला के रूप में नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के बतौर देखते हैं. गहलोत कहते है,'' वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप उनकी अपनी पार्टी के लोग ही लगा रहे है.'' बहरहाल, चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा कि महिलाओं पर वसुंधरा राजे का जादू कितना चला, लेकिन इतना तय है कि आम औरत की जिंदगी अब भी दुश्वार है. |
इससे जुड़ी ख़बरें
राजस्थान में कांग्रेस की सूची जारी 30 अक्तूबर, 2008 | भारत और पड़ोस
राजस्थान में जातिवाद की लहर03 नवंबर, 2008 | भारत और पड़ोस
नटवर सिंह बसपा से निकाले गए18 नवंबर, 2008 | भारत और पड़ोस
राजमहल आम लोगों के लिए खोला गया...14 अक्तूबर, 2008 | भारत और पड़ोस
राजस्थान का राजनीतिक परिदृश्य17 अक्तूबर, 2008 | भारत और पड़ोस
राजस्थान में आगामी चुनाव की तैयारियाँ...23 सितंबर, 2008 | भारत और पड़ोस
|
||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
|
|||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||