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विद्रोह का बिगुल बजाता मुल्ला एफ़एम | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पाकिस्तान की स्वात घाटी में पाकिस्तानी सेना से लड़ रहे कट्टरपंथी इस्लामी नेता मौलाना फ़ज़लुल्लाह ने कुछ ऐसे काम किए हैं जो बिल्कुल नए हैं और आधुनिक भी. बताया जाता है कि मौलाना फ़ज़लुल्लाह के तार इस्लामाबाद की लाल मस्जिद से जुड़े हैं. कुछ महीने पहले लाल मस्जिद के प्रबंधक, कट्टरपंथी मौलवी अब्दुल रशीद ग़ाज़ी को पाकिस्तानी सेना ने घेरकर मस्जिद में ही मार डाला था. लेकिन मौलाना फ़ज़लुल्लाह सैनिक कार्रवाई की भनक लगते ही पहाड़ों की तरफ़ निकल लिए जहाँ से वो अपने समर्थकों के साथ मिलकर सेना से लड़ रहे हैं. मगर मौलाना फ़ज़लुल्लाह भले ही कट्टरपंथी हों, नई टेक्नॉलोजी से उनकी कोई लड़ाई नहीं है. मौलाना फ़जलुल्लाह ने अपनाया है मुल्ला एफ़एम, उनका मुल्ला एफ़एम स्वात घाटी के कई इलाक़ों में सुनाई देता है. मुल्ला एफ़एम वहाँ के लोगों के लिए ये पहले मनोरंजन का साधन बना, फिर इस्लाम की अच्छी बातें सीखने का और फिर सरकार के ख़िलाफ़ मुल्ला फ़ज़लुल्लाह की बग़ावत के संदेश भेजने का. पेशावर विश्वविद्यालय के लेक्चरर सैयद इरफ़ान अशरफ़ कहते हैं, "किसी भी सैनिक अभियान में, चाहे वो सेना का हो या विद्रोहियों का, एक दूसरे को जानकारी देना, हमले का सही समय चुनना, लड़ाई में पीछे हटना और एक दूसरे का मनोबल बढ़ाना – इन सबकी अहम भूमिका होती है". एक स्थानीय चरमपंथी कमांडर ने बीबीसी संवाददाता को बताया कि उनके लिए ये काम मौलाना फ़ज़लुल्लाह का मुल्ला एफ़एम करता है. स्थानीय पत्रकार ग़ुलाम फ़ारूक का कहना है कि "मुल्ला एफ़एम पर तो यहाँ तक कहा गया कि लोग अपने टीवी रेडियो तोड़ दें ताकि सरकार का कुप्रचार वे न सुन सकें और कुछ लोगों ने तो ऐसा कर भी दिया". दिलचस्प बात ये है कि एफ़एम रेडियो को एक छोटे से ट्रांसमीटर से चलाया जा सकता है जिसे लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाया जा सकता है इसीलिए पाकिस्तान सरकार चाहकर भी इसे पूरी तरह बंद नहीं कर पा रही है. | इससे जुड़ी ख़बरें स्वात में जवानों सहित 13 की हत्या27 अक्तूबर, 2007 | भारत और पड़ोस चरमपंथी ठिकाने पर सेना का हमला26 अक्तूबर, 2007 | भारत और पड़ोस सैन्य काफ़िले पर हमले में अनेक हताहत25 अक्तूबर, 2007 | भारत और पड़ोस पाकिस्तान में रॉकेट हमले, 14 मारे गए25 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस पाकिस्तानी सैनिकों पर आत्मघाती हमला17 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस 'चरमपंथ के ख़िलाफ़ पाक को पूरा समर्थन'16 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस आत्मघाती हमलों में 40 लोगों की मौत15 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस हमले में 24 पाक सैनिक मारे गए14 जुलाई, 2007 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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