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भारत-पाक समुद्री व्यापार हुआ बहाल | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत सरकार ने 35 साल बाद पाकिस्तान के साथ समुद्री व्यापार फिर से बहाल करने को मंज़ूरी दे दी है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फ़ैसला किया गया. इस फ़ैसले के बाद दोनों देशों के बीच किसी तीसरे देश के मालवाहक जहाज़ से सामान लाने और ले जाने की गुंजाइश होगी. अगले महीने 13 से 15 तारीख़ के बीच दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच होने वाली बातचीत से पहले इस फ़ैसले को काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री व्यापार 1971 के युद्ध के बाद स्थगित कर दिया गया था. पहले भारत और पाकिस्तान के बीच कराची और मुंबई बंदरगाहों से व्यापार होता था. समझौता युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था. लेकिन इसके तहत दोनों देशों के बीच किसी तीसरे देश के जहाज़ से माल ढुलाई की अनुमति नहीं थी. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने कैबिनेट के फ़ैसले के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया, "ये व्यवस्था लागू होने के बाद किसी भी देश का जहाज़ भारत या पाकिस्तान के बंदरगाहों पर आकर एक-दूसरे का सामान उठा सकेगा. उसी तरह भारत और पाकिस्तान के जहाज़ एक-दूसरे के बंदरगाहों से अपना-अपना या फिर किसी अन्य देश का सामान उठा पाएँगे." प्रियरंजन दास मुंशी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण फ़ैसला है इससे जहाँ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा वहीं माल ढुलाई के भाड़े में भी प्रतियोगिता की शुरुआत होगी." यह महत्वपूर्ण निर्णय उस समय लिया गया है जब अगले महीने नई दिल्ली में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच बातचीत होने वाली है. | इससे जुड़ी ख़बरें भारत-पाक मतभेद उभरे31 अगस्त, 2002 | पहला पन्ना भारत-पाक कूटनीतिक द्वंद तेज़03 जून, 2002 | पहला पन्ना रिश्तों में सुधार: पाकिस्तान09 जून, 2002 | पहला पन्ना दशकों पुरानी कटुता07 अक्तूबर, 2003 | पहला पन्ना अमन पर ज़ोर देंगे दोनों नेता15 सितंबर, 2005 | पहला पन्ना | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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