|
एनडीए ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप को कहा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
'लाभ के पद' का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है और इस पर राजनीति तेज़ हो गई है. राष्ट्रीय जनताँत्रिक गठबंधन ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को घेरने की रणनीति के तहत राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से मुलाक़ात की. उन्होंने सरकार के संसद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के फ़ैसले पर विरोध जताया और राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वो संविधान के संरक्षक हैं इसलिए किसी ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर न करें. एनडीए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया और इसमें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, जसवंत सिंह और एनडीए संयोजक जॉर्ज फर्नांडिस शामिल थे. एनडीए नेताओं ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार लाभ के पद की सूची से कुछ पदों को बाहर करने की तैयारी कर रही है. प्रतिपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पत्रकारों से बातचीत में सीधे-सीधे आरोप लगाया कि यूपीए सरकार सोनिया गाँधी को सदस्यता बचाने के लिए दोहरे मापदंड अपना रही है. संसद में हंगामा इसके पहले 'लाभ के पद' को लेकर यूपीए सरकार के अध्यादेश लाने की ख़बर पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया जिसके कारण कार्यवाही नहीं चल पायी.
विपक्ष के विरोध के बावजूद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी गई. दोनों ही सदनों में विपक्ष ने यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गाँधी के इस्तीफ़े की मांग करते हुए नारे लगाए और जया बच्चन को वापस लाने की भी मांग की. कुछ सदस्यों ने लोक सभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के 'लाभ के पद' पर होने की बात उठाई जिससे नाराज़ होकर उन्होंने दिनभर सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया. दरअसल दिल्ली से प्रकाशित होने वाले एक अख़बार ने ख़बर छापी थी कि सरकार एक अध्यादेश लाने जा रही है ताकि सोनिया गाँधी, कर्ण सिंह और सोमनाथ चटर्जी जैसे प्रभावशाली नेताओं को लाभ के पद की व्यवस्था से बचाया जा सके. ये लोग सांसद होने के साथ किसी और संस्था में भी पदस्थ हैं. उल्लेखनीय है कि सांसद रहते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की एक संस्था में पदस्थ होने के कारण जया बच्चन को राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था. चुनाव आयोग का कहना था कि जया बच्चन राज्यसभा सांसद होते हुए भी उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास निगम की चेयरमैन रही हैं जो कि लाभ का पद है इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए. चुनाव आयोग की सिफ़ारिश मानते हुए राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने जया बच्चन को राज्यसभा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. | इससे जुड़ी ख़बरें 'लाभ के पद' को लेकर संसद में हंगामा22 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस जया बच्चन राज्यसभा के अयोग्य क़रार17 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस मैं इस्तीफ़ा देना चाहता हूं: अमर सिंह17 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस जया के बाद अब अमर सिंह पर संकट10 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस जया बच्चन की सदस्यता संकट में07 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||