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'लाभ के पद' को लेकर संसद में हंगामा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
'लाभ के पद' को लेकर यूपीए सरकार के अध्यादेश लाने की ख़बर पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया जिसके कारण कार्यवाही नहीं चल पायी. इसके साथ ही संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी गई. दोनों ही सदनों में विपक्ष ने यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गाँधी के इस्तीफ़े की मांग करते हुए नारे लगाए और जया बच्चन को वापस लाने की भी मांग की. विपक्ष ने चुनाव आयुक्त नवीन चावला को भी हटाए जाने की मांग की. कुछ सदस्यों ने लोक सभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के 'लाभ के पद' पर होने की बात उठाई जिससे नाराज़ होकर उन्होंने दिनभर सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया. दरअसल दिल्ली से प्रकाशित होने वाले एक अख़बार की ख़बर को आधार बनाकर विपक्ष ने हंगामा किया. इस ख़बर में कहा गया है कि सरकार एक अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है जिसमें लाभ के पद को फिर से परिभाषित किया जा रहा है. अख़बार ने लिखा है कि सरकार यह अध्यादेश सोनिया गाँधी, कर्ण सिंह और सोमनाथ चटर्जी जैसे प्रभावशाली नेताओं के लिए ला रही है जो सांसद होने के साथ किसी और संस्था में भी पदस्थ हैं. उल्लेखनीय है कि सांसद रहते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की एक संस्था में पदस्थ होने के कारण जया बच्चन को राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था. ख़बर चुनाव आयोग का कहना था कि जया बच्चन राज्यसभा सांसद होते हुए भी उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास निगम की चेयरमैन रही हैं जो कि लाभ का पद है इसलिए उनकी राज्यसभा सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए.
चुनाव आयोग की सिफ़ारिश मानते हुए राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने जया बच्चन को राज्यसभा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में 'इंडियन एक्सप्रेस' की प्रतियाँ लहराईं. 'इंडियन एक्सप्रेस' ने ही यूपीए सरकार के अध्यादेश लाने की ख़बर प्रकाशित की है. इस ख़बर में कहा गया है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की प्रमुख हैं, कर्ण सिंह सांस्कृतिक संबंधों के लिए बने परिषद के अध्यक्ष हैं तो लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ख़ुद पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष हैं. कुछ नेता राज्य विकास बोर्डों में हैं. अख़बार के अनुसार सरकार अध्यादेश में इन पदों के आधार पर संसद की सदस्यता रद्द न किए जाने का प्रावधान बनाए जाने की तैयारी है. 'इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार इसके लिए जल्दी इसलिए मचा रही है क्योंकि राष्ट्रपति के पास 44 सांसदों के ख़िलाफ़ शिकायतें पहुँच गई हैं. अध्यादेश लाने के लिए ज़रूरी है कि संसद सत्र में न हो. अख़बार का कहना है कि इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है कि बजट सत्र में अवकाश हो तो ये अध्यादेश लाया जाए. हंगामा संसद के बजट सत्र के पहले हिस्से का बुधवार को अंतिम दिन था.
इस ख़बर को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही नहीं चलने दी. समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि चुनाव आयुक्त नवीन चावला के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप हैं और उन्होंने राजनीतिक दबाव में जया बच्चन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की थी. उन्होंने नवीन चावला को हटाने की मांग की. लेकिन बाद में लोकसभा उपाध्यक्ष ने चुनाव आयोग पर चर्चा यह कहकर रोक दी कि इसके लिए नोटिस देनी होगी. लेकिन नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उनकी सूचना है कि सरकार बजट सत्र के अवकाश को अवकाश न कहकर सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने जा रही है ताकि अध्यादेश लाया जा सके. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ऐसा करती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा. इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने आश्वासन देने की कोशिश की और कहा कि सरकार हर मुद्दे पर पूरी पारदर्शिता बरतेगी और संसद के अधिकारों को कम करने की कोई कोशिश नहीं की जाएगी. लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ. | इससे जुड़ी ख़बरें जया बच्चन राज्यसभा के अयोग्य क़रार17 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस मैं इस्तीफ़ा देना चाहता हूं: अमर सिंह17 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस जया के बाद अब अमर सिंह पर संकट10 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस जया बच्चन की सदस्यता संकट में07 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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