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राष्ट्रपति चुनाव में कथित गड़बड़ी की जाँच | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में गड़बड़ी के आरोपों की जांच संयुक्त राष्ट्र करेगा. अफगानिस्तान चुनाव के पर्यवेक्षकों ने बताया कि मतदान में गड़बड़ी के सभी आरोप लिखित में बुधवार तक संयुक्त राष्ट्र की एक समिति को सौपने होंगे. इसका मतलब यह हुआ कि मतगणना का काम बुधवार के बाद ही शुरु हो सकेगा. मतगणना सोमवार को ही शुरु होनी थी लेकिन कुछ उम्मीदवारों ने मतदान के बाद लगाने वाली स्याही पर आपत्ति की थी. देश की संयुक्त चुनाव प्रबंधन समिति ने कहा कि जिन इलाकों में इस तरह के आरोप लगे हैं वहां की मतदान पेटियों को अलग रखा जाएगा. निगरानी अफगानिस्तान में पहले लोकतांत्रिक चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र की भी थी. जांच कार्य के लिए बनायी गयी तीन सदस्यीय समिति में कनाडा के पूर्व राजनयिक, स्वीडन के चुनाव विशेषज्ञ और एक अन्य व्यक्ति हैं जिनके नाम की घोषणा नहीं हुई है. यह समिति चुनाव में धांधली के सभी आरोपों की जांच करेगी और उस स्याही की भी जिस पर विवाद हुआ है. स्याही पर उठे विवाद के बाद ही राष्ट्रपति पद के कई उम्मीदवारों ने चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की थी.
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने देश में हुए पहले राष्ट्रपति चुनावों को सही ठहराया था. यूरोप में सुरक्षा और सहयोग के लिए काम कर रहे संगठन द ऑर्गनाईज़ेशन फ़ॉर सिक्योरिटी एंड कॉपरेशन (ओएससीई) इन यूरोप का कहना है कि राष्ट्रपति पद के 15 उम्मीदवारों की चुनाव रद्द करने की मांग जायज़ नहीं है. हालांकि संगठन ने माना कि चुनाव में गड़बड़ी ज़रुर हुई है जिसकी जांच होनी चाहिए. ओएससीई के राजदूत रॉबर्ट बैरी ने कहा, 'चुनाव रद्द करने से अफ़ग़ानिस्तान के उन लोगों के साथ बेइंसाफ़ी होगी जो अपनी सुरक्षा को नज़रअंदाज़ कर अपना मत डालने आए थे.' इसके अलावा स्थानीए संस्था फ़्री एंड फ़ेयर इलैक्शन्स फ़ाउंडेशन ऑफ़ अफ़गानिस्तान का कहना था कि ये चुनाव मोटे तौर पर लोकतांत्रिक थे. शनिवार को हुए ऐतिहासिक मतदान के दौरान अफ़रातफरी के बीच राष्ट्रपति पद के 18 में से 15 उम्मीदवारों ने ऐलान कर दिया था कि वे इस चुनाव के नतीज़ों को नहीं मानते क्योंकि उनका आरोप था कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है. मगर अब अफ़ग़ानिस्तान के चुनाव का बहिष्कार करने की बात कहने वाले राष्ट्रपति पद के कई उम्मीदवारों ने संकेत दिए हैं कि वे विरोध छोड़ने को तैयार हैं. सबसे अधिक विवाद वोटरों की ऊँगली पर लगने वाली स्याही को लेकर था, ज्यादातर लोगों का कहना था कि स्याही का निशान पक्का नहीं है और धुल जाता है. अंतरिम राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने कहा है कि सभी को अफ़ग़ान चुनाव आयोग के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए और जब नतीजे का एलान हो जाए तो उसका सम्मान करना चाहिए. आरोप और जवाब राष्ट्रपति चुनाव में खड़े अधिकतर उम्मीदवारों ने ये कहते हुए चुनाव को रद्द करने की माँग की है कि मतदान में गड़बड़ी को रोकने के लिए मतदाताओं की ऊँगलियों पर लगाई जानेवाली स्याही आसानी से मिट जा रही थी. चुनाव में कई मतदाताओं ने वोट देने के बाद इस निशान को मिटाकर दोबारा भी वोट डाले. मगर उनके आरोपों को महत्व नहीं देते हुए करज़ई ने उल्टे ये सवाल पूछा,"कौन ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं? ये 15 उम्मीदवार या वे लाखों लोग जो आज अपने वोट डालने आए? ". शनिवार को अफ़ग़ानिस्तान के पहले बड़े लोकतांत्रिक चुनाव में लाखों अफ़ग़ानों ने वोट डाले और मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा. |
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