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इस्माइल ने करज़ई की पेशकश ठुकराई | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अफ़ग़ानिस्तान के शक्तिशाली सैनिक और राजनीतिक नेता इस्माइल ख़ान ने कहा है कि वे उस पद को स्वीकार नहीं करेंगे जिसपर उन्हें नियुक्त करने की राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने पेशकश की है. इससे पहले राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने उन्हें हेरात प्रांत के गवर्नर के पद से बर्ख़ास्त कर दिया था. इसके बाद उन्हें खदान और उद्योग मंत्रालय दिये जाने का प्रस्ताव था. लेकिन इस्माइल ख़ान ने कहा कि वे हेरात के गवर्नर का पद छोड़ देंगे. उधर हेरात में इस्माइल ख़ान के समर्थकों की भीड़ उनके निवास के बाहर जुट गई और प्रदर्शनकारियों ने करज़ई और अमरीका विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए. राष्ट्रपति ने इस फ़ैसले की घोषणा के साथ ही अमरीकी सेना ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए सैकड़ों अफ़ग़ान सैनिकों और पुलिसकर्मियों को हेरात भेजा. हेरात में अफ़ग़ान सैनिकों पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक गुट को तितर बितर करने के लिए अमरीकी सैनिकों ने गीलियाँ चलाईं जिससे दो लोग मारे गए. करज़ई के विरोधी पेशावर स्थित वरिष्ठ पत्रकार रहीमुल्ला युसुफ़ज़ई ने बीबीसी को बताया कि इस्माइल ख़ान ने अपने प्रांत में करज़ई सरकार का कभी प्रभुत्व जमने नहीं दिया. हेरात प्रांत जाने माने पूर्व मुजाहिदीन नेता इस्माइल ख़ान का पिछले कई दशकों से गढ़ रहा है. रहीमुल्ला युसुफ़ज़ई के अनुसार वे राष्ट्रपति करज़ई के कट्टर विरोधी माने जाते हैं और उनके अधीन काम करना अपनी शान के ख़िलाफ़ समझते हैं. उनके अनुसार राष्ट्रपति करज़ई ने ये फ़ैसला अक्तूबर में होने वाले चुनावों से पहले अपनी राजनीतिक स्थिति मज़बूत करने के लिए उठाया है. राष्ट्रपति करज़ई के कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में ये कहा गया है कि यूकरेन में नियुक्त अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत मोहम्मद ख़ैरख़्वाह हैरात के नए गवर्नर होंगे. |
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