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पर्यवेक्षकों ने कहा, अफ़ग़ान चुनाव सही | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अफ़ग़ानिस्तान में अतंरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने देश में हुए पहले राष्ट्रपति चुनावों को सही ठहराया है. उन्होंने चुनावों में हुई गड़बड़ी के आरोपों से इनकार करते हुए विपक्ष की चुनाव को रद्द करने की मांग को भी ठुकरा दिया है. यूरोप में सुरक्षा और सहयोग के लिए काम कर रहे संगठन द ऑर्गनाईज़ेशन फ़ॉर सिक्योरिटी एंड कॉपरेशन (ओएससीई) इन यूरोप का कहना है कि राष्ट्रपति पद के 15 उम्मीदवारों की चुनाव रद्द करने की मांग जायज़ नहीं है. ओएससीई के राजदूत रॉबर्ट बैरी ने कहा, 'चुनाव रद्द करने से अफ़ग़ानिस्तान के उन लोगों के साथ बेइंसाफ़ी होगी जो अपनी सुरक्षा को नज़रअंदाज़ कर अपना मत डालने आए थे.' इसके अलावा स्थानीए संस्था फ़्री एंड फ़ेयर इलैक्शन्स फ़ाउंडेशन ऑफ़ अफ़गानिस्तान का कहना था कि ये चुनाव मोटे तौर पर लोकतांत्रिक थे. शनिवार को हुए ऐतिहासिक मतदान के दौरान अफ़रातफरी के बीच राष्ट्रपति पद के 18 में से 15 उम्मीदवारों ने ऐलान कर दिया था कि वे इस चुनाव के नतीज़ों को नहीं मानते क्योंकि उनका आरोप था कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है. मगर अब अफ़ग़ानिस्तान के चुनाव का बहिष्कार करने की बात कहने वाले राष्ट्रपति पद के कई उम्मीदवारों ने संकेत दिए हैं कि वे विरोध छोड़ने को तैयार हैं. सबसे अधिक विवाद वोटरों की ऊँगली पर लगने वाली स्याही को लेकर था, ज्यादातर लोगों का कहना था कि स्याही का निशान पक्का नहीं है और धुल जाता है. लेकिन अब बीबीसी से बातचीत में इन उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे जाँच के परिणामों को स्वीकार करने को तैयार हैं. अंतरिम राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने कहा है कि सभी को अफ़ग़ान चुनाव आयोग के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए और जब नतीजे का एलान हो जाए तो उसका सम्मान करना चाहिए. सोमवार से आरंभिक नतीजे आने लगेंगे और अंतिम नतीजे 30 अक्तूबर तक ही आ सकेंगे. आरोप और जवाब राष्ट्रपति चुनाव में खड़े अधिकतर उम्मीदवारों ने ये कहते हुए चुनाव को रद्द करने की माँग की है कि मतदान में गड़बड़ी को रोकने के लिए मतदाताओं की ऊँगलियों पर लगाई जानेवाली स्याही आसानी से मिट जा रही थी. चुनाव में कई मतदाताओं ने वोट देने के बाद इस निशान को मिटाकर दोबारा भी वोट डाले. मगर उनके आरोपों को महत्व नहीं देते हुए करज़ई ने उल्टे ये सवाल पूछा,"कौन ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं? ये 15 उम्मीदवार या वे लाखों लोग जो आज अपने वोट डालने आए? ". उधर अफ़ग़ानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र के चुनाव अधिकारियों का कहना है कि स्याही का मिटना एक अस्थाई तकनीकी समस्या थी जिसे फ़ौरन दूर कर लिया गया. चुनाव में पहले 18 उम्मीदवार मैदान में थे मगर दो उम्मीदवारों ने हामिद करज़ई का समर्थन करते हुए दौड़ से हटने का फ़ैसला कर दिया था. शनिवार को अफ़ग़ानिस्तान के पहले बड़े लोकतांत्रिक चुनाव में लाखों अफ़ग़ानों ने वोट डाले और मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा. |
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