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तीन इस्लामी संगठनों पर प्रतिबंध लगा
पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने तीन इस्लामी चरमपंथी संगठनों पर आतंकवाद विरोधी क़ानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया है. दो दिन पहले ही पाकिस्तान में अमरीकी राजदूत नैंसी पॉवेल ने इन संगठनों के दूसरे नामों से फिर सक्रिय होने की बात उठाई थी. राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने इन संगठनों पर जनवरी, 2001 में प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन ये संगठन नाम बदल कर सक्रिय हो गए थे. इनमें से एक संगठन ख़ुद्दामुल इस्लाम भारत प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी गतिविधियों में सक्रिय है. खुद्दामुल इस्लाम पहले जैशे मोहम्मद के नाम से सक्रिय था. प्रतिबंधित संगठनों के अलावा एक अन्य संगठन जमातुल दावा पर नज़र रखने का आदेश दिया गया है. ये संगठन पहले लश्करे तैबा के नाम से भारत प्रशासित कश्मीर में सक्रिय था. प्रतिबंधित दो संगठन इस्लामी तहरीक और मिल्लते इस्लामिया पर जातीय हिंसा भड़काने के आरोप हैं. ये तहरीके जाफ़रिया और सिपहे सहाबा के नाम से सक्रिय थे. रोक इस्लामाबाद में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिए इन फ़ैसलों में धार्मिक जमावड़े पर भी रोक लगा दी गई है. अब सभी इस्लामी पार्टियों को सार्वजनिक सभाओं से पहले अनुमित लेनी होगी. इन आदेशों के जारी होने के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने धरपकड़ शुरू कर दी. ख़बरों के अनुसार इन संगठनों से संबंधित नेता भूमिगत हो गए हैं. माना जा रहा है कि इन संगठनों पर प्रतिबंध का आदेश बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण लिया गया है. |
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