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'विवाहेतर संबंधों पर झूठ बोलना स्वीकार्य'
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इटली की सर्वोच्च अदालत ने फ़ैसला सुनाया है कि महिलाएँ अपने विवाहेतर संबंधों के बारे में झूठ बोल सकती हैं, फिर वह चाहे न्यायिक
जाँच का मामला ही क्यों न हो.
अदालत ने तर्क दिया है कि महिलाएँ अपने सम्मान की रक्षा के लिए ऐसा कर सकती हैं. ये फ़ैसला एक 48-वर्षीय महिला कार्ला की अपील स्वीकार करते समय सुनाया गया है जिसे पुलिस को झूठा बयान देने के लिए दोषी ठहराया गया था. मामला कार्ला के अपने प्रेमी गियोवानी को अपना मोबाइल फ़ोन देने का था. महिला के प्रेमी गियोवानी ने उस फ़ोन का इस्तेमाल महिला के पति विनसेंजो को कॉल करके उसका अपमान करने के लिए इस्तेमाल किया. कार्ला और उनके पति विनसेंजो के संबंध बिगड़े हुए थे. 'क़ानून का उल्लंघन नहीं किया' पहले स्थानीय अदालत में मामला चला और उस समय कार्ला के प्रेमी गियोवानी को गालियाँ देने का दोषी पाया गया. साथ ही कार्ला को इस अपराध में उनका साथ देने का दोषी पाया गया था. लेकिन कार्ला की अपील सुनने वाली अदालत ने ये मानने से इनकार कर दिया कि महिला ने क़ानून का उल्लंघन किया है. अदालत का कहना था कि यदि विवाहेतर संबंध के छिपाने के लिए सच्चाई से कुछ छेड़छाड़ की भी गई तो ऐसा करना क़ानूनी रूप से वैध था. अदालत का ये भी मानना था कि ऐसा न किया गया होता तो इससे दोस्तों और परिवार के सदस्यों के बीच महिला के सम्मान को क्षति पहुँचती. फ़िलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि ये आदेश पुरुषों पर भी भी इसी तरह से लागू होगा या नहीं. |
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