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बुरक़े को लेकर फिर उठा विवाद | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ब्रिटेन में बुरक़े को लेकर उठा विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब पढ़ाते समय बुरक़ा उतारने से मना करने पर निलंबित चल रहीं एक मुस्लिम सहायक शिक्षका का मसला सामने आ गया है. स्थानीय सरकार में एक मंत्री फ़िल वूलास का कहना है कि 23 वर्षीय शिक्षिका आयशा आज़मी को बर्ख़ास्त कर देना चाहिए. मंत्री ने ब्रिटेन के अख़बार संडे मिरर से बातचीत में कहा कि आयशा आज़मी ख़ुद को ऐसी स्थिति में ले आई हैं जहाँ वो अपना काम नहीं कर सकती हैं. दूसरी ओर पश्चिमी यॉर्कशर के ड्यूसबरी के जूनियर स्कूल में पढ़ाने वाली आयशा आज़मी का कहना है कि छात्रों को उनके बुरक़े को लेकर कभी कोई शिकायत नहीं रही. आयशा कहती हैं कि वो अपना बुरक़ा उतारने को तैयार हैं लेकिन अपने पुरुष सहकर्मियों के सामने ऐसा नहीं कर सकतीं. इस पर मंत्री का कहना है, '' वो बुरक़ा पहनकर छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रही हैं.'' विवाद इससे पहले कर्कलीस काउंसिल ने स्कूल में छात्रों को अंग्रेज़ी का अध्याय समझने में दिक्कत होने की वज़ह से आयशा आज़मी को बुर्क़ा उतारने के लिए कहा था. जब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्हें निलंबित कर दिया गया. काउंसिल का कहना है कि इस फ़ैसले से धर्म का कोई लेना-देना नहीं है. जबकि आयशा आज़मी ने बीबीसी को बताया कि का बुरक़े से छात्रों को कोई समस्या नहीं है और उनसे मेरे मधुर संबंध हैं वो कहती हैं,'' छात्र मेरी आँखो के हाव-भाव, इशारों और मेरे कहने के तरीके से चीजों को आसानी से समझ जाते हैं. उनका कहना है,'' अगर लोगों को लगता है कि यह एक समस्या है तो अंधे बच्चों के बारे में क्या कहना है जो कुछ भी देख न पाने के बावजूद अच्छी शिक्षा ग्रहण करते है. इसलिए मुझे नहीं लगता कि मेरे बुरक़ा पहनने को लेकर कोई समस्या है. '' ग़ौरतलब है कि इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ ने एक अख़बार में लिखे लेख में कहा था कि बुर्क़ा एक तरह से 'अलग रहने और दिखने की घोषणा है' और उन्होंने मिलने के लिए आने वाली मुसलमान महिलाओं से बुरक़ा उतारने का अनुरोध करना शुरू कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा था कि जो मुसलमान महिलाएँ बुरक़ा पहनती हैं वे विभिन्न समुदायों के बीच संबंधों को कठिन बनाती हैं. जैक स्ट्रॉ के इस बयान पर ब्रिटेन के इस्लामी मानवाधिकार आयोग ने आपत्ति की थी और कहा था कि यह बयान भेदभावपूर्ण है. | इससे जुड़ी ख़बरें बुर्क़े पर स्ट्रॉ के बयान से विवाद06 अक्तूबर, 2006 | पहला पन्ना मुस्लिम औरतें बुरक़ा क्यों पहनती हैं?06 अक्तूबर, 2006 | पहला पन्ना फ़ैशन के दौर में बदल रहा है बुर्क़ा28 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस बार्बी के मुक़ाबले एक अनोखी गुड़िया13 जनवरी, 2006 | पत्रिका नीदरलैंड में बुर्क़ा पाबंदी पर विचार22 दिसंबर, 2005 | पहला पन्ना | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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