|
मार्टिन लूथर के शहर में डेमोक्रेट हावी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमरीका के दक्षिणी क्षेत्र की राजधानी माना जाने वाला अटलांटा उन कुछ अमरीकी शहरों में से है जिसका संचालन प्रमुख रूप से काले अमरीकियों के हाथ में है. ओलंपिक खेलों से विश्व प्रसिद्ध हुआ जॉर्जिया प्रांत का यह शहर, कोका कोला की जन्म नगरी है और यहीं प्रसिद्ध अमरीकी टीवी चैनल सीएनएन का मुख्यालय भी है. लेकिन शहर की ख़ासियत इन सभी वजहों से नहीं, बल्कि इससे है कि यह अमरीका के सबसे महान नायकों और प्रमुख नेताओं में से एक, मार्टिन लूथर किंग जूनियर की जन्मभूमि और कर्मभूमि है. गाँधी के सिद्धांतों पर चलने वाले किंग को श्रेय दिया जाता है कि उन्होंने काले अमरीकियों के लिए सामान अधिकारों का सफल अभियान चलाया. आज यहाँ इस शहर में काले अमरीकियों की बड़ी संख्या है और स्थानीय सरकार में बड़े पदों पर भी वो काम कर रहे हैं. यहाँ तक कि जॉर्जिया के गवर्नर भी अफ्रीकी अमरीकी हैं. परंपरागत वोट चार दशक पहले उनके इस पद पर होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. हर क्षेत्र में आज उन काले लोगों की तूती बोल रही है जिन्हें अपने अधिकारों के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था.
चुनावों में अकसर काले अमरीकी डेमोक्रेट पार्टी के लिए वोट डालते हैं और इस बार भी माहौल कोई फ़र्क नहीं है. ऐन्यूला ओलावा किंग सेंटर पर काम करती हैं और उन्होंने बताया कि वे जॉन कैरी के लिए वोट डालेंगी. क्यों पूछने पर उन्होंने जवाब दिया कि “क्योंकि वो दोनों में से बेहतर हैं और असल में तो मैं डेमोक्रेट पार्टी के लिए वोट डालना चाहती हूँ.” वोटर अमरीका में आम तौर पर सभी अल्पसंख्यक समुदाय डेमोक्रेट पार्टी के लिए वोट डालते हैं. काले अमरीकियों की संख्या वहाँ किसी भी और समुदाय से ज़्यादा है और इसीलिए ये वोट मायने रखते हैं.
अटलांटा 35 सालों से रह रहे सुभाष राज़दान का कहना है “डेमोक्रेट कैनेडी परिवार ने मार्टिन लूथर किंग को स्थापित किया था और उनके कारण सभी काले इसी पार्टी को समर्थन देते हैं.” राज़दान ख़ुद राजनीति में सक्रिय हैं और डेमोक्रेट समर्थक भी हैं. और डेमोक्रोट पार्टी को काले समुदाय के वोट का इनता भरोसा है कि वो मतदातों को लुभाने के लिए कोई ज़्यादा मेहनत भी नहीं कर रहे हैं. ऐन्यूला कहते हैं, “लेकिन फिर डेमोक्रेट पार्टी के कोशिश न करने के बावजूद वोट उन्हें मिल ही जाएँगे.” अटलांटा में ही शुरू हुआ था कालों को अमरीका की मुख्यधारा में जोड़ने का अभियान. और उसका कारण बने थे मार्टिन लूथर किंग. लेकिन आज भी किसी न किसी तरह का भेदभाव बरक़रार है. सुभाष राज़दान बताते हैं कि शहर में काले और गोरों के रहने के इलाक़े बिल्कुल अलग हैं. पूरी बराबरी तो नहीं मिल पाई है, हाँ यह ज़रूर है कि जैसे पहले कालों के साथ गंभीर भेदभाव होता था वो अब नहीं है. इस बारे में ऐन्यूला शिकायत तो नहीं करतीं केवल उम्मीद करती हैं कि एक दिन यह भी बदल जाएगा. उन्हें नहीं लगता कि यह सब उनके जीवनकाल में हो पाएगा लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है. अटलांटा की समृद्धि के पीछे कहीं दर्द अब भी है, मार्टिन लूथर किंग की ज़रूरत आज भी है. लेकिन फ़िलहाल बहुत से काले अमरीकी जॉन कैरी पर अपनी उम्मीद लगाए हुए हैं. |
| ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||