| अपने गृह प्रदेश टेक्सस में बुश का दबदबा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
टेक्सस में यह पूछना बेमानी है कि यहाँ से कौन जीतेगा. जॉर्ज बुश राष्ट्रपति बनने से पहले छह साल यहाँ गवर्नर रह चुके हैं. उसके पहले उनकी अपनी तेल की कंपनी थी और फिर पिता का समर्थन तो उन्हें हमेशा रहा ही है. अमरीकी चुनावों में यह एक अनोखी ही बात है. पूरा राज्य किसी नेता के नाम हो जाता है. असली चुनावी दंगल कुछ मुठ्ठी भर राज्यों में ही सिमट कर रह जाता है जहाँ मतदाताओं ने अपना मन नहीं बनाया है. बुश का गृह राज्य टेक्सस अमरीका का सबसे बड़ा राज्य है. आर्थिक रूप से संपन्न इस राज्य में तेल की बड़ी कंपनियाँ और कंप्यूटर से जुड़े बड़े व्यवसाय भी हैं. जिन्हें राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने करो में छूट देकर ख़ूब लुभाया है. लोगों के लिए मुद्दे कोई ख़ास नहीं है. लेकिन नई पीढ़ी डेमोक्रेटिक जॉन केरी के खुले विचारों से प्रभावित है जबकि पुराने लोग बुश के प्रबल समर्थक हैं. ज़्यादा हैं बुश समर्थक ह्यूस्टन के कम्युनिटी सेंटर में प्रारंभिक मतदान के लिए मतदाता अधिकतर बुश के ही समर्थक नज़र आए.
मतदान की यह व्यवस्था उन लोगों की लिए की जाती है जो किसी वजह से दो नवंबर को वोट डालने नहीं जा पाएंगे. एक महिला ने बताया, "मुझे उनका ग्यारहर सिंतबर के बाद उतपन्न हुई स्थिति से निबटने का तरीक़ा पंसद आया." उस महिला को भरोसा है कि जॉर्ज बुश किसी गंभीर स्थिति से निबटने में ज़्यादा सक्षम हैं. एक अन्य सज्जन ने छूटते ही धर्म का नाम लिया और कहा कि क्योंकि बुश अपने ईसाई धर्म का पालन करते हैं इसलिए उनके लिए वोट डाला. उनका मानना था "ईश्वर नेता को चुनता है और हमें उनका साथ देना चाहिए." बूथ पर आईं 84 वर्षीय वृद्ध महिला भी बुश की वापसी की कामना कर रही थीं. 33 साल से टेक्सस में रह रहे भारतीय अशोक ढींगरा का कहना है कि कई अमरीकी राज्यों में लोगों को परवाह ही नहीं होती की बाक़ी दुनिया में क्या हो रहा है. वे कहते हैं, "अमरीकी केवल टेक्सस तक ही सोचते हैं, और काफ़ी राज्यों में इसी तरह से मतदान होता है." ढींगरा राजनीतिक गतिविधियों में काफ़ी स्रक्रिय हैं और दोनों पार्टियों के नेताओं से दोस्ती रखते हैं और धन उगाहने में मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से राज्य बुश की रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन करते हैं लेकिन जॉन केरी को न्यूयॉर्क और कैलिफ़ोर्निया जैसे ब़ड़े राज्यों में समर्थन प्राप्त है जहाँ इलेक्टोरल कॉलेज के बहुत वोट मिल जाते हैं. और इसी वजह से दोनों नेताओं के बीच मुकाबला काँटे का हो गया है. अशोक ढींगरा इतने सालों से अमरीका में हैं लेकिन मानते हैं कि अमरीकी बहुत दूर की नहीं सोचते. और अक्सर भविष्यवाणी करने वाली कंपनियां उनका मत भी निर्धारित कर देती हैं. तो अब टेक्सस और कैलिफ़ोर्निया में नहीं उन राज्यों में प्रचार ज़ोरों पर है जहाँ यही मत निर्धारित नहीं है और बुश और केरी मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं. |
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