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अलावी ने बातचीत शुरू की | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इराक़ में नए प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए ईयाद अलावी ने अपनी सरकार के गठन पर बातचीत शुरू कर दी है. अलावी को इराक़ी शासकीय परिषद ने नए प्रधानमंत्री के रूप में मनोनीत किया है. 30 जून को अमरीका नई सरकार को सत्ता सौंप देगा. अलावी ने कहा कि देश की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता होगी. अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में राष्ट्रपति के नाम की भी घोषणा कर दी जाएगी. इस पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं कि पूर्व विदेश मंत्री अदनान पचाची. अपने चुनाव के तरीक़े पर चल रहे विवाद से परे ईयाद अलावी अपनी सरकार के गठन पर विचार-विमर्श में लगे हैं. उन्होंने कहा कि देश को एक मज़बूत सरकार की ज़रूरत है और ज़्यादातर इराक़ी भी यही मानते हैं. सुरक्षा और स्थिरता अलावी ने कहा कि एक साल से ज़्यादा की अस्थिरता के बाद देश की जनता सुरक्षा और स्थिरता चाहती है. उन्होंने कहा कि इससे ही देश में लोकतांत्रिक चुनाव का रास्ता साफ़ होगा और देश की दो करोड़ से ज़्यादा जनता अपने पसंद की सरकार चुन पाएगी. अमरीका द्वारा गठित शासकीय परिषद ने ही ईयाद अलावी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में चुना है. माना जा रहा है कि सुरक्षा मामलों में पैठ रखने के कारण ही अलावी को इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुना गया है. उनकी पार्टी इराक़ी नेशनल एकॉर्ड में कई पूर्व सैनिक शामिल हैं. लेकिन आम जनता में अपना समर्थन बढ़ाने के लिए अलावी को काफ़ी मेहनत करनी होगी. वे एक समय सद्दाम हुसैन की बाथ पार्टी के सदस्य थे. लेकिन बाद में सत्ताधारी पार्टी के साथ उनके मतभेद हो गए और उन्होंने देश छोड़ दिया. इसी दौरान उनका ब्रितानी और अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसियों के साथ संपर्क भी बने. इस कारण आम इराक़ी जनता में अपनी पैठ बनाने के लिए उन्हें यह साबित करना होगा कि उन पर किसी तरह का दबाव नहीं. |
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