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कूफ़ा में लड़ाई भड़की, तीन की मौत | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इराक़ में अमरीकी सेनाओं और शिया नेता मुक़्तदा अल सद्र के समर्थकों के बीच शुक्रवार को ताज़ा लड़ाई भड़क उठी है जिसमें कम से कम तीन लोगों के मारे जाने की ख़बर है. ख़बरें थीं कि दोनों पक्षों के बीच गुरूवार को ही समझौता हुआ था. शुक्रवार को शियाओं के एक अन्य पवित्र शहर कूफ़ा में गोलीबारी और विस्फोटों की आवाज़ें सुनी गई हैं. शुक्रवार को मुक़्तदा अल सद्र के हज़ारों समर्थक उस मस्जिद के आसपास एकत्र हुए हैं जहाँ सद्र आमतौर पर जुमे की नमाज़ से पहले ख़ुतबा यानी धार्मिक भाषण देते हैं. लेकिन इस शुक्रवार को सद्र ख़ुद उस मस्जिद में नहीं आए और उनके समर्थकों ने आरोप लगाया है कि अमरीका ने गुरूवार को हुआ समजौता तोड़कर सद्र को गिरफ़्तार करने की कोशिश की है. सद्र के समर्थकों ने कहा है कि अमरीकी सेनाओं ने कूफ़ा में नया हमला शुरू किया है लेकिन कुछ अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि लड़ाई तब शुरू हुई जब सद्र के समर्थकों ने अमरीकी सैनिकों पर गोलीबारी शुरू की. अमरीकी सेनाओं ने गुरूवार को कहा था कि वे नजफ़ में लड़ाई रोक देंगे और सद्र को भी उनके समर्थकों को वहाँ से हटने की इजाज़त देंगे. ऐसी भी ख़बरें आई थीं कि मुक़्तदा अल सद्र ने ख़ुद अपने समर्थक लड़ाकों को नजफ़ से हटाने की बात कही थी. रिहाई उधर बग़दाद के पास स्थित विवादास्पद अबू ग़रेब जेल से शुक्रवार को कुछ बंदियों की रिहाई हुई है. इस मौक़े पर हज़ारों लोग बंदियों के स्वागत के लिए एकत्र हुए थे. पिछले सप्ताह क़रीब 400 बंदियों को रिहा किया गया था. उधर पोलैंड ने इन ख़बरों का खंडन किया है कि अबू ग़रेब जेल में बंदियों के साथ हुए अमानवीय बर्ताव में उनके सैनिक शामिल थे. अमरीकी समाचार एजेंसी एपी ने ख़बर दी थी कि एक अमरीकी सैनिक ने जाँचकर्ताओं को बताया था कि पोलैंड के कुछ सैनिक दुर्व्यवहार में शामिल थे. |
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