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परमाणु मुद्दे पर भारत-पाक वार्ता टली | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत में मनमोहन सिंह की नई सरकार के अनुरोध पर पाकिस्तान के साथ परमाणु मसले पर पहले से निर्धारित बातचीत फ़िलहाल टाल दी गई है. दोनों देशों के बीच मंगलवार और बुधवार को बातचीत होने वाली थी. पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा है कि ऐसा भारत की नई सरकार की गुज़ारिश पर किया गया है. पाकिस्तानी विदेश विभाग ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, "भारत सरकार ने हमसे परमाणु मसले पर आपसी विश्वास बढ़ाने के मक़सद से होने वाली बातचीत स्थगित करने को कहा है क्योंकि सरकार बदलने की वजह से वहाँ नए विदेश मंत्री अभी पदभार नहीं सँभाल पाए हैं." भारत में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान तय हुआ था कि दोनों देशों के विदेश विभाग के अधिकारी 25 और 26 मई को परमाणु मसले पर बातचीत करेंगे. भारत की नई सरकार ने बातचीत के लिए नई तारीख़ें तो नहीं सुझाई हैं लेकिन ये प्रस्ताव रखा है कि इसे विदेश सचिव स्तर की बातचीत से दो दिन पहले कराया जाए. इसी साल 18 फ़रवरी को भारत और पाकिस्तान ने मिल कर बातचीत का एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाया था. इस बातचीत में यह तय हुआ था कि दोनों देशों के विदेश सचिव जून में मिल कर कश्मीर और सुरक्षा के मुद्दों पर बातचीत करेंगे. ये भी फ़ैसला हुआ था कि इसके बाद विदेश मंत्री अगस्त में मिल कर बातचीत में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे. बयान पाकिस्तानी विदेश विभाग के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान इस बातचीत में हिस्सा लेने का इंतज़ार कर रहा है. बयान में ये भी कहा गया है, "पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत की पूरी प्रक्रिया को अहमियत देता है और वो चाहता है कि परमाणु मसले के अलावा विदेश सचिव स्तर की बातचीत के लिए भी तारीख़ें जल्दी तय हो जाएँ." शनिवार को पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने भी कहा था कि वो भारत की नई सरकार के साथ फ़ौरन बातचीत को तैयार हैं जिसमें ख़ासतौर पर कश्मीर का मुद्दा शामिल है. |
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