रूस-यूक्रेन युद्ध का दुनिया की जेब पर असर
रूस-यूक्रेन युद्ध ने दोनों देशों को ही नहीं बल्कि दुनिया को प्रभावित किया है. भारत समेत पूरी दुनिया ऊर्जा संकट से जूझ रही है.
इस संकट से दुनिया कैसे निकलेगी, इसी की बात आज कवर स्टोरी में.
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पहले दिनेश कार्तिक और ग्लेन मैक्सवेल के अर्धशतकों की बदौलत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने बनाए 189 रन. फिर उसके गेंदबाज़ों मोहम्मद सिराज और जॉस हेजलवुड ने बांधा दिल्ली के बल्लेबाज़ों को. दिल्ली की टीम 16 रन से हारी.
मोहम्मद शाहिद and अभय कुमार सिंह
रूस-यूक्रेन युद्ध ने दोनों देशों को ही नहीं बल्कि दुनिया को प्रभावित किया है. भारत समेत पूरी दुनिया ऊर्जा संकट से जूझ रही है.
इस संकट से दुनिया कैसे निकलेगी, इसी की बात आज कवर स्टोरी में.
एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों के उप-चुनाव के परिणाम शनिवार को आएंगे.
12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की एक लोकसभा और एक विधानसभा और छत्तीसगढ़, बिहार और महाराष्ट्र की एक-एक विधानसभा सीट पर मतदान हुआ था.
पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट उप-चुनाव में टीएमसी ने अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा और बालीगंज विधानसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को अपना उम्मीदवार बनाया था.
आसनसोल से बीजेपी ने अग्निमित्रा पॉल को अपना उम्मीदवार बनाया था वहीं बालीगंज सीट से बीजेपी की किया घोष उम्मीदवार हैं.
बाबुल सुप्रियो के इस्तीफ़ा देने के बाद आसनसोल लोकसभा सीट खाली हुई थी जबकि बालीगंज विधानसभा सीट राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद ख़ाली हुई थी.
भारत में शनिवार को बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 975 मामले सामने आए हैं.
इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4.30 करोड़ हो गई है.
वहीं शुक्रवार को इस संक्रमण के कारण 4 मौतें हुई थीं. इससे पहले शुक्रवार को 949 नए मामले सामने आए थे और 6 लोगों की मौत हुई थी.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा 5.21 लाख हो चुका है.
देश में इस समय कोरोना वायरस संक्रमण के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 11,191 है.
यरुशलम में अल-अक़्सा मस्जिद कंपाउंड में इसराइली सुरक्षाबलों के फ़लस्तीनियों पर की गई कार्रवाई की सऊदी अरब ने निंदा की है.
सऊदी अरब विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है जिसमें लिखा है, “नियमित हमलों की वृद्धि अल-अक़्सा मस्जिद की पवित्रता और इस्लामी राष्ट्र के दिलों पर हमला है.”
रमज़ान के पवित्र महीने में शुक्रवार को नमाज़ के लिए फ़लस्तीनी इकट्ठा हुए थे जिस दौरान इसराइली पुलिस और उनके बीच झड़पें शुरू हो गईं.
इसराइल का आरोप है कि कंपाउंड में फ़लस्तीनियों ने फ़लस्तीन और हमास के झंडों के अलावा पत्थर इकट्ठा कर रखे थे. वहीं फ़लस्तीनियों का कहना है कि उन पर नमाज़ के दौरान हमला किया गया था.
फ़लस्तीनी अधिकारियों ने कहा है कि इस झड़प में तक़रीबन 150 फ़लस्तीनी घायल हुए हैं.
जॉर्डन और यूएई ने भी की निंदा
मस्जिद में घुसकर पुलिस की कार्रवाई करने की जॉर्डन और यूएई ने भी निंदा की है.
सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की है कि वो इसराइली सुरक्षाबलों को फ़लस्तीनियों, उनकी ज़मीन और उनके पवित्र स्थलों पर लगातार हमलों के लिए उसे जवाबदेह ठहराएं.
साथ ही सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मध्य पूर्व में शांति के प्रयासों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है.
बीते साल रमज़ान महीने के दौरान ऐसी ही हिंसा हुई थी जिसके बाद हमास और इसराइल के बीच साल का सबसे लंबा संघर्ष शुरू हो गया था. 11 दिनों तक चले युद्ध के बाद मिस्र, जॉर्डन और अमेरिका की मध्यस्थता के बाद यह संघर्ष रुका था.
श्रीलंका आर्थिक संकट से घिरा है और इस कारण वहां के आम नागरिकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
लोग लगातार सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां खाने-पीने से लेकर दवाइयों तक की किल्लत हो गई है.
इसका ख़ामियाज़ा वहां के मत्स्य उद्योग को भी भुगतना पड़ रहा है. ईंधन, बर्फ की कमी और बाजार के सीमित विकल्पों ने मछुआरों को अधर में छोड़ दिया है.
बीबीसी संवाददाता मुरलीथरन काशीविश्वनाथन की रिपोर्ट.
मुंबई में शुक्रवार की रात दादर-पुदुचेरी एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए. इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई ख़बर नहीं है.
शनिवार की सुबह मध्य रेलवे की सीपीआरओ ने बताया कि ‘दादर-पुदुचेरी एक्सप्रेस के डिब्बों की री-रेलमेंट, ओएचई वायर और ट्रैक फिटनेस का काम किया जा रहा है. ये काम आज दोपहर 12 बजे तक पूरा होने की उम्मीद है. इस अवधि के दौरान फास्ट लाइन ट्रैफिक को भायखला और माटुंगा स्टेशनों के बीच स्लो कॉरिडोर की ओर मोड़ दिया जाएगा.’
रेलवे इस बात की जांच कर रहा है कि यह हादसा कैसे हुआ था.
रूस ने अब खुलकर आधिकारिक रूप से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को यूक्रेन को हथियार की सप्लाई करने को लेकर चेतावनी दी है.
मॉस्को ने एक आधिकारिक राजनयिक नोट में यह चेतावनी दी है जिसका अमेरिका के कई मीडिया समूहों ने अध्ययन किया है.
वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भेजे गए रूसी दूतावास के इस दो पन्ने के राजनयिक नोट में अमेरिका और नेटो के हथियारों के ज़ख़ीरे को यूक्रेन संघर्ष में ‘आग में घी डालने वाला’ बताया गया है.
इसके साथ ही रूसी राजनयिकों ने कहा है कि इसके ‘अप्रत्याशित परिणाम’ हो सकते हैं.
यह बयान तब आया है जब मंगलवार को यह जानकारी सामने आई थी कि अमेरिकी सेना यूक्रेन को एक नया मदद पैकेज भेज रही है. राष्ट्रपति बाइडन ने 80 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद की अनुमति दी है. इनमें पहली बार हॉवित्ज़र जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें शामिल हैं.
एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासक ने कहा कि इस चेतावनी से ज़ाहिर है कि यूक्रेन को अमेरिकी और नेटो की सैन्य सहायता काफ़ी असरदायक है.
हथियारों की नई खेप का पहला हिस्सा अगले कुछ दिनों में यूक्रेन पहुंचने की उम्मीद है. वहीं रूसी सेना देश के पूर्व में इकट्ठा हो रही है और अगले कुछ हफ़्तों में डोनबास विवादित क्षेत्र पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रही है.
जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से अमेरिका यूक्रेन को तक़रीबन 3 अरब डॉलर की सैन्य सहायता भेज चुका है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने उन यूरोपीय देशों को आड़े हाथों लिया है जो रूस से अब भी तेल ख़रीद रहे हैं.
बीबीसी संवाददाता क्लाइव मायरी से हुई बातचीत में ज़ेलेंस्की ने कहा कि कई यूरोपीय देशों के हाथ खून से सने हैं.
कीएव इलाक़े के पुलिस प्रमुख ने कहा है कि रूसी सेना के जाने के सप्ताह भर बाद राजधानी कीएव के आसपास के इलाक़ों से आम नागरिकों के 900 शव मिले हैं.
रूस ने कहा है कि उसने कीएव के बाहरी इलाक़े में मौजूद एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी शिप मिसाइल बनाने वाली एक फ़ैक्ट्री को निशाना बनाया है.
इससे कुछ घंटों पहले रूस ने कहा था कि बुधवार को हुए एक धमाके के बाद उसका युद्धपोत मोस्कवा डूब गया है.
यूक्रेन का दावा है कि काले सागर में मौजूद रूस के इस युद्धपोत पर उसने मिसाइल हमले किए थे. हालांकि रूस का कहना है कि युद्धपोत में आग लग गई थी जिस कारण युद्धपोत डूब गया.
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अगर यूक्रेन ने रूसी इलाक़ों को निशाना बनाया तो कीएव पर हमले तेज़ किए जाएंगे.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण क़रीब 50 लाख लोगों को बेघर होना पड़ा है.
यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि राजधानी कीएव के बाहरी इलाक़ों से रूसी सेना के जाने के एक सप्ताह बाद भी उन्हें आम नागरिकों के शव मिल रहे हैं. कीएव पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रही रूसी सेना सप्ताह भर पहले यहां से यूक्रेन के पूर्वी हिस्से की तरफ बढ़ गई थी.
कीएव के पुलिस प्रमुख आंद्रे नेबितोव ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "ये दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मुझे कहना पड़ रहा है कि हमें आम नागरिकों के 900 शव मिले हैं और हमने इन शवों को जांच के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के पास भेज दिया है. इन सभी लोगों की मौत रूसी सैनिकों ने की है."
नेबितोव ने कहा कि 350 से अधिक शव बूचा शहर में मिले हैं. रूस पर आरोप हैं कि उसके सैनिकों ने यूक्रेन के इस शहर में युद्ध अपराध किए हैं. हालांकि रूस अब तक इन आरोपों से इनकार करता रहा है.
पुलिस प्रमुख का कहना है कि "बोरदयांका और माकारोव से अभी भी ध्वस्त इमारतों के मलबे को हटाने का काम जारी है और यहां मलबे के नीचे लोगों के शव दबे होंगे."
उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि मारे गए लोग आम नागरिक थे और उनका सेना से कोई नाता नहीं था.
बीबीसी स्वतंत्र रूप से इन आरोपों की पुष्टि नहीं करती है.
हालांकि बीबीसी संवाददाताओं ने कीएव के बाहरी इलाक़े में सड़कों के किनारे आम कपड़ों में कई शव देखे हैं और बूचा में मारे गए लोगों की पहचान से जुड़े दस्तावेज़ इकट्ठा किए हैं.
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