वायरस कहां से आया, पता लगाने के लिए चीन जाएगी टीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कहा कि वो कोरोना वायरस के स्त्रोत का पता लगाने के लिए एक टीम को चीन भेज रहा है. डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 के राजनीतिकरण और इसपर बंटी हुई दुनिया के बीच डर है कि अभी सबसे बुरा दौर आना बाकी है. डब्ल्यूएचओ एक टीम को अगले हफ़्ते चीन भेज रहा है, जो ये पता लगाएगी कि वैश्विक महामारी फैलाने वाला वायरस आख़िर आया कहां से.
संस्था मई की शुरुआत से ही चीन को बार-बार कह रही है कि वो उसके विशेषज्ञों को बुलाए, जो कोरोना वायरस के एनिमल सोर्स का पता लगाने में मदद करेगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "जब हमें वायरस के बारे में सबकुछ पता होगा तो हम उससे बेहतर तरीक़े से लड़ सकेंगे. जिसमें ये पता लगाना भी शामिल है कि वो आया कहां से." "हम अगले हफ़्ते एक टीम को इसके लिए चीन भेज रहे हैं और हमें उम्मीद है कि इससे वायरस की उत्पत्ति के बारे में समझने में मदद मिलेगी."
हालांकि उन्होंने ये साफ नहीं किया कि टीम में कौन-कौन होगा, ना ही उन्होंने ये बताया कि विशेष रूप से उनका मकसद क्या होगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस जानवरों से इंसान में आया, संभवत: वुहान के एक बाज़ार से जहां असाधारण जानवरों के मांस की बिक्री होती है.