क्या याददाश्त भी बढ़ाएगी कॉफ़ी?

इमेज स्रोत, PA
एक अमरीकी अध्ययन से इस बात की संभावना दिखती है कि एक दिन हम सुबह उठने के साथ-साथ याददाश्त बढ़ाने के लिए भी कॉफ़ी पर निर्भर हो सकते हैं.
<link type="page"><caption> 'नेचर न्यूरोसाइंस' नाम की विज्ञान पत्रिका</caption><url href="http://www.nature.com/neuro/journal/vaop/ncurrent/full/nn.3623.html" platform="highweb"/></link> में प्रकाशित लेख के मुताबिक़ इस शोध में 24 घंटे तक 160 लोगों की स्मृति पर नज़र रखी गई .
इसमें पाया गया कि जिन लोगों ने कैफ़ीन की गोली ली, उन्होंने उन लोगों की तुलना में स्मृति परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन किया जिन्होंने कैफ़ीन की नकली गोली ली थी.
लेकिन विशेषज्ञों ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अधिक कैफ़ीन से तनाव और चिंता जैसा नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं.
द जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय में हुई इस अध्ययन में वो लोग शामिल थे जो नियमित रूप से कैफ़ीनयुक्त पदार्थ न खाते हैं और न पीते हैं.
चित्रों की पहचान
कैफ़ीन का बुनियादी स्तर का पता लगाने के लिए इन लोगों की लार का सैंपल लिया गया. प्रतिभागियों को एक चित्रों की एक श्रृंखला देखने को कहा गया.
इसके पांच मिनट बाद उन्हें 200 मिलीग्राम की कैफ़ीन टैबलेट या नकली कैफ़ीन टैबलेट खाने को दी गई. यह एक मग कॉफ़ी के बराबर थी.

इमेज स्रोत, thinkstock
एक बार फिर लार के सैंपल एक घंटे, तीन घंटे और 24 घंटे बाद लिए गए.
अगले दिन दोनों समूहों पर इस बात का परीक्षण किया गया कि वे पहले दिन दिखाए गए चित्रों को पहचान पाते हैं या नहीं.
हालांकि 24 घंटे का समय बहुत अधिक नहीं होता है. लेकिन स्मृति अध्ययनों के लिए यह अच्छा समय है. कुछ सीखने के कुछ घंटे बाद ही उसे भूलने का काम शुरू हो जाता है.
लोगों को जानबूझकर तस्वीरों की श्रृंखला के शुरुआती हिस्से, कुछ को नई तस्वीरें और कुछ को मामूली अंतर वाली तस्वीरें दिखाई गईं.
एक तरह की लेकिन समान तस्वीरों में अंतर कर पाने को पैटर्न सेपरेशन या स्मृति के गहरे स्तर के रूप में देखा गया.
'अधिक मात्रा लाभदायक नहीं'
कैफ़ीन लेने वाले समूह के ज़्यादातर सदस्य समान तस्वीरों को सही-सही पहचानने में सक्षम थे.
इस अध्ययन का नेतृत्व प्रोफ़ेसर माइकल यासा ने किया. वो कहते हैं, '' अगर हम इस तरह की तरकीब आज़माने की जगह पहचान कराने की स्टैंडर्ड विधि का प्रयोग करते तो हम पाते कि कैफ़ीन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा.''
<link type="page"><caption> कैफ़ीन</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2011/05/110508_coffee_sex_stroke_mg.shtml" platform="highweb"/></link> का लंबी अवधि की स्मृति पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाने के लिए केवल कुछ ही अध्ययन किए गए हैं. इनमें आम तौर पर पाया गया कि इसका थोड़ा प्रभाव पड़ता है.
यह अध्ययन इसलिए अलग है कि इसमें भाग लेने वाले लोगों ने तस्वीरों को देखने और उन्हें पहचानने के बाद कैफ़ीन ली.
अध्ययन करने वाली टीम अब यह देखना चाहती है कि दिमाग़ के स्मृति केंद्र ' हिप्पोकैंपस' में क्या हुआ. इससे वो कैफ़ीन के प्रभाव को समझना चाहते हैं.
हालांकि प्रोफ़ेसर माइकल यासा कहते हैं कि इस अध्ययन का यह मतलब नहीं हुआ कि लोगों को जमकर कॉफ़ी पीनी चाहिए या ख़ूब सारी चॉकलेट खाना चाहिए या कैफ़ीन की गोली लेनी चाहिए.
उनका कहना है, "हर चीज़ संयमित होकर करनी चाहिए. हमारे अध्ययन से पता चलता है कि 200 मिलीग्राम कॉफ़ी उन लोगों के लिए लाभदायक है, जो आमतौर पर कैफ़ीन नहीं लेते हैं."
वो कहते हैं, ''लेकिन हमने इसका उल्टा प्रभाव भी दिखाया है कि इसकी अत्यधिक मात्रा लाभदायक नहीं होगी.''
उनका कहना है कि आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि अगर आप आमतौर पर कैफ़ीन का प्रयोग करते हैं तो यह मात्रा बदल सकती है. वो कहते हैं कि इससे स्वास्थ्य को ख़तरे भी हैं, इसलिए सावधान रहें. इससे तनाव और चिंता जैसी परेशानियां आ सकती हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट लंदन के मनोविज्ञान विभाग के डॉक्टर अशोक जंसारी कहते हैं, "ऐसा लगता है कि कैफ़ीन से याददाश्त पैनी होती है न कि इसमें सुधार होता है."
<italic><bold> (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए <link type="page"><caption> यहां </caption><url href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi" platform="highweb"/></link>क्लिक करें. आप हमें <link type="page"><caption> फ़ेसबुक</caption><url href="https://www.facebook.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> और <link type="page"><caption> ट्विटर</caption><url href="https://twitter.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)</bold></italic>












