विंबलडन में एंडी मरे ने रचा इतिहास

एंडी मरे
इमेज कैप्शन, एंडी मरे विंबलडन कप के साथ.

दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी ब्रिटेन के एंडी मरे ने दुनिया के नंबर एक और शीर्ष वरीय सर्बिया के नोवाक जोकोविच को सीधे सेटों में 6-4, 7-5, 6-4 से हराकर विंबलडन पुरूष एकल ख़िताब जीत लिया है.

मरे और जोकोविच के बीच तीन घंटे 10 मिनट तक चले मुका़बले के दौरान तीनों सेटों में बेहतरीन खेल देखने को मिला. ख़ासकर दूसरे सेट में दोनों के बीच लंबा संघर्ष हुआ लेकिन बाज़ी मरे के हाथ लगी जब उन्होंने 7-5 से दूसरा सेट जीता.

मरे ने आख़िरकार तीसरा सेट 6-4 के अंतर से जीत कर <link type="page"><caption> विंबलडन</caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/07/130707_bbc_apology_for_remark_on_bartoli_rns.shtml" platform="highweb"/></link> पुरूष एकल का ताज अपने नाम कर लिया.

खेल विशेषज्ञों का कहना है कि रविवार को खेले गए फ़ाइनल मैच में जोकोविच अपने रंग में बिल्कुल भी नहीं दिख रहे थे. यहां तक की जोकोविच के कई रिटर्न्स सीधे नेट में जा टकराए जहां पर उन्हें आसानी से अंक मिल सकते थे.

शानदार प्रदर्शन

दूसरी तरफ़ एंडी <link type="page"><caption> मरे </caption><url href=" Details Setup & Layout Main Promotion Social Media Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/sport/2013/07/130704_tennis_wimbledon_dp.shtml" platform="highweb"/></link>ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया. उनकी कोट कवरेज बहुत ही शानदार थी. कई मौक़ों पर तो मरे ने अविश्नीय खेल का प्रदर्शन किया.

ख़ासकर उनके दोनों हाथों से लगाए गए बैकहैंड रिटर्न्स का जोकोविच के पास कोई जवाब नहीं था.

1966 फ़ुटबॉल विश्व कप जीत के बाद ब्रिटेन के खेल इतिहास का सबसे बड़ा दिन.
इमेज कैप्शन, 1966 फ़ुटबॉल विश्व कप जीत के बाद ब्रिटेन के खेल इतिहास का सबसे बड़ा दिन.

रविवार को मरे ने अपना सांतवा ग्रैंडस्लैम फ़ाइनल मैच खेला जबकि जोकोविच के साथ ग्रैंडस्लैम में यह उनका चौथा मुक़ाबला था.

रविवार का दिन 1966 में फ़ुटबॉल विश्व कप जीतने के बाद ब्रिटेन के खेल इतिहास का शायद ये सबसे बड़ा दिन था. 77 साल बाद ब्रिटेन का कोई पुरूष खिलाड़ी विंबलडन एकल ख़िताब जीतने में सफल हुआ.

इससे पहले 1936 में ब्रिटेन के फ़्रेड पेरी ने विंबलडन पुरूष एकल ख़िताब जीता था.

साल 2012 में भी मरे विंबलडन के फ़ाइनल में पहुंचे थे लेकिन तब उन्हें फ़ेडरर से हार का सामना करना पड़ा था.

एंडी मरे का ये दूसरा ग्रैंडस्लैम ख़िताब है, इससे पहले वो साल 2012 में अमरीकी ओपन भी जीत चुके हैं.

भारतीय पहलू

2013 के विंबलडन फ़ाइनल का एक भारतीय पक्ष भी था. मैच के शुरू में भारत से लंदन पहुंची एक छोटी सी लड़की की मुस्कान ने स्टेडियम में बैठे 15 हज़ार लोगों का मन मोह लिया.

11 वर्षीय <link type="page"><caption> पिंकी सोनकर</caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130617_smile_pinki_wimbledon_tb.shtml" platform="highweb"/></link> जब पैदा हुई थीं तो उसका होंठ कटा हुआ था. स्माइल ट्रेन नाम की एक अंतरराष्ट्रीय चैरिटी संस्था ने 2007 में उसका सफल ऑपरेशन कराकर उसे एक मनोहारी मुस्कान दी है. इसका ज़िक्र ऑस्कर विजेता शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री 'स्माइल पिंकी' में भी किया गया था.

इसी संस्था की ओर से पिंकी को रविवार को सेंटर कोर्ट में लाया गया था जहां पिंकी ने सिक्का उछाल कर टॉस किया, जिसके बाद से मैच शुरू हुआ.

इससे पहले <link type="page"><caption> सेमीफ़ाइनल</caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/sport/2013/07/130705_wimbledon_men_semifinals_ar.shtml" platform="highweb"/></link> में मरे ने पोलैंड के 24वीं वरीयता प्राप्त जेर्जी जानोविज को लगभग तीन घंटों तक चले 'छत' विवाद वाले मैच में 6-7, 6-4, 6-4, 6-3 से हरा कर विंबलडन टेनिस ग्रैंडस्लैम के पुरुष एकल के फाइनल में जगह बनाई थी. जबकि नोवाक जोकोविच ने शुक्रवार को इतिहास में विंबलडन के सबसे लंबे सेमीफ़ाइनल में जुआन डेल पोत्रो को 7-5, 4-6, 7-6, 6-7, 6-3 से हराकर 11वीं बार ग्रैंडस्लैम फ़ाइनल में जगह बनाई थी.

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