आईपीएल 2023 नीलामी: कुछ अनजान चेहरे जिनकी खुली क़िस्मत, किसी को नहीं मिला ख़रीदार

    • Author, विधांशु कुमार
    • पदनाम, खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए

आईपीएल 2023 का मिनी ऑक्शन एक मेगा इवेंट बनकर उभरा जिसमें रिकॉर्ड तोड़ पैसे खर्च हुए, कुछ क पहचान वाले चेहरों ने टीमों में एंट्री की, वहीं कई खिलाड़ियों को कोई भी खरीदार नहीं मिला.

अगर आप भारतीय सेलेक्टर्स से पूछेंगे कि भारतीय टीम को किस तरह के प्लेयर की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है तो उनकी लिस्ट में सबसे ऊपर आएगा एक फास्ट बोलिंग ऑलराउंडर, एक ऐसा तेज़ गेंदबाज़ जो बैटिंग भी कर सके.

हालांकि टीम में हार्दिक पांड्या ऐसे एक खिलाड़ी हैं, लेकिन वो लगातार चोट से जूझते रहते हैं और उनका वर्कलोड मैनेज करना ज़रूरी हो गया है. इसके अलावा बेंच स्ट्रेंथ के हिसाब से भी एक दूसरा ऐसा खिलाड़ी सेलेक्टर्स के खोज की रडार में है.

बोलिंग ऑलराउंडर के लिए तमाम टीमों के बीच होड़ मची हुई है.

ख़ैर भारतीय सेलेक्टर्स की खोज़ जहां जारी है, वहीं आईपीएल की टीमों ने मिनी ऑक्शन में बोलिंग ऑलराउंडर्स के लिए खज़ाने खोल दिए.

सैम करन

इस क्रम में सबसे ज़्यादा बोली इंग्लैंड के युवा ऑलराउंडर सैम करन पर लगी. करन हाल ही में खत्म हुए टी20 वर्ल्ड कम में विजेता इंग्लैंड की टीम के सदस्य थे और इस टूर्नामेंट के प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़ भी वही चुने गए थे.

इस बार के ऑक्शन में 6 टीमों ने सैम करन के लिए रुचि जताई जिसके चलते उन पर बोली लगातार बढ़ती रही. दिल्ली, लखनऊ, चेन्नई, पंजाब, राजस्थान और मुंबई ने उन पर बोली लगाई जो पंजाब के 18.5 करोड़ पर खत्म हुई.

इससे पहले सबसे कीमती खिलाड़ी का तमगा साउथ अफ्रीका के क्रिस मॉरिस के गले लगा था जिन्हें पिछले साल राजस्थान रॉयल्स ने 16.25 करोड़ में खरीदा था.

करन इससे पहले 2019 में भी पंजाब के लिए खेल चुके हैं लेकिन आज वो पहले से ज्यादा निखर चुके हैं और पंजाब को उम्मीद है कि पहली बार उन्हें टाइटल जिताने में वो बड़ी भूमिका निभाएंगे.

कैमरन ग्रीन

अंग्रेज़ी में एक शब्द है ग्रीन हॉर्स जो ऐसे घोड़े को कहा जाता है जिसे अनुभव की कमी हो. ऑस्ट्रेलिया के कैमरन ग्रीन अपने पहले आईपीएल में ग्रीन हॉर्स ही थे लेकिन मुंबई इंडियंस ने उन्हें लंबी रेस का घोड़ा माना और उन पर बड़ा दांव लगा डाला. मुंबई ने उन्हें 17.6 करोड़ में खरीदा और वो इस ऑक्शन के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी साबित हुऐ.

ग्रीन तेज़ बोलिंग कर सकते हैं और टॉप 3 में बैटिंग करने की सलाहियत भी रखते हैं, शायद इसलिए मुंबई इंडियंस ने ट्वीट कर कहा कि ग्रीन उनकी टारगेट में थे जिसे उन्होंने पूरा किया. जोफ्रा आर्चर और इसी नीलामी में खरीदे गए झाइ रिचर्डसन के साथ कैमरन ग्रीन मुंबई के लिए खतरनाक पेस बोलिंग अटैक बना सकते हैं.

बेन स्टोक्स

इंग्लैंड के कप्तान और दुनिया के' बेहतरीन ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के लिए चेन्नई सुपरकिंग्स ने कोई कमी नहीं छोड़ी. उन्हे खरीदने के लिए कोलकाता की टीम भी बेताब थी, लेकिन अंत में 16 करोड़ के साथ चेन्नई ने बाज़ी मारी.

बाद में एक स्पोर्ट्स चैनल को इंटर्व्यू में क्रिस गेल ने कहा कि चेन्नई के पास पहले ही कई ऐसे खिलाड़ी है जो दबाव झेल सकते हैं और स्टोक्स के साथ इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है.

धोनी की टीम में स्टोक्स को ओपनर का भी रोल मिल सकता है जिसके लिए वो तैयार हैं. स्टोक्स चेन्नई के लिए 'लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट' भी हैं, जब कभी धोनी आईपीएल खेलने को अलविदा कहेंगे, स्टोक्स के रूप में टीम के पास कप्तानी का विकल्प तैयार है.

हैदराबाद को मिला नया कप्तान?

केन विलियम्सन को रिलीज़ करने के बाद हैदराबाद की टीम को एक भारतीय ओपनर के अलावा कप्तान की भी ज़रूरत थी जो उन्होंने शायद मयंक अग्रवाल को खरीद कर उन्होंने पूरा कर लिया है.

हालांकि कप्तानी के लिए हैदराबाद के पास भुवनेश्वर कुमार भी हैं, लेकिन वो शायद सभी मैच ना खेल पाएं ऐसे में टीम को एक ऐसा बल्लेबाज़ चाहिए था जो सभी मैच खेले और जिसके पास कप्तानी का भी अनुभव हो.

अग्रवाल के लिए हैदराबाद ने कोई कमी नहीं छोड़ी और उन्हें 8.25 करोड़ में खरीद डाला.

इनके अलावा कुछ ऐसे खिलाड़ी भी रहे जो अपने बेस कीमत से बहुत ज़्यादा में बिके और एक्सपर्ट्स की मानें तो वो शायद उस वैल्यू के ना साबित हों जितने में वो खरीदे गए.

निकोलस पूरन

इनमें सबसे पहला नाम निकोलस पूरन का आता है जिन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स ने 16 करोड़ में खरीदा जबकि उनका बेस प्राइस 2 करोड़ ही था. बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज़ पूरन को हैदराबाद ने रिलीज़ किया था.

लखनऊ के पास पहले से ही विकेटकीपर के रूप में क्विंटन डिकॉक मौजूद हैं, उनके अलावा टीम में कप्तान केएल राहुल भी कीपिंग कर सकते हैं. ऐसे में पूरन को शायद लखनऊ ने विशिष्ट बल्लेबाज़ के तौर पर चुना. हालांकि उनके पास टैलेंट का भंडार है लेकिन उनकी बैटिंग में कंसिसटेंसी की कमी है.

हैरी ब्रुक्स

इंग्लैंड के इस युवा बल्लेबाज़ के लिए हैदराबाद ने 13.5 करोड़ खर्च किए. उन्हें राजस्थान से कड़ी टक्कर मिली जिन्होंने 13 करोड़ तक की बोली लगा दी थी, लेकिन उसके बाद राजस्थान के खज़ाने में कुछ लाख रुपए ही बचे थे जिसकी वजह से इस नीलामी में सबसे बड़े पर्स के साथ भाग लेने वाले हैदराबाद ने ब्रुक्स को खरीद लिया.

हैदराबाद के पास टीम में भारतीय बोलर्स की कमी नहीं है जिन्होंने उन्हें पिछले सीज़न में भी अच्छा प्रदर्शन करके दिया था. शायद इसलिए हैदराबाद का प्लान था मिडिल ऑर्डर में विदेशी बल्लेबाज़ों को भरना, जो उन्होंने ब्रुक्स को लेकर पूरा किया.

उनके पास पहले से ही ग्लेन फिलिप्स (जो कीपिंग भी कर सकते हैं) और एडन मारक्रम भी मौजूद हैं.

हेनरिक क्लासेन

हैदराबाद ने साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज़ क्लासेन को 5.25 करोड़ में खरीदा.लेकिन क्या वो टीम के बैलेंस में सही खिलाड़ी साबित होंगे?

अगर वो खेलेंगे तो हैदराबाद को फिलिप्स और मारक्रम में एक को बाहर बिठाना पड़ सकता है. क्लासेन को आईपीएल में आखिरी बार 2019 में बेंगलुरु ने खरीदा था जिसके बाद तीन साल तक वो आईपीएल में बेरोज़गार थे. उन्होंने आईपीएल में अबतक 7 मैचों में 115 की स्ट्राइक रेट से 66 रन बनाए हैं.

शिवम मावी

वहीं गुजरात ने कोलकाता के लिए खेलने वाले तेज़ गेंदबाज़ शिवम मावी को 6 करोड़ में खरीदा जो किसी ऐसे भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी रकम जिसने अभी तक भारत के लिए नहीं खेला हो. मावी का बेस प्राइस 40 लाख था लेकिन उन्हें खरीदने के लिए त्रिकोणीय संघर्ष में उनकी कीमत 15 गुना बढ़ गई.

युवा चेहरे

जहां सबकी नज़र बड़े खिलाड़ियों पर टिकी हुई थी, वहीं इस नीलामी में कुछ युवा और आईपीएल से अब तक अनजान खिलाड़ियों ने भी बाज़ी मार ली. कुछ अपने बेस प्राइस पर ही बिके तो कुछ खिलाड़ियों ने रिकॉर्ड ही तोड़ दिया.

मुकेश कुमार

बिहार के तेज़ गेंदबाज़ मुकेश कुमार, जो बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, उन्हें दिल्ली ने 5.5 करोड़ में खरीदा. इस तरह वो शिवम मावी के बाद दूसरे सबसे महँगे भारतीय खिलाड़ी साबित हुए जो अभी तक भारत के लिए नहीं खेल पाए हैं. मुकेश कुमार की कहानी भी रोचक है.

बिहार के गोपालगंज के कुमार बचपन से ही क्रिकेट में शानदार थे लेकिन बिहार की रणजी टीम ना होने की वजह वो कोलकाता चले आए जहां उनके पिता टैक्सी चलाते थे. कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने बंगाल की टीम में जगह बनाई. वो भारतीय ए टीम से भी खेल चुके हैं और साउथ अफ्रीका के साथ हुई सिरीज़ में भारतीय टीम का हिस्सा भी थे हालांकि उन्हें कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिला था.

पिछले सीज़न वो दिल्ली की टीम में नेट बोलर के तौर पर थे, लेकिन दिल्ली की मैनेजमेंट को उनकी तेज़ी और गेंद को सही लाइन और लेंथ में डालने की काबिलियत पसंद आई जिसकी वजह से वो टीम में आ गए. मुकेश के लिए और भी अच्छी बात ये रही कि उनके लिए दूसरी टीमों ने भी बोलियों की बारिश लगा दी जिसकी वजह से उनकी कीमत में कई गुणा इज़ाफ़ा हो पाया.

विव्रांत शर्मा

जम्मू कश्मीर के विव्रांत शर्मा को हैदराबाद ने 2.6 करोड़ में खरीदा जो उनके 20 लाख के बेस प्राइस से 13 गुणा ज्यादा था. बाएं हाथ के बल्लेबाज़ और स्पिनर शर्मा ने विजय हजारे ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन दिखाया जिसका फायदा उन्हेंइस ऑक्शन में हुआ. उनके लिए कोलकाता और हैदराबाद में प्राइस वॉर देखी गई जिसमें आखिरकार हैदराबाद को जीत मिली.

नारायण जगदीशन

पिछले सीज़न चेन्नई के लिए खेलने वाले एन जगदीशन को कोलकाता ने 90 लाख में खरीदा. विकेटकीपर-बल्लेबाज़ जगदीशन को धोनी के होने की वजह से चेन्नई टीम में ज्यादा मौका नहीं मिल सका लेकिन उन्होंने उसके बाद विजय हज़ारे ट्रॉफी में शानदार बैटिंग कर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया. उन्होंने 5 लगातार शतक लगाया दो कि लिस्ट ए क्रिकेट में नया रिकॉर्ड बन गया है.

इनके अलावा कुछ बड़े खिलाड़ियों को किसी भी टीम में जगह नहीं मिली जिसमें बांग्लादेश के शाकिब अल हसन,ऑस्ट्रेलिया के एडम जैम्पा, इंग्लैंड के डाविड मलान और न्यूज़ीलैंड के जिमी नीशम शामिल रहे.

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