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हैकरों में छिड़ी वायरस फैलाने की जंग | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़ - 2000 में हाल ही में पाई गई ख़ामियों से फ़ायदा उठाने वाले वायरसों को लेकर हैकर्स में एक जंग सी छिड़ गई है. हैकर्स के बीच प्रभावित कंम्प्यूटरों पर क़ब्ज़ा जमाने की लड़ाई चल रही है. कुछ वायरस जिन कंम्यूटरों में जगह बना पाते हैं वहाँ प्रतिस्पर्धी वायरसों का पता लगा कर उन्हें वहाँ से हटा देते हैं. विन्डोज़ 2000 के प्लग एंड प्ले भाग में वायरस की वजह से क्षीणता आ जाती है. विन्डोज़ 2000 की ख़ामियां विन्ड़ोज़ एक्सपी प्रोग्राम चला रहे उन कंम्प्यूटरों को भी प्रभावित करती हैं जिन्होंनें सुरक्षा व्यवस्था के आधुनिक प्रबंध स्थापित नहीं किए होते. बड़ी संख्या में लिखे गए हानिकारक प्रोग्रामों के चलते इस हफ़्ते कई संगठनों को मुश्किल का सामना करना पड़ा जब वायरसों ने कंम्प्यूटरों को प्रभावित करना शुरू कर दिया. वायरस इस सप्ताह के आंरभ में फाइनेंशियल टाइम्स, भारी मशीनें बनाने वाले संगठन कैटरपिलर, एबीसी न्यूज़ और सीएनएन जैसे संगठनों ने सूचित किया कि उनके कंम्प्यूटर वायरस से प्रभावित हुए हैं. विभिन्न प्रतिस्पर्धी गुटों की ओर से छोड़े गए 11 वायरसों को रोकने के लिए एक पैच 9 अगस्त को जारी किया गया और कुछ दिनों बाद ही इसका तोड़ भी सामने आ गया. अधिकतर बड़े संगठनों में विन्डोज़ 2000 ही इस्तेमाल में लाया जाता है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का कहना है प्रभावित होने वाले संगठनों की संख्या कम रही है. माइक्रोसॉफ़्ट ने प्रभावित कंम्प्यूटरों से ज़ोटोब और इसके दूसरे वायरसों को अपनेआप हटाने के लिए एक प्रोग्राम जारी किया है जिसे मुफ़्त में पाया जा सकता है. क़ानूनी कार्रवाई वायरस से सुरक्षा प्रदान करने वाली ‘क्लीयरस्विफ्ट’ और ‘एफ-सैक्यौर’ कंपनियों का कहना है कि अब वायरसों के नए रुप बनाए जा रहे हैं जो प्रतिस्पर्धी गुटों के वायरसों को नष्ट करने की कोशिश करते हैं. एफ-सैक्यौर कंपनी के मुख्य शोध अधिकारी मिक्को हाइपोनेन का कहना है कि “ऐसा लगता है कि ‘बॉट’ से हमारी लड़ाई चल रही है”. उनका कहना है कि “ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वायरस लिखने वाले तीन गैंग बहुत तेज़ी से नए वायरस छोड़ रहे हैं, और प्रभावित कंम्प्यूटरों का सबसे बड़ा साम्राज्य खड़ा करने के लिए उनमें आपस में होड़ लगी है”. विन्डोज़ 2000 की ख़ामियों का फायदा उठाने वाले बोज़ोरी और आइआरसीबॉट वायरस जिन कंम्प्यूटरों में जगह बना लेते है, वहाँ ज़ोटॉब, आरडीबॉट और एसडीबॉट जैसे वायरसों को ख़त्म कर देते हैं. माइक्रोसॉफ़्ट ने लोगों से अनुरोध किया है कि स्वचालित आधुनिक सुरक्षा प्रबंध अपनाएँ और इस बात पर नज़र रखें कि अन्य सुरक्षा प्रोग्रामों को लगातार आधुनिक रुप दिया जा रहा है. कंपनी की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि “हमारे विश्लेषण से पता चला है कि कंम्प्यूटरों को प्रभावित करने वाले वायरस ज़ोटॉब वायरस के ही दूसरे रुप हैं”. कंपनी ने आगे कहा है कि “वो क़ानूनी संस्थाओं की मदद से इस हानिकारक काम में लगे लोगों का पता लगाने और उन्हें क़ानून के हवाले करने के काम में जुटी है”. |
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