ई-सिगरेट पियो- धूम्रपान की आदत छोड़ो!

धूम्रपान छोड़ने की ख्वाहिश रखने वालों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट यानी ई सिगरेट मददगार साबित हो सकती है.
ई सिगरेट धूम्रपान छोड़ने में निकोटीन पैच जितनी ही प्रभावी हो सकती हैं.
हाल ही में हुए शोधों के अनुसार तेजी से लोकप्रिय हो रहा यह उपकरण निकोटीन वाली भाप पैदा करता है.
यूरोपीय श्वसन संस्था में प्रस्तुत शोध के अनुसार ई सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले उतने ही लोगों ने धूम्रपान छोड़ा है जितना पैचेस इस्तेमाल करने वालों ने.
हालांकि सुरक्षा को लेकर लंबे समय तक आंकड़ों की ज़रूरत बताई गई है.
ई <link type="page"><caption> सिगरेट</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/07/130702_cigarette_pack_ra.shtml" platform="highweb"/></link> न सिर्फ़ निकोटीन का स्वाद देती है बल्कि यह <link type="page"><caption> धूम्रपान</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2013/01/130102_cigarette_stress_va.shtml" platform="highweb"/></link> करने का अहसास भी देती है.
इससे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि यह उपकरण लोगों की धूम्रपान की आदत छुड़वाने में ज़्यादा कारगर साबित हो सकता है.
नियमन नहीं
न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड विश्वविद्यालय की एक टीम ने निकोटीन पैच और ई सिगरेट की तुलना करते हुए 657 लोगों पर पहला क्लीनिकल प्रयोग किया.
'लान्सेंट' पत्रिका में प्रकाशित परिणामों के अनुसार ई सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले 7.3% लोगों ने छह महीने बाद इसे छोड़ दिया जबकि धूम्रपान को अलविदा कहने के लिए पैच का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 5.8% रही.

हालांकि इस शोध में पर्याप्त संख्या में लोगों को शामिल नहीं किया गया ताकि यह साबित किया जा सके कि यह विश्वसनीय रूप से बेहतर उपाय है.
छह महीने के दौरान ई सिगरेट पीने वाले 57 प्रतिशत लोगों ने <link type="page"><caption> सिगरेट</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2012/12/121204_cigarettes_australia_sdp.shtml" platform="highweb"/></link> की संख्या आधी कर दी, वहीं पैच का इस्तेमाल करने वालों में ये तादाद 41 प्रतिशत रही.
ऑकलैंड विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर क्रिस बुलेन कहते हैं, "हालांकि शोध के परिणाम छह महीने बाद <link type="page"><caption> धूम्रपान</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2012/12/121207_hangover_smoking_aa.shtml" platform="highweb"/></link> त्यागने में ई सिगरेट और पैच में कोई स्पष्ट अंतर नहीं दिखते हैं. लेकिन यकीनन यह लगता है कि धूम्रपान में कटौती करवाने में ई सिगरेट ज़्यादा प्रभावी है."
"मज़ेदार बात यह भी है कि शोध में हिस्सा लेने वाले लोगों में पैच के मुकाबले ई सिगरेट को लेकर ज़्यादा उत्सुकता थी."
"कई देशों में इनकी बढ़ती लोकप्रियता और साथ ही साथ नियम बनाने को लेकर अनिश्चितता के चलते बड़े और लंबे समय के प्रयोग किए जाने ज़रूरी हैं ताकि इस उपकरण की धूम्रपान निरोधी क्षमताओं को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सके."
दीर्घकालिक अध्ययन की ज़रूरत
हालांकि दुनिया भर में ई सिगरेट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसके नियमन की कोशिशें भी तेज हो रही हैं.

यूरोपीय संघ और ब्रिटेन दोनों दवाइयों की तरह ही ई सिगरेट के नियमन के उपायों पर काम कर रहे हैं.
उत्पादकों में भी इसे लेकर मतभेद हैं. कुछ कहते हैं कि यह धूम्रपान को सामान्य बनाता है और तो दूसरे कहते हैं कि इससे लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद मिल सकती है.
लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय में तंबाकू निर्भरता शोध इकाई के प्रोफ़ेसर पीटर हाएक ने इस शोध को "राह दिखाने वाला" कहा है.
"महत्वपूर्ण बात, इससे दिक्कत कम पैदा होती है और ई सिगरेट निकोटीन पैच जितनी ही प्रभावी हैं."
"कई धूम्रपान करने वालों को ई-सिगरेट पैच के मुकाबले ज़्यादा पसंद आती है. कई देशों में यह आसानी से उपलब्ध भी है क्योंकि इस पर निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी पर लागू होने वाले प्रतिबंध लागू नहीं होते. न ही इस पर पेशेवर स्वास्थ्य कर्मियों पर होने वाला खर्च होता है."
"इन फ़ायदों से लगता है कि ई सिगरेट धूम्रपान निरोध को बढ़ाने की क्षमता रखता है और इसे छोड़ने का खर्च कम कर सकता है."
हालांकि इस पर लंबे समय तक शोध किए जाने की ज़रूरत है ताकि इस उपकरण के प्रभाव का अध्ययन किया जा सके.
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