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'संदिग्ध चरमपंथियों' को मारने का दावा
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अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान विरोधी अभियान चला रही अमरीकी सेना का दावा है कि ताज़ा कार्यवाही में उन्होंने 14 चरमपंथियों को मार
दिया है.
अमरीकी सेना का दावा है कि खोस्त प्रांत में सेना की चरमपंथियों से मुठभेड़ हुई जिसमें 14 संदिग्ध चरमपंथी मारे गए. हालांकि खोस्त प्रांत के गवर्नर अमरीकी सेना के इस दावे को सिरे से ख़ारिज करते हैं. गवर्नर अर्सल्लाह जमाल ने बताया है कि सेना का यह दावा सही नहीं है क्योंकि जिन लोगों की इस हमले में मौत हुई है वो दरअसल एक निजी सुरक्षा सेवा के लिए काम करते थे. उन्होंने कहा कि ये लोग निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी थे और इनको चरमपंथी बताना ग़लत है. उधर सेना का दावा है कि मारे गए लोग चरमपंथी हैं और सेना ने उनपर हमला तब किया जब उन्होंने सेना पर गोलीबारी की. सेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक सैनिकों ने संदिग्ध चरमपंथियों के वाहन को रोकना चाहा तो उन्होंने गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं. सेना प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद ही सैनिकों ने उनपर जवाबी कार्यवाही की जिसमें 14 चरमपंथी ढेर हो गए. सेना पर सवाल ग़ौरतलब है कि अमरीकी सेना की ओर से ताज़ा हमले पर सवाल ऐसे समय में उठ रहे हैं जब अफ़ग़ानिस्तान में अपने हमलों और हमलों में मारे गए आम लोगों के मुद्दे पर अमरीकी सेना को कड़े विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. जानकार मानते हैं कि इस तरह की कार्यवाहियों से जहाँ सेना की छवि पर असर पड़ता है वहीं इससे सेना स्थानीय लोगों के बीच अपना विश्वास भी खोती है. अफ़ग़ानिस्तान सरकार भी तालेबान विरोधी अभियान में आम लोगों के मारे जाने के मुद्दे को पिछले कुछ समय से गंभीरता पूर्वक उठाने लगी है. |
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