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गुजरात में चुनाव प्रचार ख़त्म
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गुजरात में पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार रविवार को ख़त्म हो गया. अंतिम दिन नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस नेता राहुल
गांधी ने भी चुनाव प्रचार किया.
गुजरात में राहुल गांधी का यह पहला चुनाव प्रचार था. जिसमें उन्होंने मोटरवाहन से प्रचार किया. कांग्रेस पार्टी ने इसे राहुल का रोडशो बताया, जो छह घंटे तक चला. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुजरात में कई सभाएं की थीं. चुनावों में मुख्य मुक़ाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है. इस बार के चुनाव प्रचार की ख़ासियत यह रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच ज़बर्दस्त वाक् युद्ध चला. पहले चरण में 11 दिसंबर को 182 में से 87 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे. इस चरण में एक करोड़ 78 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इसमें 93 लाख 14 हज़ार से अधिक पुरुष और 85 लाख 63 हज़ार से अधिक महिला मतदाता शामिल हैं. इन 87 विधानसभा क्षेत्रों में 669 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. पहले चरण में मोदी सरकार में वित्त मंत्री बिजू भाई वाला, जल संसाधन मंत्री नरोत्तम पटेल और शहरी विकास मंत्री आईके जडेजा के विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा. पिछले एक माह से गुजरात कि फ़िजा पर चुनाव प्रचार का रंग चढ़ा हुआ है, लेकिन हाल के दिनों में प्रचार की आड़ में हमले निजी स्तर तक पहुँच गए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक रैली में कहा था कि 'राज्य की सत्ता पर मौत के सौदागर' बैठे हैं. इसके ठीक एक दिन बाद भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी ने सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी मुठभेड़ का मामला उठा दिया. इस चुनाव में भाजपा को सिर्फ़ कांग्रेस ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी से भी चुनौती मिल रही है. पटेल समुदाय के एक बड़े वर्ग का समर्थन रखने वाले केशुभाई पटेल ने भाजपा से किनारा किया हुआ है तो वहीं वरिष्ठ नेता सुरेश मेहता ने भाजपा को अलविदा कहने का संकेत देते हुए राज्य अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. चुनाव आयोग गुजरात में चुनाव प्रचार की गर्मी चुनाव आयोग तक जा पहुंची है और आयोग ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटिस भी जारी किए हैं. हालांकि मोदी ने नोटिस के जवाब में कहा है कि उन्हें जिस बयान के आधार पर नोटिस दिया गया है वो भ्रामक मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है और उन्होंने कभी भी फ़र्ज़ी मुठभेड़ों को सही नहीं ठहराया है. उल्लेखनयीय है कि मंगरोल में एक सभा के दौरान मोदीन ने कथित तौर पर सोहराबुद्दीन की पुलिस मुठभेड़ को जायज़ ठहराया था. मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया और वो तो बस सोनिया गांधी के आरोपों का जवाब दे रहे थे. सोनिया ने अपने एक भाषण में कहा था कि गुजरात में 'मौत के सौदागर' बैठे हैं. |
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