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शुक्रवार, 23 नवंबर, 2007 को 14:26 GMT तक के समाचार
 
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सिलसिलेवार धमाकों में तेरह मारे गए
 

 
 
वाराणसी में अदालत परिसर के अंदर धमाके के बाद का दृश्य
वाराणसी में अदालत परिसर के अंदर हुए धमाके में एक अधिवक्ता की घटनास्थल पर मौत हो गई
भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी और फ़ैज़ाबाद शहरों में अदालतों के पास सिलसिलेवार बम धमाके हुए हैं. इनमें 13 लोग मारे गए हैं और लगभग 75 घायल हुए हैं.

ये विस्फोट शुक्रवार दोपहर भारतीय समयानुसार लगभग एक बजकर बीस मिनट पर हुए. ऐसी सूचना मिली है कि विस्फोट से पहले किसी चरमपंथी संगठन ने दिल्ली के एक समाचार चैनल को ई-मेल के ज़रिए जानकारी दी थी कि वे उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में विस्फोट करने जा रहे हैं.

लगभग एक ही समय पर हुए इन धमाकों के बाद राज्य भर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा तीनों शहरों में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एनएसजी और बम निरोधक दस्तों को बुला लिया गया है.

पुलिस ने आशंका जताई है कि इन जगहों पर कुछ ऐसे बम भी हो सकते हैं जो अभी फटे न हों. विस्फोट के आसपास के क्षेत्रों में संचार व्यवस्था को जाम कर दिया गया है.

इन धमाकों में 13 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं.

वाराणसी में हुए दो धमाके में नौ लोगों की मौत हो गई और 22 अन्य घायल हैं.

कई घायलों को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

फ़ैज़ाबाद में हुए दो विस्फोटों में भी चार लोगों के मारे जानी की ख़बर है.

 ''मैं जहाँ खड़ी थी उसके बगल वाले खंभे के पास ही विस्फोट हुआ. उसके कुछ देर बाद दूसरा विस्फोट क्लेक्ट्रेट में हुआ. एक अधिवक्ता भोला सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हुई और कई लोग घायल हैं
 
बनारस में एक प्रत्यक्षदर्शी

लखनऊ के सिविल कोर्ट में साइकल के ज़रिए किए गए धमाके में कोई भी हताहत नहीं हुआ है. विस्फोट को सुरक्षा में चूक मानते हुए लखनऊ में वकील सड़कों पर उतर आए हैं और नारेबाज़ी कर रहे हैं.

मोटरसाइकिल, साइकिलों का इस्तेमाल

हालांकि राज्य के पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह ने इन धमाकों में फ़िलहाल चार लोगों के मारे जाने की ही पुष्टि की है. मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि वाराणसी और फ़ैज़ाबाद में दो-दो लोगों की मौत हुई है.

इन शहरों में अफ़रा-तफ़री का माहौल है और कई लोग घटनास्थल पर जमा हैं या फिर उस तरफ़ जा रहे हैं.

राज्य के प्रमुख गृह सचिव जेएन चैंबर ने मीडिया को बताया कि वाराणसी में दो मोटरसाइकिल में रखे बम के ज़रिए धमाके किए गए. उनके अनुसार फ़ैज़ाबाद में साइकिल के ज़रिए दो धमाके किए गए हैं.

वाराणसी में मौजूद बीबीसी संवाददाता पाणिनी आनंद को एक प्रत्यतक्षदर्शी वकील मीरा यादव ने बताया, ''मैं जहाँ खड़ी थी उसके बगल वाले खंभे के पास ही विस्फोट हुआ. उसके कुछ देर बाद दूसरा विस्फोट क्लेक्ट्रेट में हुआ.''

हैदराबाद (फ़ाइल फ़ोटो)
इससे पहले लुधियाना, हैदराबाद और अजमेर में भी धमाके हुए थे

उन्होंने बताया, ''एक अधिवक्ता भोला सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. इसके अलावा भी कई लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं.''

भारत के गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा, "ये विस्फोट सुनियोजित तरीक़े से किए गए हैं, अन्यथा कुछ ही क्षणों के अंदर तीन शहरों में धमाके नहीं हो सकते थे."

उन्होंने राज्य के लोगों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि ये सब भय और आतंक का माहौल बनाने के लिए किया गया है.

उत्तर प्रदेश निशाने पर

पिछले सप्ताह ही लखनऊ में तीन संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार तीनों का ताल्लुक चरमपंथी संगठन जैश-ए- मोहम्मद से है और ये तीनों पाकिस्तान के लाहौर, मुल्तान और गुजरावाला के रहनेवाले हैं.

 ये विस्फोट सुनियोजित तरीक़े से किए गए हैं, अन्यथा कुछ ही क्षणों के अंदर तीन शहरों में धमाके नहीं हो सकते थे.ये सब भय और आतंक का माहौल बनाने के लिए किया गया है
 
भारत के गृह राज्यमंत्री

इन संदिग्ध चरमपंथियों ने पत्रकारों से हुई बातचीत में बताया था कि उनका इरादा कांग्रेस महासचिव और सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी का अपहरण करने का था. उनका कहना है कि कि इसके बदले वे अपने 42 साथियों की रिहाई की माँग करने वाले थे.

राज्य के पुलिस महानिदेशक ने बताया था कि इन संदिग्ध चरमपंथियों के पास से दो एके-47 राइफलें, कुछ कारतूस, तीन पिस्तौलें, 16 चाइनीज़ हथगोले और चार किलो संदिग्ध विस्फोटक बरामद किया गया था.

राज्य में इस वर्ष सिलसिलेवार धमाके होने की यह दूसरी घटना है. इसी वर्ष 22 मई को गोरखपुर ज़िले में सांप्रदायिक तनाव के लिहाज़ से संवेदनशील गोलघर इलाक़े में लगातार तीन बम विस्फोट हुए थे.

इससे पूर्व गत वर्ष सात मार्च को वाराणसी में तीन सिलसिलेवार बम धमाके में कम से कम 15 लोग मारे गए थे और 60 से ज़्यादा घायल हो गए थे.

 
 
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