शनिवार, 04 अगस्त, 2007 को 05:40 GMT तक के समाचार
पूरे उत्तर भारत में बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है. बिहार में 10 लाख लोग बेघर हो गए हैं. पश्चिम बंगाल में लोग कई तरह के रोगों का शिकार हो रहे हैं.
सहायता एजेंसियों ने उत्तर भारत, बांग्लादेश और नेपाल में बाढ़ पीड़ितों तक अविलंब रात पहुँचाने की अपील की है.
दक्षिण एशिया में आए विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित करोड़ों लोगों की सहायता के लिए वहाँ की सरकारें और राहत एजेंसियाँ अपने प्रयास तेज़ करने में जुटी हैं.
चैरिटी संस्था सेव द चिल्ड्रेन ने वित्तीय सहायता के लिए अपील जारी की है. संस्था को आशंका है कि बाढ़ के कारण प्रभावित इलाक़ों में खाद्यान्न और दवाओं की कमी हो सकती है.
तीनों देशों में दो करोड़ से ज़्यादा आबादी को भोजन, पेयजल और दवाओं की ज़रूरत है.
भारत में सबसे ज़्यादा बिहार और उत्तर प्रदेश प्रभावित हुए हैं.बाढ़ से मरने वालों का आँकड़ा शुक्रवार तक 163 तक पहुँच गया.
हालाँकि ग़ैर सरकारी सूत्रों के अनुसार मरने वालों की संख्या 200 से अधिक है.
बिहार और उत्तर प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित लाखों लोगों ने सुरक्षित जगहों और शिविरों में पनाह ली है.
बिहार में आपदा प्रबंधन अधिकारियों का कहना है कि राज्य में अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है.
शुक्रवार को बेगूसराय ज़िले में बूढ़ी गंडक नदी का तटबंध टूट जाने के कारण सैंकड़ों गाँव जलमग्न हो गए.
बिहार में मधुबनी ज़िला बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है, जबकि उत्तर प्रदेश में गोरख़पुर, देवरिया, बहराइच आदि ज़िलों में बाढ़ का पानी कहर बरपा रहा है.
उत्तर प्रदेश में सोलन नदी में एक नाव दुर्घटना में 54 लोगों की मौत हो गई है.
मरे
उत्तरी भारत, नेपाल और बांग्लादेश में आई भीषण बाढ़ के कारण क़रीब दो करोड़ लोग विस्थापित हो गए हैं. सड़कें डूबी हुई हैं, सैकड़ों गाँवों का संपर्क टूट गया है और कई नदियाँ ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में सेना राहत कार्य चला रही है लेकिन बीबीसी संवाददाता का कहना है कि राहत कार्य काफ़ी नहीं हैं. बांग्लादेश में हज़ारों लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं.
भारत में सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ कम से कम 200 लोगों की मौत हो गई है जबकि बांग्लादेश में 64 लोग मारे गए हैं.
बाढ़ के कारण विस्थापित होने वालों में भारत के लगभग सवा से डेढ़ करोड़ लोग हैं, बांग्लादेश के लगभग 55 लाख लोग हैं और नेपाल के लगभग सवा लाख लोग हैं.
बिहार में स्थिति चिंताजनक
बिहार सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है जहाँ 16 ज़िलों में विस्थापितों की संख्या ग़ैरसरकारी आँकड़ों के अनुसार लगभग 80 लाख है.
बिहार के दरभंगा, मधुबनी और सीतामढ़ी ज़िलों का संपर्क देश के दूसरे हिस्सों से कटा हुआ है और वहाँ सड़क और रेल यातायात पूरी तरह से ठप्प है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को नालंदा और सहरसा ज़िले में बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लिया.
इससे पहले उन्होंने कहा था कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ से बर्बाद हुई हैं, उन्हें 4000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि दी जाएगी, इसमें केंद्र की 2000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता भी शामिल है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र से और सहायता मांगी गई है.
नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रियों लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान पर बाढ़ के बहाने राजनीति करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "लालू और पासवान सरकारी हैलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राजनीति कर रहे हैं. अगर वाकई में उन्हें बाढ़ पीड़ितों की चिंता होती तो वे पार्टी के ख़र्चे से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते."
आपदा प्रबंधन सचिव मनोज श्रीवास्तव के अनुसार 121 राहत शिविर लगाए गए हैं और पशुओं के लिए 34 शिविर लगाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के हालात
उधर, उत्तर प्रदेश में प्रमुख नदियों घाघरा, सरयू, राप्ती समेत सभी छोटी नदियाँ ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
राज्य के राहत आयुक्त उमेश सिन्हा ने बताया, "प्रदेश में 20 ज़िलों के लगभग 2200 गाँवों के 25 लाख़ से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं."
राज्य में श्रावस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, गोंडा, बहराइच, गोरखपुर और बाराबंकी ज़िले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और कई गाँवों का सड़क संपर्क टूट गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश हुई है.
कई स्थानों पर चट्टानें खिसकने से सड़क यातायात पर असर पड़ा है और बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री जाने वाले श्रद्धालू रास्ते में फँसे हुए हैं.
टिहरी बाँध का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है और प्रशासन ने निचले स्थानों पर रहने वालों को सुरक्षित जगहों पर चले जाने की सलाह दी है.
गंगा नदी कई स्थानों पर ख़तरे के निशान के आसपास बह रही है.